काशीपुर। जब पूरा शहर नींद की गोद में था, तब महापौर दीपक बाली काशीपुर के बाजारों की गलियों में नालियों की गहराई नाप रहे थे। वार्ड 19 के प्रमुख बाजार क्षेत्र में देर रात 10 बजे, अचानक महापौर अपने दल-बल के साथ पहुंचे और उन स्थानों का निरीक्षण किया जहाँ वर्षों से बारिश के मौसम में पानी भर जाना आम समस्या रही है। इस बार नगर निगम ने मानसून से पहले ही जलनिकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने की योजना बनाई है, जिसमें नालियों का चौड़ीकरण और गहराईकरण प्रमुख कार्य के रूप में लिया गया है। महापौर ने निरीक्षण के दौरान स्वयं हर गली, मोड़ और सड़क किनारे चल रहे कार्यों का जायज़ा लिया और दुकानदारों से संवाद स्थापित करते हुए भरोसा दिलाया कि इस बार बरसात के समय उनका कारोबार ठप नहीं होगा।
दीपक बाली का यह आधी रात का निरीक्षण सिर्फ औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दिया कि नगर की समस्याओं को अब सिर्फ फाइलों में नहीं, बल्कि धरातल पर हल किया जाएगा। उनके साथ नगर निगम के कई वरिष्ठ अधिकारी और दर्जनों वार्ड पार्षद भी मौजूद थे, जिन्होंने भी इस रात्रि निरीक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई। निरीक्षण के दौरान महापौर ने ठेकेदारों और निगम के कर्मचारियों को यह सख्त निर्देश दिए कि कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और हर कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरा होना चाहिए। बाली ने कहा कि अब जनता वादों से नहीं, कार्यों से बदलाव देखेगी। सफाई और जलनिकासी व्यवस्था के सुधार के लिए निगम पूरी तरह से तैयार है।
निगम की इस कार्यशैली ने स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में आशा की एक नई किरण जगाई है। कई व्यापारियों ने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसा नहीं देखा कि कोई महापौर आधी रात को खुद सड़क पर उतर कर कार्यों का निरीक्षण कर रहा हो। एक व्यापारी ने भावुक होकर कहा कि जब नेता जनता की तकलीफ खुद आकर महसूस करता है, तभी समाधान भी ईमानदारी से होता है। व्यापारियों ने इस पहल को नगर की दिशा और दशा बदलने वाली बताया। इस कदम से बाजार क्षेत्र के व्यापारियों में विश्वास की भावना पैदा हुई है कि इस बार बरसात में उनकी दुकानों में पानी नहीं भरेगा और वे निर्बाध व्यापार कर सकेंगे।
महापौर दीपक बाली का यह रात्रि भ्रमण केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने मौके पर स्थानीय लोगों से भी खुलकर बातचीत की और जलभराव के कारण उनके रोजमर्रा के जीवन में आने वाली कठिनाइयों को गंभीरता से सुना। उन्होंने यह भरोसा दिया कि यह समस्या अब अतीत की बात होगी। उन्होंने कहा कि जब जनता विश्वास जताती है और जिम्मेदारी सौंपती है, तो प्रतिनिधियों का भी दायित्व है कि वे उस विश्वास को निभाएं। बाली ने कहा कि काशीपुर अब सिर्फ विकास की बातें नहीं करेगा, बल्कि उसका प्रमाण सड़क, नालियों और साफ गलियों के रूप में नजर आएगा।
इस निरीक्षण में शामिल वार्ड पार्षदों ने भी महापौर की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसा नेतृत्व बहुत दुर्लभ होता है जो जमीन पर उतर कर आम लोगों के बीच काम करता हो। पार्षदों ने उम्मीद जताई कि इस बार काशीपुर नगर को जलभराव जैसी विकट समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। नगर की जनता का भी विश्वास इस बात पर बढ़ा है कि जब उनके प्रतिनिधि खुद मैदान में उतरते हैं, तो नतीजे जरूर सामने आते हैं। काशीपुर के निवासी अब इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आने वाले मानसून में वे जलमग्न सड़कों और बाजारों के बजाय साफ-सुथरे रास्तों पर चल सकेंगे।
महापौर दीपक बाली ने ‘सहर प्रजातंत्र’ से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि नगर की जनता ने उन्हें जो विश्वास और जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वे पूरी ईमानदारी और गंभीरता से निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि काशीपुर में वर्षों से जलभराव की समस्या व्यापारियों, निवासियों और राहगीरों के लिए भारी परेशानी का कारण बनी हुई थी। खासकर बरसात के दिनों में मुख्य बाजार सहित कई क्षेत्र पानी में डूब जाते थे, जिससे व्यापार प्रभावित होता था और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता था। महापौर ने कहा कि नगर निगम अब कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर काम करने की नीति पर चल रहा है। उन्होंने बताया कि नालियों के चौड़ीकरण और गहराईकरण का कार्य एक सुनियोजित योजना के अंतर्गत शुरू किया गया है, ताकि पानी तेजी से निकल सके और जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। उनका मानना है कि जब जनप्रतिनिधि खुद फील्ड में जाकर काम की निगरानी करते हैं, तो अधिकारियों और कर्मचारियों में भी जवाबदेही की भावना पैदा होती है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में नगर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी और लोग बदलाव को महसूस करेंगे।
दीपक बाली का यह दौरा दर्शाता है कि वे सिर्फ कुर्सी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि शहर की नब्ज़ को समझने और उस पर काम करने को तत्पर हैं। नालियों के चौड़ीकरण से लेकर उनकी सफाई तक, हर पहलू की निगरानी स्वयं महापौर द्वारा किए जाना इस बात का प्रमाण है कि नगर निगम अब सक्रिय मोड में है। बरसों से उपेक्षित रही जलनिकासी की समस्या को अब गंभीरता से लिया जा रहा है। नागरिकों को उम्मीद है कि इस बार प्रशासन की सजगता और महापौर की नेतृत्व क्षमता मिलकर शहर को जलभराव की समस्या से स्थायी राहत दिलाएगी।