हरिद्वार। देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली उद्योगपतियों में शुमार मुकेश अंबानी का परिवार इन दिनों आध्यात्मिक यात्रा पर लगातार सक्रिय दिखाई दे रहा है। उनकी आस्था की यह यात्रा केवल निजी पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह पवित्र स्थलों के उत्थान और संरक्षण की दिशा में बड़ा योगदान देने के स्तर तक पहुँच चुकी है। हाल ही में उनके पुत्र अनंत अंबानी अपनी पत्नी के साथ उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचे थे, जहां उन्होंने पवित्र हर की पैड़ी पर माँ गंगा की आरती में सम्मिलित होकर उस आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव किया, जिसके लिए यह तीर्थस्थल विश्वविख्यात है। यह यात्रा केवल दर्शन या श्रद्धा का प्रतीक नहीं थी, बल्कि उन्होंने गंगा तट की व्यवस्थाओं को गहराई से समझा, महसूस किया और सुधार हेतु संकल्प भी लिया। इसी क्रम में गंगा सभा के कार्यों और प्रबंधन की बारीकी से जानकारी लेने के बाद अनंत अंबानी ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने समस्त हरिद्वारवासियों के दिल को छू लिया है।
हरिद्वार से लौटने के कुछ ही दिनों के भीतर अनंत अंबानी ने गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ को खास तौर पर मुंबई आमंत्रित किया, ताकि वहाँ गंगा तट और धार्मिक व्यवस्थाओं से जुड़ी व्यापक बातचीत की जा सके। तन्मय वशिष्ठ ने उनके मुंबई स्थित निवास पर पहुँचकर एक सौहार्दपूर्ण मुलाकात की, जो लगभग आधे घंटे से अधिक चली। इस बातचीत के दौरान केवल आस्था नहीं बल्कि हरिद्वार की धार्मिक महत्ता, सांस्कृतिक विरासत और तीर्थ क्षेत्र की भावी योजनाओं पर भी गंभीर विमर्श हुआ। तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि अंबानी परिवार, विशेष रूप से अनंत अंबानी, गंगा के प्रति केवल श्रद्धा ही नहीं बल्कि संवेदनशील दृष्टिकोण भी रखते हैं। उनके शब्दों से यह स्पष्ट हो गया कि वे गंगा और हर की पैड़ी की महत्ता को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में देखते हैं और उसकी भव्यता बनाए रखने में वे खुद को हर पल समर्पित मानते हैं।
इस भेंट के दौरान अनंत अंबानी ने हरिद्वार की सांस्कृतिक आत्मा माने जाने वाले गंगा सभा को न केवल भावनात्मक समर्थन देने की बात कही, बल्कि अपने वचन को तत्काल अमल में भी लाया। गंगा सभा के अनुसार, अंबानी परिवार की ओर से सीधे 5 करोड़ रुपये की धनराशि संस्था को प्रदान की गई है। यह धनराशि केवल प्रतीकात्मक दान नहीं, बल्कि एक संकल्प की तरह है, जो गंगा घाट की व्यवस्थाओं, साफ-सफाई, तकनीकी विकास, सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यय की जाएगी। गंगा सभा के सदस्यों के अनुसार, इस आर्थिक सहयोग से घाट की व्यवस्थाएं अत्याधुनिक स्वरूप लेंगी और श्रद्धालुओं को अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा। यह राशि एक परिवर्तन की नींव रखेगी, जिसे वर्षों तक याद किया जाएगा।
अनंत अंबानी ने अपनी हरिद्वार यात्रा के दौरान ही यह संकेत दे दिया था कि वह केवल दर्शन के लिए नहीं आए हैं, बल्कि माँ गंगा की सेवा के लिए भी पूर्णतः समर्पित हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दिया था कि जब भी गंगा सभा को आवश्यकता होगी, वह और उनका परिवार हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहेंगे। अब जबकि यह आर्थिक सहयोग गंगा सभा के पास विधिवत रूप से पहुँच चुका है, संस्था के पदाधिकारियों ने पूरे अंबानी परिवार के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रकट की है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल धनराशि नहीं, बल्कि गंगा माता के प्रति एक प्रखर श्रद्धा, समर्पण और उत्तरदायित्व का प्रतीक है। गंगा सभा ने मुकेश अंबानी, अनंत अंबानी और उनके पूरे परिवार के लिए माँ गंगा से दीर्घायु, समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना की है। हरिद्वार की पावन भूमि, जो हमेशा श्रद्धा और ऊर्जा का केंद्र रही है, आज इस महान योगदान को पाकर स्वयं भी धन्य हुई है।