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उत्तराखंड पुलिस ने नई दिशा में अपराध नियंत्रण के लिए मजबूत कदम उठाए, आईजी का ऐलान

महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम और नशे के खिलाफ चलेगा बड़ा अभियान, मॉक ड्रिल से जनता को मिलेगी आपात स्थिति में खुद को बचाने की सीख

काशीपुर। पुलिस की तेज रफ्तार कार्यशैली को और धार देने के लिए देवभूमि उत्तराखंड के काशीपुर में बृहस्पतिवार का दिन बेहद अहम रहा, जब पूरे कुमाऊँ रेंज की पुलिस व्यवस्था की कमान संभाल रहीं आईपीएस अधिकारी, कुमाऊँ की तेजतर्रार पुलिस महानिरीक्षक ऋद्धिम अग्रवाल ने ज़मीनी स्तर पर खाकी की ताकत को परखने और उसे नई दिशा देने का बीड़ा उठाया। एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एसपी अभय सिंह, समस्त क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारियों की मौजूदगी में ऋद्धिम अग्रवाल ने कानून व्यवस्था की बारीकियों को कुरेदते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि जनमानस को भयमुक्त समाज देना ही अब पुलिस का प्रमुख ध्येय होना चाहिए, और हर स्तर पर इसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। एसपी कार्यालय में आयोजित इस समीक्षा बैठक में जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर ईमानदारी से फोकस करते हुए यह ठान लिया गया कि लंबित विवेचनाओं में गुणवत्ता के साथ तेज़ी लाना और पुलिस-जस्टिस डिलीवरी सिस्टम को मजबूती देना अब केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि वचन है।

गंभीर स्वर में अपनी बात रखते हुए ऋद्धिम अग्रवाल ने यह भी जता दिया कि केवल पुलिस के कंधों पर न्याय की डोर नहीं है, बल्कि न्यायालय और अभियोजन विभाग भी इसका अहम हिस्सा हैं। लेकिन इस प्रणाली की धार तभी तेज़ होगी, जब विवेचनाएं उच्च गुणवत्ता की हों, समय से पूरी हों और अभियुक्तों को सज़ा दिलाने की दिशा में हर स्तर पर सुनियोजित प्रयास किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो भी मामले वर्षों से लंबित हैं, खासकर जिनकी सुनवाई न्यायालय में चल रही है, उन्हें राजपत्रित अधिकारी खुद संजीदगी से मॉनिटर करें और प्रभावी ढंग से उनकी पैरवी की जाए। इसके लिए उधम सिंह नगर में केस ऑफिसर स्कीम को दोबारा प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाएगा और हर केस की गंभीरता से निगरानी की जाएगी ताकि इंसाफ केवल सपना न रह जाए, बल्कि ज़मीनी सच्चाई बने।

मौके पर उपस्थित पत्रकारों से बातचीत करते हुए ऋद्धिम अग्रवाल ने जब यह कहा कि महिला अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है, तो उनकी आवाज़ में चिंता भी थी और चेतावनी भी। उन्होंने साफ़-साफ़ कहा कि चाहे सोशल मीडिया के ज़रिए हो या व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से, यदि किशोरियां या छात्राएं अज्ञात व्यक्तियों से संवाद करती हैं या उनसे मिलने जाती हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने अपील की कि अभिभावक और स्कूल के शिक्षक बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर बारीक नज़र रखें, ताकि वे किसी जाल में न फंसें। साथ ही पुलिस को निर्देशित किया गया है कि यदि ऐसा कोई अपराध सामने आता है तो बिना देर किए, एफआईआर दर्ज कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने चेताया कि सोशल मीडिया अब सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, अपराध की नई भूमि बन चुकी है, जहां हर क्लिक किसी नई चुनौती को जन्म दे सकता है।

