काशीपुर। देश में एक बार फिर से अदृश्य दुश्मन ने दस्तक दे दी है। कोरोना वायरस की वापसी ने आमजन से लेकर प्रशासन तक को अलर्ट मोड पर ला दिया है। बीते कुछ दिनों से देशभर में कोविड संक्रमित मामलों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है, जिससे भय का माहौल फिर से गहराने लगा है। अगर उत्तराखंड की बात करें तो यहां भी संक्रमण धीरे-धीरे पांव पसार रहा है। प्रदेश में अब तक तीन कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। महामारी की आशंका को देखते हुए सभी जिलों में तैयारियों को परखा जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के रक्षा राज्यमंत्री और नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से सांसद अजय भट्ट ने स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को हर स्तर पर तैयार रखा गया है। उन्होंने जनता से संयम और सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा कि घबराने की बजाय सावधानी जरूरी है।
दूसरी ओर एल. डी. भट्ट राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. राजीव चौहान ने कोविड संक्रमण को लेकर अस्पताल में की गई तैयारियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर एक ‘क्योर क्लिनिक’ की स्थापना की है, जहां एक चिकित्सक और एक फार्मासिस्ट की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। इस कदम का उद्देश्य है कि शुरुआती लक्षणों वाले मरीजों की पहचान समय रहते हो सके और उन्हें आम मरीजों से अलग रखकर उपचार प्रदान किया जा सके। डॉ. राजीव चौहान ने आगे बताया कि संक्रमण की आशंका को देखते हुए ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी दुरुस्त किया गया है। फिलहाल अस्पताल में 92 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखा गया है कि ऑक्सीजन की उपलब्धता ही संकट के समय सबसे बड़ी राहत होती है।
मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी के संबंध में डॉ. राजीव चौहान ने कहा कि अस्पताल की ओपीडी में पहले रोजाना औसतन 800 से 900 मरीज आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 1200 के करीब पहुंच गई है। यह स्पष्ट संकेत है कि लोग स्वास्थ्य को लेकर अधिक सजग हुए हैं और जरा सी भी परेशानी होने पर अस्पताल का रुख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में बढ़ी हुई भीड़ को ध्यान में रखते हुए स्टाफ की तैनाती बढ़ाई गई है और सभी विभागों को सतर्क कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर बिना देर किए चिकित्सकीय जांच कराएं और मास्क, सैनिटाइज़र तथा सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन जरूर करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पताल की सेवाएं जनता के लिए हमेशा से समर्पित रही हैं और इस बार भी हर मरीज़ को पूरा इलाज मिलेगा।
सांसद अजय भट्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के साथ-साथ जनसहयोग की भी आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है, लेकिन जनता को भी पहले की तरह सजग रहना होगा। उनका कहना था कि अफवाहों से दूर रहकर केवल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन ही इस चुनौती से जीतने का रास्ता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड काल की पिछली लहरों से प्रदेश सरकार और प्रशासन ने काफी कुछ सीखा है और उसी अनुभव के आधार पर अभी से हर स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने सभी अस्पतालों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं रखी जाएगी। अजय भट्ट ने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में उत्तराखंड पूरी ताकत से कोरोना की चुनौती से निपटेगा।
अंत में, डॉ. राजीव चौहान ने कहा कि यदि स्थिति और बिगड़ती है तो अस्पताल में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वार्ड को फिर से सक्रिय किया जा चुका है और मेडिकल स्टाफ को संक्रमण से सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का प्रशिक्षण दोबारा दिया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना की जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग और आरटी-पीसीआर दोनों सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की कोई दवा नहीं है, इसलिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। उनका यह बयान न केवल आमजन को सतर्क करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि प्रशासन अब किसी भी खतरे को हल्के में लेने के मूड में नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि उत्तराखंड संक्रमण की इस नई लहर को रोकने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुका है और इस बार सरकार और जनता मिलकर कोरोना को शिकस्त देने के लिए तैयार हैं।