spot_img
दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए. - महात्मा गांधी
Homeउत्तराखंड"सहर प्रजातंत्र" की खबर से जागा प्रशासन अब मनसा देवी पर चलाएगा...

“सहर प्रजातंत्र” की खबर से जागा प्रशासन अब मनसा देवी पर चलाएगा सफाई अभियान

मनसा देवी मंदिर की पहाड़ी पर पसरे कूड़े को लेकर ‘सहर प्रजातंत्र’ द्वारा प्रकाशीत कि गई खबर के बाद हरकत में आया प्रशासन, चलाएगा विशेष सफाई अभियान।

हरिद्वार। मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई भगदड़ की भयावह घटना के बाद जिस तरह से ‘‘सहर प्रजातंत्र’’ की रिपोर्टिंग ने प्रशासन को हिला कर रख दिया, वह अपने आप में मीडिया की ताकत का एक बड़ा उदाहरण बन गया है। जिस तरीके से ‘‘सहर प्रजातंत्र’’ ने मंदिर क्षेत्र के आस-पास फैले कूड़े के ढेर और सफाई व्यवस्था की अनदेखी को कैमरे में कैद कर जनता के सामने रखा, उसने प्रशासन को कार्रवाई के लिए विवश कर दिया। पवित्र धार्मिक स्थल होने के बावजूद मनसा देवी की पहाड़ी गंदगी और कूड़े के अंबार से पट चुकी है। न केवल मंदिर परिसर, बल्कि पैदल मार्गों और सीढ़ियों के दोनों ओर, दुकानों के पीछे तक कूड़ा बेतरतीबी से फेंका गया है। इस खबर के प्रकाश्ाित किये जाने के कुछ ही दिनों बाद प्रशासन हरकत में आया और अब जिला प्रशासन की अगुवाई में एक विशेष सफाई अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।

राजाजी नेशनल पार्क के वार्डन अजय निंगवाल ने इस बात की पुष्टि की है कि रविवार को सुबह सात बजे से एक विस्तृत सफाई अभियान चलाया जाएगा, जिसमें राजाजी नेशनल पार्क की टीम, नगर निगम के कर्मचारी, जिला प्रशासन और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के सदस्य संयुक्त रूप से भाग लेंगे। अजय निंगवाल ने यह भी बताया कि उनकी ओर से पूर्व में भी समय-समय पर सफाई अभियान चलाए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार हालात की गंभीरता को देखते हुए यह विशेष ड्राइव आवश्यक हो गई है। मंदिर के प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाने वाली सामग्री का अवशेष और साथ ही साथ बड़ी मात्रा में प्लास्टिक की पॉलिथीन वहां कूड़े के रूप में जमा हो चुकी है, जिससे न केवल मंदिर क्षेत्र का सौंदर्य बिगड़ रहा है बल्कि आसपास का पारिस्थितिक संतुलन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद भी पार्क की टीम द्वारा सफाई की गई थी, लेकिन अब और गहराई में जाकर सफाई करना अनिवार्य हो गया है क्योंकि ऊपरी तौर पर की गई सफाई कूड़े की जड़ों तक नहीं पहुंच पा रही है।

मनसा देवी पहाड़ी तक पहुंचने वाले मार्गों की स्थिति इस समय बेहद गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। श्रद्धालुओं की भारी आवाजाही के बावजूद इन रास्तों की मरम्मत और देखरेख में भारी लापरवाही बरती जा रही है। राजाजी नेशनल पार्क के वार्डन अजय निंगवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इन दुर्गम रास्तों की मरम्मत के लिए जिला प्रशासन ने उच्च स्तर पर पत्राचार कर दिया है, लेकिन अभी तक संबंधित स्वीकृति प्राप्त नहीं हो पाई है। कई स्थानों पर रास्ते इतने खस्ताहाल हो चुके हैं कि वहां फिसलन और लैंडस्लाइडिंग जैसी घटनाओं की आशंका लगातार बनी रहती है। ऐसे में जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है। वार्डन अजय निंगवाल ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में लैंडस्लाइडिंग को लेकर पहले ही एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी जा चुकी है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही न होने से स्थितियां जस की तस बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही ऊपर से निर्देश प्राप्त होंगे, तत्परता के साथ मरम्मत का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के अनुपात में मौजूदा रास्तों की हालत किसी भी दृष्टि से उपयुक्त नहीं कही जा सकती। यदि अब भी मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी जारी रही, तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। शासन को चाहिए कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखते हुए शीघ्र निर्णय ले और कार्रवाई सुनिश्चित करे।

जिस भयानक भगदड़ ने नौ लोगों की जान ले ली और 29 को गंभीर रूप से घायल कर दिया, वह प्रशासनिक लापरवाही और बुनियादी व्यवस्थाओं की पोल खोलती है। रविवार को मनसा देवी मंदिर के मुख्य मार्ग पर अफवाह फैल गई कि वहां करंट दौड़ गया है, जिसके बाद हजारों की संख्या में भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। भयभीत लोगों ने एक-दूसरे को रौंदते हुए भागना शुरू कर दिया, जिससे कई लोग दब गए और घायल हो गए। इस हृदयविदारक हादसे में छोटे बच्चे भी घायल हुए और मार्ग पर मौजूद हजारों श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल प्रभाव से मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि इस पूरी घटना की सच्चाई सामने आ सके और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इस हादसे ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और धार्मिक स्थलों की मूलभूत व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

धार्मिक आस्था के केंद्र माने जाने वाले मनसा देवी मंदिर की वर्तमान स्थिति ने प्रशासन और ट्रस्ट की कार्यशैली पर गंभीर सवालिया निशान लगा दिए हैं। जहां एक ओर श्रद्धालु विश्वास और श्रद्धा से मंदिर आते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अव्यवस्था, गंदगी और अनदेखी की पीड़ा सहनी पड़ती है। कूड़ा केवल दर्शनीय स्थल की छवि को नहीं बिगाड़ रहा, बल्कि वह जंगल और वन्यजीवों के लिए भी खतरा बन चुका है। पॉलिथीन, डिस्पोजेबल सामग्री और खाद्य अवशेष वहां की जैव विविधता पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं। ऐसे में अब जब ‘‘सहर प्रजातंत्र’’ की खबर ने इस विषय को प्राथमिकता पर ला दिया है और जिला प्रशासन सफाई अभियान शुरू करने जा रहा है, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि यह अभियान केवल एक दिखावा न होकर एक स्थायी समाधान की दिशा में पहला कदम बने। अब देखना होगा कि यह पहल कितनी दूर तक जाती है और क्या प्रशासन इस अभियान को नियमित व्यवस्था में तब्दील कर पाने में सफल हो पाएगा या फिर यह प्रयास कुछ दिन की जागरूकता तक ही सीमित रह जाएगा।

संबंधित ख़बरें
गणतंत्र दिवस की शुभकामना
75वां गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ

लेटेस्ट

ख़ास ख़बरें

error: Content is protected !!