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काशीपुर में विकास की एकजुट हुंकार जब सारे पार्षद बने दीपक बाली के सम्मान के गवाह

नगर निगम कार्यालय में पार्षदों ने पार्टी सीमाएं भुलाकर दीपक बाली को विकास कार्यों के लिए सामूहिक रूप से सम्मानित कर रचा काशीपुर में नया इतिहास।

काशीपुर नगर निगम में उस समय एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दृश्य उपस्थित हुआ जब तमाम पार्षद एकसाथ खड़े होकर नगर के प्रथम नागरिक, मेयर दीपक बाली को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सार्वजनिक मंच पर सम्मानित करने पहुंचे। यह आयोजन महज़ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि इसमें पार्षदों की एकजुटता, विकास के प्रति प्रतिबद्धता और नेतृत्व की स्वीकृति का स्वर स्पष्ट झलक रहा था। अलग-अलग राजनीतिक दलों से आए इन जनप्रतिनिधियों ने दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर यह प्रमाणित किया कि जब नेतृत्व पारदर्शी हो, दिशा स्पष्ट हो और जनता के प्रति समर्पण सच्चा हो, तब राजनैतिक मतभेद गौण हो जाते हैं। कार्यक्रम स्थल पर दीपक बाली को सम्मानित करने वालों में सभी 40 वार्डों के पार्षद उपस्थित रहे। इनमें कोई पार्टी रेखा नहीं थी, सिर्फ़ नगर के विकास और एक नायक के प्रति सम्मान की भावना थी।

नगर निगम कार्यालय में हुए इस विशेष आयोजन की गरिमा तब और बढ़ गई जब सभी पार्षदों ने मंच पर आकर सामूहिक रूप से माल्यार्पण, पुष्पगुच्छ भेंट और शाल ओढ़ाकर दीपक बाली को सम्मानित किया। यह नज़ारा शहर में विकास कार्यों के नए अध्याय का प्रतीक बन गया। दीपक बाली ने अपने संबोधन में भावुक होते हुए यह स्पष्ट किया कि यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरी टीम और नागरिक सहभागिता की जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम की टीम, पार्षदगण और जनता यदि एक सुर में आगे बढ़ते रहें, तो काशीपुर को एक आदर्श शहर बनाने से कोई नहीं रोक सकता। कार्यक्रम में भारी संख्या में नागरिकों की मौजूदगी, इस बात का संकेत थी कि जनता भी इस विकास यात्रा का भागीदार और गवाह बनना चाहती है।

सड़क निर्माण से लेकर जल निकासी और स्ट्रीट लाइटिंग से लेकर स्वच्छता अभियानों तक, बीते पांच महीनों में नगर निगम काशीपुर की तस्वीर में जो बदलाव दिखाई दे रहे हैं, वे दीपक बाली की कार्यशैली और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। विकास के इस मॉडल ने लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि शासन की मंशा यदि सकारात्मक हो, तो सीमित संसाधनों के बीच भी व्यापक बदलाव संभव है। पार्कों के पुनर्निर्माण, नागरिक सुविधाओं के आधुनिकीकरण और सफाई व्यवस्था के कायाकल्प ने नगर की छवि में उल्लेखनीय परिवर्तन लाया है। इन सब प्रयासों ने जनमानस में एक नई उम्मीद जगाई है कि उनका शहर भी आधुनिकता और सुव्यवस्था की मिसाल बन सकता है।

इस अवसर पर एक बेहद अहम बात यह भी सामने आई कि यह आयोजन किसी एक दल की ओर से नहीं था। भाजपा, कांग्रेस, निर्दलीय – सभी पार्षद एक सुर में बोलते नज़र आए। इस एकता की वजह, दीपक बाली द्वारा अपने नेतृत्व में किए जा रहे पारदर्शी और सबको साथ लेकर चलने वाले निर्णय बताए गए। कार्यक्रम संचाल करते हुये पार्षद अब्दुल कादिर ने मंच से कहा कि अब जनता सीधे पार्षदों से उनके वार्डों में हो रहे कार्यों के कारण प्रेम और सम्मान दे रही है। यह विकास की वह राजनीति है, जिसकी अपेक्षा हर मतदाता करता है। नगर की जनता भी अब पार्षदों से यही अपेक्षा करती है कि वे अपने वार्ड को ही नहीं, पूरे शहर को अपने कर्तव्य का हिस्सा समझें और उसी भावना से कार्य करें।

नेता प्रतिपक्ष पार्षद राशिद फारुकी ने महापौर दीपक बाली के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में ऐसा समर्पित, ईमानदार और जनहित के लिए रात-दिन मेहनत करने वाला जननेता पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि महापौर ने केवल वादे नहीं किए, बल्कि जमीनी स्तर पर हर वार्ड में जाकर विकास की नई मिसाल कायम की है। राशिद फारुकी ने यह भी जोड़ा कि चाहे सड़क निर्माण हो या जल निकासी की समस्या, चाहे स्वच्छता अभियान हो या नागरिक सुविधाओं का विस्तार—हर क्षेत्र में दीपक बाली ने जिस तत्परता से कार्य किए हैं, वह अपने आप में सराहनीय है। इस अवसर पर पार्षदों ने महापौर को स्मृति चिन्ह भेंट कर, फूलमालाएं पहनाकर और तालियों की गूंज के साथ उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया, जिससे पूरा नगर निगम कार्यालय एक उत्सव स्थल में तब्दील हो गया।

कार्यक्रम के दौरान दीपक बाली ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रति भी आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रदेश में जो तेज़ी से निर्णय लिए जा रहे हैं, उनकी बदौलत आज हर नगर, हर कस्बा और हर पंचायत में विकास की गूंज सुनाई देती है। उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी का स्पष्ट दृष्टिकोण और जनकल्याणकारी योजनाओं पर उनका दृढ़ विश्वास ही वह शक्ति है, जिससे पूरा उत्तराखंड विकास की ओर तेजी से अग्रसर है। काशीपुर में जो सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं, वे भी इसी व्यापक दृष्टि और सहयोग का परिणाम हैं। दीपक बाली ने मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को गर्व है कि प्रदेश की बागडोर एक संवेदनशील और कर्मठ नेतृत्व के हाथों में है।

आयोजन में नगर निगम के अधिकारी, तमाम वार्डों के पार्षदगण और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह मात्र एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह उस जन विश्वास का प्रतिबिंब था, जो जनप्रतिनिधियों की मेहनत और परिणामों के प्रति दिखाई देता है। काशीपुर का यह दृश्य केवल नगर के इतिहास में नहीं, बल्कि उत्तराखंड की नगर पालिकाओं की कार्यसंस्कृति में भी एक प्रेरक अध्याय के रूप में याद रखा जाएगा। यह एक स्पष्ट संकेत था कि जब जनसेवा को राजनीति से ऊपर रखा जाता है, तब जनता भी सर आंखों पर बिठाना जानती है और पार्षद भी अपने कर्तव्य को नया अर्थ देते हैं। दीपक बाली के नेतृत्व में काशीपुर की यह यात्रा अभी शुरुआत है, लेकिन इस शुरुआत ने ही स्पष्ट कर दिया है कि अब नगर की पहचान सिर्फ़ सीमाओं से नहीं, कार्यों से तय होगी।

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