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ओवरब्रिज पर उतरेगा चारधाम का वैभव जब धर्म और संस्कृति करेंगे स्वागत

काशीपुर। हवाओं में जब संस्कृति की महक घुलने लगे और शहर की हर दीवार, हर मोड़ पर धर्म की दिव्यता झलकने लगे, तब समझ लीजिए कि कोई दूरदृष्टा नेतृत्व उस नगर को आत्मा से सजाने-संवारने में जुटा है। काशीपुर के महापौर दीपक बाली की कल्पना और कर्मठता ने अब इस ऐतिहासिक नगरी को एक ऐसी धार्मिक आभा में नहाने की तैयारी में ला खड़ा किया है, जिसे देखकर हर आगंतुक श्रद्धा से भर उठेगा। ओवर ब्रिज पर जहां रोज़मर्रा की भागदौड़ से भरी ज़िंदगी सरपट दौड़ती है, वहीं अब उसे चारों धाम दृ भगवान केदारनाथ, बद्रीनाथ, मां गंगोत्री और यमुनोत्री की भव्यमूर्ति में रुककर निहारने का कारण मिलेगा। यह सिर्फ चित्र नहीं होंगे, यह उत्तराखंड की आत्मा को शहर की दीवारों पर उतारने का साहसिक प्रयास है, जो न केवल सनातन संस्कृति को सहेजने का संदेश देगा, बल्कि काशीपुर की पहचान को एक धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उभार देगा।

हर नगर को सजाने-संवारने के पीछे अगर कोई जागरूक और भावुक नेतृत्व खड़ा हो, तो विकास सिर्फ सड़कों और इमारतों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि वह नगर की आत्मा को स्पर्श करता है। दीपक बाली ने न केवल नगर की मूलभूत आवश्यकताओं को समझा, बल्कि एक सौंदर्यात्मक सोच के साथ उसे नया रंग और नई पहचान देने की मुहिम छेड़ दी। उत्तराखंड के प्रवेशद्वार माने जाने वाले काशीपुर को जब देश-विदेश से आने वाले पर्यटक पहली बार देखते हैं, तो उन्हें एक ऐसे शहर से सामना हो जो धर्म, इतिहास और आधुनिकता का सजीव संगम हो। इसी विचारधारा के साथ महाराणा प्रताप चौक पर बने ओवर ब्रिज को अब भव्य धार्मिक चित्रों से सजाया जा रहा है, ताकि यह पुल सिर्फ दो छोरों को न जोड़े, बल्कि संस्कृति और श्रद्धा को जोड़ने का माध्यम बने। ओवर ब्रिज की पुताई का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है और दीपक बाली ने स्वयं जाकर इसकी प्रगति को जमीन पर देखा।

सिर्फ एक पुल को सजाना ही मकसद नहीं है, बल्कि पूरा शहर एक ऐसा जीवंत कैनवास बनने जा रहा है जिस पर उत्तराखंड की धार्मिक परंपराएं चित्रित होंगी और आधुनिकता के साथ उसका सौंदर्य भी निखरेगा। शाव्यास एग्रोनिक्स कंपनी द्वारा किए जा रहे इस कार्य को लेकर नगर निगम पूरी तत्परता से जुटा हुआ है और हर पहलू को बारीकी से देखा जा रहा है। खास बात यह है कि इस सौंदर्यकरण का हिस्सा बनते हुए, काशीपुर के अलग-अलग इलाकों में भी सौंदर्य और स्वच्छता की बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं, जो शहर को पूरी तरह बदल देने की तैयारी में हैं। चाहे वह मुरादाबाद रोड स्थित के वी आर हॉस्पिटल से लेकर रामनगर रोड पर धनोरी तक की तस्वीर बदलने की योजना हो या फिर होटल कुमाऊँ प्लाजा से होते हुए परमानंदपुर तक के सौंदर्यीय कायाकल्प की बात हो दृ यह सब एक समग्र योजना का हिस्सा है जिसे उत्तराखंड सरकार से स्वीकृति दिलाकर दीपक बाली ने जमीन पर लाने का संकल्प लिया है।

धार्मिक चित्रों से सजे इस ओवर ब्रिज की जब एक झलक किसी आगंतुक की निगाहों में समाएगी, तो वह सिर्फ पुल नहीं देखेगा, वह उत्तराखंड के तीर्थस्थलों की महिमा से परिचित होगा और काशीपुर को एक जीवंत धार्मिक नगर के रूप में अनुभव करेगा। ऐसे प्रयासों से न केवल नगर की पहचान बदलेगी बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी यह स्थल एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकता है। यही नहीं, इन धार्मिक कलाकृतियों के बीच चलते वाहनों को देखकर यह भी प्रतीत होगा कि आधुनिकता और आस्था अब साथ-साथ चल सकते हैं। सौंदर्यकरण की यह योजना केवल नगर निगम की योजना नहीं है, यह एक भावनात्मक आंदोलन है जिसे नेतृत्व मिल रहा है दीपक बाली के विचारों से।

यह भी उल्लेखनीय है कि दीपक बाली ने सिर्फ नगर निगम तक सीमित न रहते हुए, लोक निर्माण विभाग काशीपुर और एन एच के हल्द्वानी कार्यालय को भी पत्र लिखकर नगर के बीचों-बीच गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग को भी सुशोभित करने की मांग की। परिणामस्वरूप लोक निर्माण विभाग काशीपुर ने अपने हिस्से का काम पूरा कर दिया है और एन एच विभाग द्वारा भी रामनगर रोड पर स्टेडियम तक कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यह समन्वय और सक्रियता उस सच्ची नीयत की परिचायक है, जो एक नेता को सिर्फ प्रशासक नहीं बल्कि नगर का सेवक बनाती है। जिस तरह से हर विभाग को साथ लेकर काम किया जा रहा है, वह आने वाले समय में काशीपुर को न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित कर सकता है।

महापौर दीपक बाली ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम द्वारा किए जा रहे इस सौंदर्यकरण कार्य का उद्देश्य केवल शहर को सजाना-संवारना नहीं है, बल्कि इसके जरिए काशीपुर की पौराणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को सजीव रूप में प्रस्तुत करना है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध धार्मिक स्थलों कृ भगवान केदारनाथ, बद्रीनाथ, मां गंगोत्री और यमुनोत्री कृ की आकर्षक कलाकृतियां महाराणा प्रताप चौक स्थित ओवर ब्रिज की दीवारों पर उकेरी जा रही हैं, ताकि शहर में प्रवेश करते ही श्रद्धालु और पर्यटक सनातनी संस्कृति की अद्भुत झलक से अभिभूत हो उठें। यह कार्य पूरी निष्ठा और गुणवत्ता के साथ शाव्यास एग्रोनिक्स कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जिसकी निगरानी स्वयं उन्होंने मौके पर पहुंचकर की। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल केवल एक सजावटी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि यह प्रयास काशीपुर की आत्मा को धार्मिक आभा से मंडित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो भविष्य में नगर की पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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