नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दिल्ली का वार्षिक बजट पेश किया, जिसे उन्होंने ‘दिल्ली के विकास का रोडमैप’ करार दिया। अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ष्आज का दिन ऐतिहासिक है। पूरा देश इस बजट को सुन रहा है, क्योंकि दिल्ली की जनता ने हमें चुना है और हम उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि बीते दस वर्षों में राजधानी की पहचान जर्जर सड़कों, ओवरफ्लो होते सीवर और बदहाल अस्पतालों से जुड़ गई थी, लेकिन अब यह बदलेगा। उनकी सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है, जिसमें विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि यकीन हो तो रास्ता निकलता है, हवा की ओट में भी दिया जलता है।ष् उनके इस बयान से यह साफ संकेत मिला कि उनकी सरकार दिल्ली को नया रूप देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सीएम ने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर (पूंजीगत व्यय) को पिछले साल के मुकाबले दोगुना कर दिया गया है। पिछले साल यह सिर्फ 15,000 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 28,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे दिल्ली में अधूरे पड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में विकास कार्यों को राजनीतिक कारणों से रोका गया। ष्केंद्र की योजनाओं को इसलिए ठुकराया गया क्योंकि उसमें पूर्व मुख्यमंत्री का नाम नहीं था, उन्होंने तंज कसते हुए कहा। नई सरकार ने अपने पहले कैबिनेट फैसले में आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू कर दिया।

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब दिल्ली के हर नागरिक को 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। इसमें केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली 5 लाख रुपये की बीमा राशि के अलावा दिल्ली सरकार की तरफ से अतिरिक्त 5 लाख रुपये जोड़े जाएंगे। इसके लिए बजट में 2,144 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने महिला समृद्धि योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2,500 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए 5,100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को 21,000 रुपये की सहायता देने के लिए ‘मातृशक्ति वंदना योजना’ का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 210 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

दिल्ली की जनता को रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से राहत देने के लिए सरकार ने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री ने बजट में कहा कि दिल्ली को लंदन बनाने का सपना बेचा गया, लेकिन हकीकत में सिर्फ विज्ञापनों पर पैसा बहाया गया। हमारी सरकार अब सच्चे मायनों में दिल्ली को आधुनिक बनाएगी। इसके लिए 3,800 करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग (PWD) को दिए जाएंगे, जिससे दिल्ली में सड़कों का कायाकल्प होगा। इसके अलावा केंद्र सरकार की मदद से चल रही योजनाओं को पूरा करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं।
दिल्ली सरकार ने 2025-26 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक बजट की घोषणा की है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी राशि आएगी कहां से? सरकार ने इसका स्पष्ट खाका पेश किया है। राजस्व बढ़ाने के लिए 68,000 करोड़ रुपये टैक्स संग्रह से प्राप्त होंगे। इसमें जीएसटी, वैट, एक्साइज ड्यूटी और स्टांप ड्यूटी जैसी कर वसूली शामिल होगी। इसके अलावा, सरकार 750 करोड़ रुपये नॉन-टैक्स स्रोतों से जुटाएगी। इसमें सरकारी सेवाओं से मिलने वाली फीस, जुर्माने, सरकारी परिसंपत्तियों से होने वाली आय और अन्य गैर-कर राजस्व शामिल होगा। सरकार का दावा है कि मजबूत आर्थिक नीतियों और बेहतर प्रशासन से दिल्ली के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए यह बजट पर्याप्त होगा।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने भाषण के अंत में कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि दिल्ली के नागरिकों के सपनों को पूरा करने का वादा है। हम दिल्ली को एक नया स्वरूप देने जा रहे हैं। उनके इस बजट को जनता और विशेषज्ञों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह बजट दिल्ली को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला साबित होगा, जबकि विपक्ष का कहना है कि यह केवल बड़े वादों का पुलिंदा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार अपने वादों को हकीकत में कितना बदल पाती है!