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रामनगर में पुरानी रंजिश ने बरपाया कहर, मुकुल पर ताबड़तोड़ फायरिंग

पुलिस ने मुख्य शूटर ईशान समेत पांच हमलावरों को किया गिरफ्तार, 315 बोर तमंचा और कारतूस बरामद, रंजिश में हुई थी फायरिंग की साजिश।

रामनगर। सनसनीखेज घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुरानी दुश्मनी कभी-कभी खून खराबे में तब्दील हो सकती है। इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले मुकुल आर्या पर जब चार दिन पहले खुलेआम फायरिंग की गई, तो पूरा क्षेत्र दहशत में आ गया था। एक शांत इलाका अचानक गोलियों की गूंज से थर्रा उठा और वहां भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस को जब इस वारदात की जानकारी मिली, तो तत्काल मौके पर पहुंचकर घायल मुकुल आर्या को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बिना देर किए जांच टीम का गठन किया और उच्चाधिकारियों के निर्देशन में अपराधियों की तलाश शुरू कर दी। घटना को अंजाम देने वालों की संख्या और उनकी मंशा को समझना पुलिस के लिए चुनौती था, जिसे उन्होंने बखूबी अंजाम तक पहुंचाया।

लगातार दबिशों और सूचनाओं के आधार पर जब आज 10 जून को पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया, तो साफ हो गया कि यह हमला किसी तात्कालिक विवाद का परिणाम नहीं, बल्कि पहले से रची गई साजिश का हिस्सा था। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें मुख्य शूटर ईशान उर्फ पव्वा, फारूख उर्फ सोनू, बिलाल दृ तीनों रामनगर के मोहल्ला खताड़ी के रहने वाले हैं, वहीं फरदीन जो ग्राम चिलकिया का निवासी है और मोहम्मद अर्श जो गूलरघटटी मोहल्ले में रहता है, को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि इन सभी ने पहले से योजना बनाकर इस घटना को अंजाम दिया था। उन्होंने मौके की रेकी की, समय चुना और वारदात को अंजाम देकर भाग निकले, लेकिन कानून के लंबे हाथों से वे ज्यादा दूर नहीं भाग सके।

रामनगर कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने प्रेस को बताया कि इस केस को सुलझाने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया था, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ उप निरीक्षक मनोज नयाल और उप निरीक्षक तारा सिंह राणा ने किया। टीम ने जांच में तेजी दिखाते हुए चंद दिनों में ही आरोपी शूटरों तक पहुंच बना ली। गिरफ्तारी के समय ईशान उर्फ पव्वा के पास से 315 बोर का तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद किया गया, जो इस अपराध में प्रयुक्त हुआ था। पूछताछ में यह भी स्पष्ट हुआ कि यह हमला पुरानी रंजिश और व्यक्तिगत शत्रुता के चलते अंजाम दिया गया था, जिसमें मुकुल को जान से मारने की मंशा से निशाना बनाया गया।

आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश कर दिया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। कोतवाल अरुण सैनी ने जानकारी दी कि इस हमले में शामिल कुछ अन्य संदिग्ध अभी भी फरार हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पुरानी दुश्मनियों को खत्म करने की बजाय, कुछ लोग उसे अपराध के रास्ते से सुलझाने की कोशिश करते हैं, जिसका अंत जेल या मौत में होता है। रामनगर पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई निश्चित रूप से अपराधियों के हौसले पस्त करेगी और आम लोगों में सुरक्षा की भावना को मज़बूती देगी।

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