रामनगर। राजनीतिक गलियारों में इन दिनों हलचल मची हुई है, और इस बार उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने सरकार की चूलें हिलाने वाला बयान देकर सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी के नेतृत्व में रानीखेत रोड स्थित घनश्याम करगेती सेवा आश्रम (मयूर होटल) में आयोजित बैठक में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला गया। इस बैठक में यह स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार अब अपनी नियंत्रण शक्ति खो चुकी है और असली सत्ता खनन व शराब माफियाओं के हाथों में सौंपी जा चुकी है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक मंचों से शराब दुकानों को बंद करने की घोषणा के बावजूद, धरातल पर इन घोषणाओं का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। इस लापरवाही और जनभावनाओं की उपेक्षा के चलते, सरकार जनता के भरोसे को पूरी तरह गंवा चुकी है।
हर ओर यही चर्चा है कि जब खुद मुख्यमंत्री धामी अपने ही विभागोंकृखनन व आबकारीकृपर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं, तो आम जनता सरकार से किस उम्मीद में बैठी है। पीसी तिवारी ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह सरकार अब माफियाओं की कठपुतली बन चुकी है। खनन और शराब के व्यापार में लगे रसूखदार लोग प्रदेश की नीतियों और दिशा तय कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मुख्यमंत्री की घोषणा पर ही विभाग अमल नहीं कर रहे, तो यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि श्माफियाराजश् है। पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी की संचालन में हुई इस अहम बैठक में सभी पदाधिकारियों ने एकमत होकर यह तय किया कि अब संगठन को नए सिरे से मजबूत किया जाएगा। सदस्यता नवीनीकरण और एक ज़बरदस्त सदस्यता अभियान चलाया जाएगा, जिससे कि पार्टी की जड़ें ज़मीन तक मज़बूती से फैलाई जा सकें।

बैठक में शामिल पदाधिकारियों की चिंताओं से यह स्पष्ट हो गया कि प्रदेश में चल रही समस्याएं अब बर्दाश्त की सीमा को पार कर चुकी हैं। शराब, नशा, अवैध खनन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दों पर सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की है। साथ ही, समान नागरिक संहिता और जंगली जानवरों की समस्या से जूझ रहे लोगों की बातों को सरकार पूरी तरह से अनसुना कर रही है। किसान, मजदूर, छात्र और युवा आज सड़कों पर उतर रहे हैं, लेकिन सत्ता के गलियारों में इस जनआंदोलन की आवाज़ गूंज तक नहीं रही। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब वक्त आ गया है कि पूरे प्रदेश की जनता एकजुट होकर ‘भाजपा हटाओ, प्रदेश बचाओ’ आंदोलन का हिस्सा बने। पार्टी ने यह भी कहा कि प्रदेश की सत्ता को आम लोगों की समस्याओं के प्रति जवाबदेह बनाना अब जनता के हाथ में है।

केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने बैठक में जोर देकर कहा कि यह समय आक्रोश को संगठनात्मक शक्ति में बदलने का है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार जिस तरह से माफियाओं के हाथों नच रही है, उससे यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। उनके साथ मंच पर मौजूद केंद्रीय उपाध्यक्ष योधराज त्यागी, कुलदीप मधवाल, प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, केंद्रीय महासचिव नरेश चंद्र नौडियाल, दिनेश उपाध्याय, सचिव अमीनुरहमान, जगदीश ममगाई, कौस्तुवनंद भट्ट, भावना पांडे, भारती पांडे, सतवीर, लालमणि, आसिफ, सुनील पर्नवाल और शिवेंद्र जैसे वरिष्ठ नेता इस बात पर सहमत दिखे कि जनता की तकलीफों को अब आंदोलन के ज़रिये ही सरकार तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब भाषणों का नहीं, बल्कि ज़मीनी संघर्ष का वक्त है।
हर कोने से उठ रही विरोध की लहर अब एक क्रांति का रूप लेने जा रही है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्रदेश की जनता से आह्वान किया है कि वे भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएं। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि पंचायत चुनावों की तैयारी को प्राथमिकता दी जाएगी और प्रत्येक कार्यकर्ता को गांव-गांव जाकर जनता से सीधा संवाद करना होगा। संगठन अब सिर्फ राजनीति नहीं करेगा, बल्कि हर उस मुद्दे पर संघर्ष करेगा जो आम जनता के जीवन से जुड़ा है। पार्टी ने साफ कहा कि अब कोई माफिया या सत्ता का खेल जनता की आवाज़ को नहीं दबा सकेगाकृक्योंकि अब जागरण शुरू हो चुका है और क्रांति की चिंगारी हर दिल में सुलग रही है।