नैनीताल। हर साल की तरह इस बार भी श्री नीम करौली बाबा का कैंची धाम मेला लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनने जा रहा है। आगामी 15 जून को आयोजित होने वाले इस विश्वप्रसिद्ध मेले को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मेले में उमड़ने वाली भक्तों की विशाल भीड़ और व्यवस्थाओं की सुचारूता को ध्यान में रखते हुए उच्चाधिकारियों ने स्वयं मौके पर पहुंचकर सभी तैयारियों का जायजा लिया। कुमाऊं कमिश्नर श्री दीपक रावत, कुमाऊं की पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती रिधिम अग्रवाल और नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रहलाद नारायण मीणा ने संयुक्त रूप से मेला क्षेत्र में जाकर उन सभी व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की, जिनसे श्रद्धालुओं को सुविधा और सुरक्षा मिल सके। यह दौरा केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि एक स्पष्ट संकेत था कि कैंची धाम में इस बार का मेला पूरी तरह से अनुशासन, समर्पण और सावधानी के दायरे में रहेगा।
निरीक्षण के दौरान अधिकारी ने सबसे पहले पार्किंग की व्यवस्था को परखा। श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए वाहन संचालन को लेकर प्रशासन इस बार अत्यंत सजग है। पार्किंग स्थलों को रणनीतिक रूप से अलग-अलग स्थानों पर चिन्हित किया गया है ताकि किसी भी स्थिति में जाम जैसी स्थिति न बने। इसके अलावा, उन्होंने शटल सेवा की कार्यप्रणाली को भी समझा और निर्देश दिए कि इन सेवाओं में किसी भी तरह की ढिलाई न हो। विशेष रूप से बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों के लिए अधिक सहूलियत और सहायता उपलब्ध हो, इस पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इन व्यवस्थाओं को धरातल पर परखकर सुधार की गुंजाइशों को भी तत्काल लागू करने के निर्देश दिए गए, जिससे हर पहलू त्रुटिरहित और सुचारू बने।
मेले की सुरक्षा को लेकर भी इस बार विशेष चौकसी बरती जा रही है। श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने सभी सुरक्षा बिंदुओं पर खुद जाकर व्यवस्थाएं देखीं और अधीनस्थ अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। खासकर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र, प्रवेश और निकास मार्गों को लेकर उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह सबसे अहम कड़ी होगी। हर प्रवेश बिंदु पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और भीड़ प्रबंधन की तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन निगरानी व्यवस्था को भी और अधिक सशक्त किया जा रहा है ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। इस बार सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
श्री प्रहलाद नारायण मीणा ने विशेष ध्यान दिया मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की मूलभूत आवश्यकताओं पर। उन्होंने मौके पर बनाए गए अस्थायी शौचालयों, पेयजल टंकियों और रिफ्रेशमेंट पॉइंट्स की समीक्षा की। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यवस्थाएं श्रद्धालु केंद्रित हों और उनकी सुविधा सर्वाेपरि होनी चाहिए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए हर स्थान पर नियमित सफाई की व्यवस्था हो, इसके लिए सफाई कर्मचारियों की पर्याप्त तैनाती और समय-समय पर निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से समुचित सुविधाएं विकसित की जा रही हैं ताकि उनकी उपस्थिति सहज और सुरक्षित बनी रहे।

पूरे निरीक्षण अभियान के दौरान अधिकारियों की गंभीरता और प्रतिबद्धता साफ तौर पर दिखाई दी। यह कोई साधारण धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि करोड़ों भक्तों की आस्था का केन्द्र है, जिसे संभालना किसी भी प्रशासनिक इकाई के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। लेकिन श्री दीपक रावत, श्रीमती रिधिम अग्रवाल और श्री प्रहलाद नारायण मीणा जैसे सशक्त नेतृत्व के अंतर्गत यह स्पष्ट है कि इस बार का कैंची धाम मेला न केवल भव्य होगा, बल्कि अनुशासन और सुरक्षा के लिहाज से भी मिसाल कायम करेगा। आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर स्तर पर तैयारी अंतिम रूप ले चुकी है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर श्रद्धालु न केवल बाबा के दर्शन से आत्मिक शांति प्राप्त करे, बल्कि अपने अनुभव को भी अविस्मरणीय बना सके।
कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि प्रशासन की सजगता और प्रयासों से इस बार कैंची धाम मेला पूर्ण रूप से व्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालु अनुकूल बनने जा रहा है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि उत्तराखंड की प्रशासनिक दक्षता और सेवा भाव का भी परिचायक बनेगा।