काशीपुर। वरिष्ठ नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य और जीवनशैली को केंद्र में रखते हुए इंडियन ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन (आईओए) काशीपुर शाखा इस वर्ष 3 अगस्त से 10 अगस्त तक बोन एंड जॉइंट सप्ताह आयोजित करने जा रही है। इस बार सप्ताह की थीम “ओल्ड इज गोल्ड” रखी गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में हड्डियों और जोड़ों की सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। इस आयोजन के तहत शहर भर के कोलेबोरेटिव अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों को विशेष छूट दी जाएगी, जहां वे आधी फीस में परामर्श ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त चिकित्सा जांच शिविर भी लगाए जाएंगे, जहां बीएमडी परीक्षण सहित अन्य सेवाएं निशुल्क या रियायती दरों पर उपलब्ध होंगी। इस अभियान का मकसद न सिर्फ बुजुर्गों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सुरक्षित जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की काशीपुर इकाई द्वारा आयोजित इस सप्ताह की घोषणा आज एक प्रेस वार्ता के माध्यम से की गई, जो नगर के आईएमए सेंटर में संपन्न हुई। इस संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. दर्पण गोविल, सचिव डॉ. तरुण सोलंकी, कोषाध्यक्ष डॉ. ए. के. सिरोही, आईएमए अध्यक्ष डॉ. यशपाल रावत, और आईएमए सचिव डॉ. बंसल ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। डॉ. गोविल ने बताया कि हर वर्ष 4 अगस्त को “आईओए बोन एंड जॉइंट डे” के रूप में मनाया जाता है, जिसके अंतर्गत इस बार 3 से 10 अगस्त तक शहरभर में विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से बुजुर्गों को हड्डियों की देखभाल, पोषण, व्यायाम और सुरक्षा के संबंध में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी ताकि वे उम्र के इस पड़ाव पर भी सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकें।
वहीं P2 यानी “Protein & Preventive Checks” पर बात करते हुए डॉ. गोविल ने यह सुझाव दिया कि बुजुर्गों को प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए जिसमें दालें, पनीर, अंडा जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हों। उन्होंने यह भी जोर दिया कि वरिष्ठ नागरिकों को नियमित अंतराल पर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए ताकि किसी भी बीमारी का समय रहते पता चल सके और उसका समुचित इलाज किया जा सके। C2 यानी “Calcium Supplementation & Careful Walks” पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होना सामान्य बात है। उन्होंने सुझाव दिया कि बुजुर्गों को रोजाना कुछ समय धूप में बिताना चाहिए और दूध, दही जैसे कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही उन्होंने बुजुर्गों को सावधानीपूर्वक चलने की सलाह भी दी और कहा कि गिरने से बचाव के लिए विशेष कदम उठाना आवश्यक है।
एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ. ए. के. सिरोही ने बताया कि अक्सर बाथरूम और टॉयलेट में फिसलने के कारण बुजुर्ग गंभीर चोटों का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने लोगों को सजग करते हुए कहा कि घर में बाथरूम और टॉयलेट की फर्श पर फिसलन नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि बाथरूम के अंदर दीवारों पर पकड़ने के लिए हैंडल लगाए जाएं, जिससे बुजुर्ग उठने-बैठने में आसानी महसूस करें। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि रात के समय शौचालय जाने में बुजुर्गों को अपने परिजनों की सहायता लेनी चाहिए और चलने के लिए छड़ी या वॉकर का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। ये छोटे-छोटे उपाय बड़ी दुर्घटनाओं से बचा सकते हैं और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रेस वार्ता में एसोसिएशन के सचिव डॉ. तरुण सोलंकी ने बताया कि 3 अगस्त से शुरू होने वाला यह सप्ताह समाज के उन बुजुर्गों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी पूरी उम्र परिवार और समाज की सेवा में लगा दी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से न केवल बुजुर्गों को हड्डियों की सेहत के प्रति जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें उपचार के लिए उचित सुविधाएं और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। इस अवधि के दौरान नगर में एक रैली का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें शहरवासियों को बुजुर्गों की देखभाल के प्रति जागरूक किया जाएगा। रैली के जरिए यह संदेश दिया जाएगा कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर की देखभाल में लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
डॉ. तरुण सोलंकी ने आगे कहा कि इस अभियान के तहत जो बुजुर्ग 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उन्हें डॉक्टरों की परामर्श फीस में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी और जगह-जगह पर आयोजित चिकित्सा शिविरों में बीएमडी टेस्ट कर उन्हें हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस सप्ताह भर चलने वाले विशेष आयोजन में आईएमए अध्यक्ष डॉ. यशपाल रावत और आईएमए सचिव डॉ. एके बंसल भी अपनी उपस्थिति के साथ इस जनहितकारी प्रयास को सफल बनाने में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने सभी बुजुर्गों और उनके परिजनों से अपील की कि वे इस अभियान का भरपूर लाभ उठाएं और अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।