प्रदेश में बढ़ रही गुमशुदगी की घटनाओं को लेकर भी ऋद्धिम अग्रवाल ने साफ शब्दों में कहा कि उत्तराखंड पुलिस इस मोर्चे पर भी सतर्क है और लगातार इस बात की पड़ताल की जा रही है कि कहीं इन गुमशुदगी मामलों की डोर मानव तस्करी जैसे घिनौने अपराधों से तो नहीं जुड़ी हुई। हालांकि अभी तक कोई प्रमाणित केस सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस को हर पल हाईटेक रहने की आवश्यकता है ताकि किसी भी प्रकार के संगठित अपराध के बीज समय रहते कुचले जा सकें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आधुनिक तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर ही हम अपराधियों की हर हरकत पर पैनी नज़र रख सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि देवभूमि में दुष्कर्म, तस्करी या साइबर फ्रॉड जैसी विकृतियाँ पनपने न पाएं।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत उत्तराखंड में अलर्ट पर आईजी कुमाऊं, ऋद्धिम अग्रवाल ने कहा कि जनपद प्रभारियों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इस अलर्ट के तहत विशेष रूप से मॉक ड्रिल के आयोजन पर जोर दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को आपात स्थिति में खुद को बचाने और दूसरों की मदद करने के लिए प्रशिक्षित करना है। इस मॉक ड्रिल का आयोजन प्रदेशभर में किया जाएगा, और इसके जरिए जनता को यह संदेश दिया जाएगा कि आपातकालीन स्थितियों में किस प्रकार प्रतिक्रिया करनी चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति घबराए बिना अपने और दूसरों के जीवन को सुरक्षित रख सके। आईजी ऋद्धिम अग्रवाल ने इस दौरान यह भी कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान अफवाहें फैलाना या किसी भी प्रकार का तनाव पैदा करना गलत होगा। उन्होंने साफ तौर पर निर्देश दिए कि सभी लोग केवल सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें।

उन्होने कहा कि मॉक ड्रिल को लेकर कोई घबराहट या डर न फैलने पाए, क्योंकि यह सिर्फ एक पूर्व निर्धारित और योजनाबद्ध अभ्यास है। इस अभ्यास का उद्देश्य है कि जब वास्तविक स्थिति उत्पन्न हो, तो लोग पहले से तैयार और प्रशिक्षित हों, ताकि हर किसी को सही निर्णय लेने में कोई कठिनाई न हो। साथ ही, आईजी कुमाऊं ने यह भी स्पष्ट किया कि मॉक ड्रिल की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को तत्काल सूचना दी जाएगी।

आई जी ने बताया कि यह प्रशिक्षण जनता को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाए रखने के लिए किया जा रहा है, ताकि आपातकालीन स्थितियों में हर व्यक्ति खुद को और अपने आस-पास के लोगों को बचाने में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के जरिए पुलिस, प्रशासन और नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा, जिससे किसी भी तरह की आपात स्थिति का सामना करना आसान हो सकेगा। उन्होने कहा कि यह पहल ऑपरेशन सिंदूर के तहत सुरक्षा के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य उत्तराखंड में महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारियों को बेहतर बनाना है।

आईजी कुमाऊं, ऋद्धिम अग्रवाल ने बताया कि साइबर अपराध और नशा तस्करी जैसे खतरों पर भी बैठक में तीव्र चिंता प्रकट की गई और निर्देश दिए गए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी अभियान चलाए जाएं ताकि नशे के सौदागरों की रीढ़ तोड़ी जा सके। साथ ही, साइबर सेल को और अधिक प्रशिक्षित करने की बात कही गई ताकि डिजिटल ठगों की गिरफ़्तारी और आम जन की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए आने वाले दिनों में जनजागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे, जिसमें जनता को बताया जाएगा कि वे कैसे साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं और संदिग्ध लिंक या कॉल से सतर्क रहें। इन अभियानों के ज़रिए पुलिस और जनता के बीच एक नया भरोसे का पुल तैयार किया जाएगा।

बैठक के अंतिम चरण में पुलिस की कार्यशैली और जनता के साथ संवाद पर भी ज़ोर दिया गया। ऋद्धिम अग्रवाल ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस अब सिर्फ एक कानून लागू करने वाली संस्था नहीं, बल्कि समाज की सेवा और सहयोग की दिशा में कार्यरत संवेदनशील इकाई होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि थानों में आने वाले हर व्यक्ति को सम्मान और संवेदनशीलता के साथ सुना जाए, ताकि पुलिस की छवि कठोर नहीं बल्कि मानवीय बन सके। इसके साथ ही उन्होंने गश्त प्रणाली को मजबूत बनाने, महिला हेल्पलाइन को सक्रिय रखने और थाना स्तर पर कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए स्पष्ट निर्देश भी दिए। उनका यह दृष्टिकोण साफ दर्शाता है कि उत्तराखंड की खाकी अब सिर्फ वर्दी नहीं, बल्कि सुरक्षा का वचन बन चुकी है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कुमाऊं क्षेत्र में महिला सुरक्षा, साइबर अपराध और नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का स्पष्ट संकेत दिया। उन्होंने यह अपील की कि आम जनता को पुलिस के साथ मिलकर काम करना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस तक पहुंचानी चाहिए, ताकि अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। उत्तराखंड पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार लगातार अपराध नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं और हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। ऋद्धिम अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि अब अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी क्षेत्र से जुड़े हों। पुलिस हर प्रकार के अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और अपराधियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उनका यह बयान एक मजबूत संदेश था, जो अपराधियों को सख्त चेतावनी देता है और समाज को सुरक्षा का भरोसा दिलाता है।

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