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डिपो में फूटा आक्रोश कंडक्टर-ड्राइवरों ने अनवर कमाल के खिलाफ खोला मोर्चा

ड्यूटी में पक्षपात, बस संचालन में मनमानी और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों से भड़के कर्मचारी, धरने से थमा परिवहन और मच गई अफरा-तफरी।

काशीपुर। रोडवेज डिपो मंगलवार को उस वक्त अचानक एक सियासी और प्रशासनिक तनाव का केंद्र बन गया, जब कंडक्टरों और ड्राइवरों ने डिपो इंचार्ज अनवर कमाल के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल दिया। ड्यूटी में पक्षपात, संचालन व्यवस्था में गड़बड़ी और कर्मचारियों को मानसिक दबाव में डालने जैसे गंभीर आरोपों के साथ कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन की शुरुआत कर दी। डिपो परिसर में बैनरों और नारों के बीच यह विरोध अचानक इतना तीखा हो गया कि यात्रियों को बसें न मिलने के कारण खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का साफ आरोप था कि कुछ लोगों को लगातार ड्यूटी दी जा रही है, जबकि अन्य को जानबूझकर काम से वंचित रखा जा रहा है। यह व्यवहार न केवल कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ रहा है, बल्कि इससे संचालन व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है, जिससे आम यात्रियों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

गुस्से में भरे कर्मचारियों ने यह भी दावा किया कि डिपो इंचार्ज अनवर कमाल द्वारा बसों के संचालन को लेकर भी कई मनमाने निर्णय लिए जा रहे हैं। कुछ रूट की बसों को बिना किसी ठोस कारण के खड़ा कर दिया गया है, जिससे यात्री लंबे समय तक बस स्टैंड पर इंतजार करते रह जाते हैं। साथ ही कई बार ड्यूटी लिस्ट जारी करते समय वरिष्ठता को नजरअंदाज कर चहेते कर्मचारियों को तरजीह दी जाती है। प्रदर्शन के दौरान डिपो परिसर में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, और कुछ यात्रियों ने स्थिति की गंभीरता को देख वैकल्पिक यातायात साधनों का रुख भी किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जब तक ड्यूटी वितरण पारदर्शी नहीं होता और संचालन व्यवस्था को स्पष्ट दिशा नहीं दी जाती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।

हालात की गंभीरता को देखते हुए डिपो के एआरएम नवीन आर्या को खुद मौके पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने पहुंचते ही सभी प्रदर्शनकारी कर्मचारियों से बातचीत शुरू की और उनकी समस्याएं ध्यान से सुनीं। मौके की नजाकत को समझते हुए उन्होंने त्वरित संवाद की नीति अपनाई और अनवर कमाल को बुलाकर समन्वय के प्रयास किए। नवीन आर्या ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि किसी के साथ भी भेदभाव नहीं होगा और संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ड्यूटी लिस्ट पूरी पारदर्शिता से तैयार की जाएगी और हर कर्मचारी को बराबरी का अधिकार मिलेगा। इस हस्तक्षेप के बाद कर्मचारियों का गुस्सा धीरे-धीरे शांत हुआ और धरना समाप्त करने की घोषणा की गई।

प्रदर्शन के शांत होने के बाद डिपो की गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटने लगीं। एआरएम नवीन आर्या ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कर्मचारियों में जो भ्रम था, उसे स्पष्ट कर दिया गया है और इंचार्ज के साथ मिलकर सभी मुद्दों पर सकारात्मक हल निकालने की दिशा में कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि अब से सभी बसें अपने निर्धारित समय पर संचालित होंगी और यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। कर्मचारियों ने भी अपनी ड्यूटी दोबारा संभाल ली है और संचालन प्रणाली को सुचारू बनाए रखने की जिम्मेदारी के साथ वापसी की है।

हालांकि धरना समाप्त हो गया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने काशीपुर डिपो की आंतरिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्थिति एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि प्रशासनिक लापरवाही और संवादहीनता से छोटी बातें भी बड़ी उथल-पुथल में बदल सकती हैं। यदि समय रहते नवीन आर्या हस्तक्षेप नहीं करते, तो संभवतः स्थिति और अधिक बिगड़ सकती थी। यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि डिपो जैसी सार्वजनिक सेवा से जुड़ी संस्थाओं में पारदर्शिता, संवाद और निष्पक्षता अनिवार्य हैं। चाहे वह ड्यूटी का वितरण हो या संचालन का निर्णयकृहर कदम पर कर्मचारियों का विश्वास जीतना ही व्यवस्था की मजबूती की गारंटी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटनाक्रम के बाद काशीपुर रोडवेज डिपो अपनी कार्यशैली में कितने स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाता है।

एआरएम नवीन आर्या ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि काशीपुर रोडवेज डिपो में उत्पन्न हुई स्थिति को लेकर सभी कर्मचारियों से विस्तृत चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन कर रहे सभी कंडक्टरों और ड्राइवरों की बातों को गंभीरता से सुना गया और उनके आरोपों की समीक्षा करते हुए डिपो इंचार्ज अनवर कमाल से भी विस्तृत बातचीत की गई। उनकी प्राथमिकता थी कि जल्द से जल्द संचालन व्यवस्था को सामान्य किया जाए और यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो। नवीन आर्या ने कहा कि कर्मचारियों में जो भी संदेह या गलतफहमियां थीं, उन्हें शांतिपूर्वक संवाद के ज़रिए दूर कर दिया गया है और अब सभी बसें सामान्य रूप से अपने रूट पर संचालित होंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में संचालन और ड्यूटी वितरण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जाएगी, जिससे सभी कर्मचारियों को बराबर का सम्मान और अवसर मिल सके।

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