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संगम तट पर मकर संक्रांति स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़, अव्यवस्थाओं से नाराज संत समाज

प्रयागराज/महाकुंभनगर(एस पी न्यूज़)। संगम तट पर मकर संक्रांति के अवसर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने मेला प्रशासन के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर दीं। मंगलवार को आयोजित अमृत स्नान के दौरान संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं का विशाल हुजूम देखा गया। विशेष रूप से संगम साउथ क्षेत्र में भोर से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, जिससे प्रशासन को भीड़ को संभालने में कठिनाई हो रही थी। संत समाज के अखाड़ों का स्नान कार्यक्रम भीड़ के दबाव के चलते सुचारु रूप से नहीं हो पाया। इससे संत समाज में नाराजगी भी देखने को मिली। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में कुछ छुटपुट घटनाओं और अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।

संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पवित्र स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने कई जगह बैरिकेडिंग तोड़ दी। खासतौर पर अखाड़ा मार्ग पर जो बैरिकेडिंग लगी थी, वह श्रद्धालुओं के दबाव के कारण टूट गई। इस दौरान पुलिस को भी स्थिति संभालने में कठिनाई आई, लेकिन किसी तरह से संतों को घाट तक पहुंचाने में सफलता मिली। अखाड़ा मार्ग पर स्थित घाटों में कटान अधिक होने की वजह से स्नान के लिए पहुंचे साधु संतों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों ने मेला प्रशासन से इस अव्यवस्था पर शिकायत की और सुधार की मांग की।

संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के बीच सेल्फी और फोटो लेने की होड़ भी काफी बढ़ी थी। साधु-संतों के साथ सेल्फी खींचने के लिए श्रद्धालुओं की काफी उत्सुकता देखने को मिली, हालांकि बैरिकेडिंग की वजह से लोग दूर से ही सेल्फी ले रहे थे। रथों पर सवार संतों ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए पुष्पवर्षा भी की। वहीं, कुछ श्रद्धालुओं ने संतों के साथ तस्वीरें खींचने के लिए मोबाइल निकाले, जिससे भीड़ और बढ़ गई और मेला प्रशासन के लिए स्थिति और जटिल हो गई।

संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के बीच चोरी की घटनाएं भी हुईं। जब श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे थे, तो कुछ उचक्कों ने उनके सामान, मोबाइल और कपड़े चोरी कर लिए। इस प्रकार के कृत्यों ने श्रद्धालुओं को और भी परेशान किया। कई श्रद्धालु अपनी चुराई हुई चीजों के साथ वापस लौटने में मजबूर हुए। इसके कारण मेला प्रशासन को इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता महसूस हुई।

संगम घाटों पर अव्यवस्था की स्थिति भी बनी रही। वहां लगे बिजली के पोल पर साइनेज और नंबर की व्यवस्था नहीं थी, जिससे श्रद्धालु स्नान के बाद अपने परिजनों से बिछड़ गए। भीड़ के कारण कई लोग भटककर दूसरे सेक्टरों में पहुंच गए, और मेला क्षेत्र में डायवर्जन के कारण वे अपनों तक नहीं पहुंच सके। इसके परिणामस्वरूप कई श्रद्धालु डिजिटल खोया पाया केंद्र पर पहुंचे।

महाकुंभ के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति के दिन मेला प्रशासन की अव्यवस्थाओं ने संत समाज को नाराज कर दिया। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत दुर्गादास के नेतृत्व में संतों ने धरना प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि मेला प्रशासन की तैयारियों की पोल खुल चुकी है और इस तरह की अव्यवस्था से साधु संतों और श्रद्धालुओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने संतों को आश्वासन दिया कि अव्यवस्थाओं को जल्द सुधार लिया जाएगा। इस मामले को सुलझाने के लिए प्रशासन द्वारा समझौता किया गया।

प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि मेला क्षेत्र में 60 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक अमला पूरी तरह से तैयार है। सभी अधिकारी और कर्मचारी अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समर्पित हैं।

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