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महापौर दीपक बाली की सख्ती से 30 साल बाद टूटा अतिक्रमण 48 घंटे में बहाल हुई जल निकासी

काशीपुर। काशीपुर की जनता के लिए राहत भरी खबर आई है, जब शहर की सबसे बड़ी जल निकासी की समस्या को लेकर एक ऐसा फैसला लिया गया जो पिछले 30 वर्षों में कोई भी नेता या अधिकारी नहीं ले सका था। महापौर दीपक बाली ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और त्वरित कार्यशैली से यह साबित कर दिया कि अगर कुर्सी पर बैठे व्यक्ति में कुछ करने का जज्बा हो, तो बड़े से बड़ा काम भी चंद घंटों में निपटाया जा सकता है। शहर की जल निकासी व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए सिंचाई विभाग की गूल को पक्का बनाकर भूमिगत करने का कार्य जारी है, लेकिन लंबे समय से इस कार्य में कई अड़चनें आ रही थीं। मुरादाबाद रोड पर स्थित होटल कॉर्बेट के भीतर से होकर गुजरने वाली इस गूल पर होटल मालिक द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया था, जिससे जलभराव की समस्या विकराल होती जा रही थी।

1 मार्च को जब शहर के सर्वांगीण विकास को लेकर महापौर दीपक बाली ने उप जिलाधिकारी और नगर आयुक्त समेत अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ केवीआर हॉस्पिटल से सर्वेक्षण शुरू किया, तब उनकी नजर होटल कॉर्बेट की इस गूल पर पड़ी। होटल के भीतर गूल की दुर्दशा को देखकर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई और सिंचाई विभाग को तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि अगर इसमें कोई कानूनी अड़चन आती है, तो उप जिलाधिकारी को लिखित में शिकायत दी जाए और यदि तब भी समस्या बनी रहती है, तो वे स्वयं मौके पर मौजूद रहकर इस गूल के पुनर्निर्माण की निगरानी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि काशीपुर की दो लाख से अधिक की आबादी को जलभराव से राहत दिलाना सर्वाेच्च प्राथमिकता है और इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

महापौर के कड़े रुख और दृढ़ संकल्प का असर यह हुआ कि महज 48 घंटे के भीतर सिंचाई विभाग की टीम सहायक अभियंता केशव सिंह, जिलेदार कमलेश कुमार सक्सेना और अवर अभियंता राजू कुमार के नेतृत्व में होटल कॉर्बेट पहुंच गई। जब टीम वहां पहुंची, तो मोहम्मद कासिम नामक व्यक्ति ने अपने दस्तावेज दिखाते हुए गूल के पुनर्निर्माण को रोकने की भरसक कोशिश की। उन्होंने कई दलीलें दीं और यहां तक कि दो दिन का समय देने का अनुरोध भी किया, लेकिन सिंचाई विभाग ने उनकी एक न सुनी। विभाग का कहना था कि होटल मालिकों को इस निर्माण कार्य की सूचना पहले ही दी जा चुकी थी, लेकिन उन्होंने बार-बार नोटिस लेने से भी इनकार कर दिया था। सरकारी रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से यह जमीन सिंचाई विभाग की है, इसलिए इस पर अवैध कब्जा हटाने और गूल के पुनर्निर्माण का पूरा अधिकार विभाग के पास है।

सरकारी आदेश के तहत मौके पर तैनात दो जेसीबी मशीनें तुरंत हरकत में आईं और होटल परिसर से गुजर रही गूल पर हुए अतिक्रमण को हटाकर सफाई कार्य शुरू कर दिया गया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद काशीपुर के लोगों ने महापौर दीपक बाली की भूरी-भूरी प्रशंसा की। पिछले 30 वर्षों में तमाम अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस होटल परिसर से गूल को मुक्त नहीं करा सके थे, लेकिन महापौर दीपक बाली की तत्परता और कार्यशैली ने यह नामुमकिन सा दिखने वाला कार्य मात्र 48 घंटे में कर दिखाया। इस दौरान जय किशन शर्मा, आशुतोष शर्मा और शशांक गहतोडी समेत अन्य लोग भी मौके पर मौजूद रहे। इस घटना ने साबित कर दिया कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो जनता की भलाई के लिए कुछ भी संभव किया जा सकता है।

सहायक अभियंता केशव सिंह ने कहा कि यह कार्य कई वर्षों से लंबित था, लेकिन महापौर दीपक बाली की दृढ़ इच्छाशक्ति और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता के चलते यह संभव हो पाया। सिंचाई विभाग ने पहले भी कई बार इस गूल के पुनर्निर्माण के लिए कदम उठाने की कोशिश की थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण यह कार्य आगे नहीं बढ़ सका। होटल परिसर में गूल के अवरुद्ध होने से शहर की जल निकासी व्यवस्था प्रभावित हो रही थी, जिससे बरसात के मौसम में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती थी। हमने इस विषय पर संबंधित पक्षों को कई बार नोटिस भेजे, लेकिन उन्हें स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया गया। महापौर के निर्देश मिलते ही हमने बिना देरी किए कार्रवाई शुरू की। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार यह भूमि सिंचाई विभाग की है, इसलिए अतिक्रमण हटाना और गूल का पुनर्निर्माण करना हमारी जिम्मेदारी थी। हमारी टीम ने तेजी से काम किया और महज 48 घंटे में इस कार्य को पूरा कर दिया। अब जल निकासी व्यवस्था सुचारु होगी और शहरवासियों को राहत मिलेगी।

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