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काशीपुर में योग का भव्य उत्सव, जनसैलाब ने अपनाया स्वास्थ्य का यह प्राचीन मंत्र

काशीपुर। 21 जून को पूरे विश्व में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता काशीपुर में एक अलग ही रूप में नजर आई। नगर के विभिन्न कोनों में योग के प्रति लोगों का उत्साह इस बात का प्रमाण था कि अब यह केवल एक क्रिया नहीं बल्कि जीवनशैली बन चुका है। काशीपुर में आयोजित कई भव्य योग शिविरों में विभिन्न संगठनों की भूमिका उल्लेखनीय रही। रामलीला मैदान और रामनगर रोड स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम दो ऐसे मुख्य स्थल रहे, जहां हजारों लोगों ने एक साथ योग कर के इस परंपरा को आत्मसात किया। केवीएस ग्रुप और एसपीएनजी ग्रुप के द्वारा आयोजित इन शिविरों में न सिर्फ शहरवासियों ने भाग लिया, बल्कि जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और समाजसेवियों की मौजूदगी ने इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया। इन शिविरों में प्रतिभाग करने वालों ने न केवल योगासन किए, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति को महसूस भी किया।

योगेश जिंदल और देवेंद्र जिंदल, जो इस योग अभियान के मुख्य स्तंभ हैं, उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों से प्रतिदिन योग सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। उनकी संस्था का उद्देश्य स्पष्ट है—हर व्यक्ति तक योग की महत्ता को पहुंचाना और शरीर को प्राकृतिक रूप से निरोग बनाना। उन्होंने कहा कि आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में शरीर कई बीमारियों की चपेट में है और इन रोगों का सबसे प्रभावी और सुलभ समाधान योग ही है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़कर स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाएं। शिविर की शुरुआत योगी जिंदल, देवेंद्र जिंदल, एसडीएम अभय प्रताप सिंह, मेयर दीपक बाली और विधायक त्रिलोक सिंह चीमा द्वारा की गई, जिन्होंने आयोजकों का आभार जताते हुए योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और इसे अपने जीवन में अपनाने का आग्रह भी किया।

मेयर दीपक बाली ने दोनों आयोजनों में भाग लेकर योग के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया। उन्होंने एक आयोजन में मुख्य अतिथि और दूसरे में अति विशिष्ट अतिथि की भूमिका निभाई। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर की कसरत नहीं बल्कि एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को संतुलन, अनुशासन और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि योग भारतीय संस्कृति की ऐसी अमूल्य धरोहर है, जो संपूर्ण मानवता को जोड़ने का कार्य करती है। उन्होंने युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हर सुबह कुछ समय योग को देना जीवन की दिशा ही बदल सकता है। उनके अनुसार, यह आयोजन केवल एक दिन का उत्सव नहीं बल्कि एक सतत प्रयास है जो समाज को स्वस्थ, सजग और संकल्पशील बनाता है।

इसी क्रम में रामलीला मैदान में आयुष विभाग उत्तराखंड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी भारी जनसमूह उमड़ा। इस योग आयोजन में काशीपुर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने बतौर मुख्य अतिथि योग की महत्ता को समझाते हुए कहा कि यह केवल शरीर को लचीलापन नहीं देता, बल्कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का अद्भुत विज्ञान भी है। दीपक बाली, इस शिविर में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने योग को जीवन के संतुलन का मूल मंत्र बताया। आयोजन में योगेश जिंदल, एसडीएम अभय प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह, संदीप चौधरी, डॉ. आर.सी. शर्मा, डॉ. विनय जैन, अशोक धीमान, लवीश अरोड़ा, कौशलेश गुप्ता, कैलाश सहगल, समरपाल चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इन सभी ने योग सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रमों में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, विभिन्न योगासनों और सामूहिक ध्यान का अभ्यास किया गया, जो प्रतिभागियों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से ऊर्जा का संचार बन गया। इन योगाभ्यासों ने न केवल शरीर को पुष्ट किया बल्कि सामूहिक चेतना और अनुशासन का भाव भी सुदृढ़ किया। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों द्वारा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया गया और इस बात पर जोर दिया गया कि योग कोई एक दिन का आयोजन नहीं बल्कि जीवनभर अपनाई जाने वाली साधना है। हर उम्र, हर वर्ग, हर क्षेत्र के लोगों के लिए यह उपयुक्त है और यही कारण है कि आज दुनिया योग की ओर लौट रही है। काशीपुर में हुआ यह आयोजन योग की वैश्विक महत्ता को दर्शाने वाला एक गौरवपूर्ण अध्याय बन गया।

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