रामनगर। शहर के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान एम. पी. हिन्दू इंटर कॉलेज, रामनगर (नैनीताल) की गरिमामयी दीवारों के भीतर उस समय गरमाहट और उत्साह का अद्भुत संगम देखा गया जब विद्यालय प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता विद्यालय की पदेन सचिव और प्रखर नेतृत्वकर्ता प्रधानाचार्य संजीव कुमार शर्मा तथा समिति की अध्यक्षा सुनीता बोहरा ने की। शिक्षा की उन्नति को लेकर सजग यह महत्त्वपूर्ण बैठक विद्यालय परिसर के वातावरण में नई ऊर्जा का संचार कर रही थी। हर ओर एक सकारात्मक हलचल थी, जैसे विचारों के स्वर और निर्णयों की गूंज विद्यालय के भविष्य की नींव को और भी अधिक मजबूत करने के लिए तत्पर हो। शिक्षा के इस मंदिर में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया ने सभी उपस्थितजनों को एक नयी दिशा देने का काम किया और यह अहसास कराया कि बदलाव जब सामूहिक सहमति से होता है, तो उसका असर दूरगामी और व्यापक होता है।
एक बेहद रोचक मोड़ पर पहुंचकर यह बैठक तब और विशेष बन गई जब विद्यालय की कार्यकारिणी में नए चेहरों का चयन किया गया। विद्यालय के मीडिया प्रभारी हेम चन्द्र पाण्डे ने इस बदलाव की जानकारी साझा करते हुए बताया कि सर्वसम्मति के साथ नंदन सिंह यादव को विद्यालय प्रबंधन समिति का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि प्रबंधन की सशक्त धारा में मनोज कश्यप को उपाध्यक्ष की भूमिका सौंपी गई। यह निर्णय विद्यालय परिवार के लिए एक नवीन युग की शुरुआत जैसा प्रतीत हुआ, जिसमें अनुभव, दूरदर्शिता और सहयोग का त्रिवेणी संगम दिखा। विद्यालय के समर्पित सदस्यों में नयी ऊर्जा का संचार करने वाले इस निर्णय से समिति के अंदर काम करने की दिशा और धार दोनों ही मजबूत होंगी, यह विश्वास हर शिक्षक और अभिभावक के चेहरे पर साफ झलक रहा था।
इस ऊर्जावान बैठक में सिर्फ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन ही नहीं हुआ, बल्कि समिति के लिए विभिन्न अनुभवी और सक्रिय लोगों को सदस्य के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई। यह एक सजीव उदाहरण था कि जब विचारों का समुच्चय एक मंच पर आता है, तो निर्णय भी उसी अनुपात में मजबूत और स्पष्ट होते हैं। बैठक में दिशा बिष्ट, नेहा, जाकिर हुसैन, त्रिभुवन कांडपाल, रिहाना कमर, इकरामुर रहमान, इंतजार हुसैन, कामिनी, बृज किशोर चंद्र, आयशा परवीन, सुशीला बिष्ट, हसीना बानो, उमा असवाल, साहिर हुसैन, समरीन, मोहम्मद अयूब तथा रेणु को सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया। इन नामों की सूची अपने आप में एक प्रतिबिंब है उस विविधता का, जो समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व प्रदान करती है। यह चयन दिखाता है कि समिति ने हर विचारधारा, वर्ग, पृष्ठभूमि को साथ लेकर एक समावेशी स्वरूप अपनाया है, जिससे विद्यालय की शैक्षिक संरचना और भी सशक्त होगी।
बैठक के दौरान केवल संगठनात्मक निर्णयों तक ही सीमित न रहते हुए, कई गहन और अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। विद्यालय की शैक्षिक गतिविधियों को और बेहतर बनाने, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने, आगामी सत्र के नवीन प्रवेश की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी रखने के साथ ही एक और भोजन माता की नियुक्ति के विषय में भी गंभीरता से विचार-विमर्श हुआ। यह पहल दर्शाती है कि विद्यालय प्रशासन हर पहलू पर समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए बच्चों के पोषण और समुचित शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। बच्चों के हित में उठाए गए इन कदमों से यह निश्चित है कि स्कूल का शैक्षिक वातावरण पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ और समर्पित नजर आएगा। इन विचारों की गंभीरता को देखकर यह स्पष्ट था कि यह केवल एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि एक दिशा-निर्देशन सभा थी जिसमें विद्यालय की नींव को मजबूत करने के लिए संकल्पबद्ध मंथन चल रहा था।
इस निर्णायक बैठक की गरिमा और प्रासंगिकता उस समय और अधिक बढ़ गई जब विद्यालय के समर्पित शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपने विचारों से समिति को समृद्ध किया। नीरज राज, अमित धारकिया, प्रीती बंगारी, आँचल तथा प्रकाश रावत जैसे कर्मठ शिक्षकों की सहभागिता ने इस बैठक को न केवल एक प्रशासकीय निर्णय-स्थल बल्कि एक विचारमंच का स्वरूप भी प्रदान कर दिया। इन सभी शिक्षकों की प्रतिबद्धता और उपस्थिति यह संकेत दे रही थी कि विद्यालय के प्रत्येक स्तंभ में कार्यनिष्ठा और समर्पण की सघनता है। यह बैठक केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भविष्य निर्माण की वो जमीन थी जिस पर रामनगर की शिक्षा व्यवस्था की नई इबारत लिखी जा रही थी। संस्था का यह जीवंत आयोजन आने वाले समय में निश्चित ही शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्पद मिसाल के रूप में याद किया जाएगा।