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हर घर को मिलेगी अपनी छत काशीपुर में सपनों को मिला नया आसरा

महापौर दीपक बाली की अगुवाई में काशीपुर में चला आवास योजना का महाशिविर, जहां ज़रूरतमंदों को मिला अपने घर का सुनहरा मौका

काशीपुर। नगर निगम सभागार में आज का दिन उम्मीदों की नई सुबह लेकर आया, जब शहर के बेघर, गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को एक स्थायी छत देने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया। नगर निगम की ओर से आयोजित इस विशेष शिविर में भारी संख्या में लोग पहुंचे, और इसमें लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की संपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। यह शिविर सिर्फ़ एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं बल्कि उन सपनों की नींव बन गया जो आज तक केवल मन में थे। शिविर में आए लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा और जो लोग पहले से ही आवेदन पत्र भरकर लाए थे, उनके फार्म जमा कर लिए गए, जबकि जिनके दस्तावेजों में कोई कमी पाई गई उन्हें मौके पर ही पूरा करने का अवसर दिया गया। इस पूरे आयोजन को साकार रूप देने में सबसे अहम भूमिका महापौर दीपक बाली की रही, जिनके समर्पण और नेतृत्व में यह अभियान जन-जन तक पहुंच सका और कई परिवारों को अपने मकान के सपने को हकीकत में बदलने की आशा मिली।

महापौर दीपक बाली ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) वास्तव में एक ऐसी पहल है जो देश के हर नागरिक को सम्मान के साथ रहने की जगह देने का उद्देश्य लेकर चली है। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के संयुक्त प्रयास से क्रियान्वित की जा रही है और इसमें उन व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनके पास अपने नाम पर कोई पक्का मकान नहीं है, लेकिन उनके पास कम से कम 30 वर्ग मीटर यानी लगभग 325 वर्ग फीट की पंजीकृत भूमि अवश्य होनी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत पहले जहां केवल दो लाख रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर तीन लाख कर दिया गया है, जो लाभार्थी को बिना किसी पुनर्भुगतान के सीधे दी जाती है। महापौर ने बताया कि पहले चरण में 1485 लाभार्थियों को आवास स्वीकृत हुए थे, जिनमें से 807 मकान पूर्ण हो चुके हैं और शेष 678 निर्माणाधीन हैं।

इस व्यापक योजना की प्रगति को लेकर भी महापौर दीपक बाली ने महत्वपूर्ण आंकड़े साझा किए और बताया कि अब तक 1118 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1024 फार्मों की जांच हो चुकी है और उनमें से 812 को पूरी तरह से सत्यापित किया जा चुका है। शेष 212 आवेदनों की जांच प्रक्रिया फिलहाल जारी है। इस योजना का लाभ लेने वाले प्रत्येक आवेदक को अपने सभी दस्तावेजों को सुस्पष्ट और वैध रूप में प्रस्तुत करना होता है, जिनमें आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि से जुड़े दस्तावेज, आय प्रमाण पत्र, और 1 सितम्बर 2024 से पूर्व से नगर निगम क्षेत्र में निवास करने का प्रमाण शामिल है। साथ ही यह भी शर्त रखी गई है कि आवेदनकर्ता की वार्षिक आय तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस प्रक्रिया के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वाकई जिन लोगों को इस योजना की ज़रूरत है, वे ही इसके वास्तविक लाभार्थी बन सकें।

काशीपुर में केवल व्यक्तिगत आवास निर्माण ही नहीं, बल्कि सामूहिक आवासीय प्रोजेक्ट्स पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है, जो भागीदारी में किफायती आवास योजना के अंतर्गत आता है। महापौर ने बताया कि कनकपुर क्षेत्र में 1256 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वहीं मानपुर में 512 आवासों का निर्माण स्वीकृत हुआ और सभी का आवंटन हो चुका है, जिनमें से 65 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। गंगापुर गोसाई क्षेत्र में 584 आवास स्वीकृत हुए थे और इनमें से भी 90 प्रतिशत मकानों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इन सभी योजनाओं को आगामी अक्टूबर महीने तक लाभार्थियों को सुपुर्द करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे यह योजना ज़मीनी स्तर पर एक बड़ी सफलता साबित हो सके।

इस योजना की सबसे उल्लेखनीय विशेषता यह है कि एक लाभार्थी को कुल छह लाख रुपये का आवास प्रदान किया जा रहा है, जिसमें से तीन लाख रुपये की सब्सिडी केंद्र और राज्य सरकारें दे रही हैं। शेष तीन लाख की राशि को किस्तों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है ताकि आमजन पर वित्तीय बोझ ना पड़े। खास बात यह है कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 9 मार्च को काशीपुर आए थे, तो उन्होंने नगर निगम को दो करोड़ रुपए की धनराशि का चेक सौंपा था, जो सीधे लाभार्थियों के खातों में जमा कर दी गई है। इस तरह की ईमानदार और पारदर्शी व्यवस्था ने जनता के बीच इस योजना के प्रति विश्वास और उम्मीद को और भी मजबूत किया है, और यह साबित कर दिया है कि सरकार की योजनाएं जब सही दिशा में लागू होती हैं तो वे ज़िंदगी बदल सकती हैं।

महापौर दीपक बाली ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का मुख्य उद्देश्य यह है कि शहर का कोई भी परिवार बिना छत के न रहे और हर जरूरतमंद को उसका अपना पक्का मकान मिले। उन्होंने कहा कि यह योजना माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री के संयुक्त प्रयासों से संचालित की जा रही है और इसका लाभ उन लोगों को मिल रहा है जिनके पास 30 वर्ग मीटर या उससे अधिक रजिस्टर्ड भूमि है, लेकिन पूरे भारत में उनके या उनके परिवार के नाम कोई पक्का मकान नहीं है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से लगभग तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है, जो कि पूर्णत: अनुदान है और उसे लाभार्थी को लौटाना नहीं पड़ता। उन्होंने बताया कि योजना के तहत पूर्व में स्वीकृत 1485 आवासों में से 807 मकान पूरे हो चुके हैं और 678 निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा कई हजार आवेदन पत्रों की जांच प्रक्रिया भी जारी है। महापौर ने कहा कि वह स्वयं इस योजना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इसका लाभ लेने से वंचित न रहे।

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