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ऑपरेशन स्माइल से लौटी मुस्कानें पुलिस की सख्ती ने अपराधियों की बढ़ाई मुश्किलें

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की सक्रियता से 320 बिछड़े लोग मिले अपनों से, लक्सर में महिला और प्रतिबंधित मांस के साथ चार आरोपी गिरफ्तार

हरिद्वार। एक बार फिर साबित कर दिया है कि यदि इरादे मजबूत हों और पुलिस तंत्र संवेदनशील हो, तो हर असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। हरिद्वार पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल के अंतर्गत जो कार्य किया है, वह न केवल प्रशंसनीय है बल्कि समाज में भरोसे की एक नई किरण भी बनकर उभरा है। बीते एक वर्ष में कुल 320 गुमशुदा और अपने परिजनों से बिछड़े हुए लोगों को खोज निकालकर उनके परिवारों से मिलाने का नेक कार्य कर हरिद्वार पुलिस ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस अभियान में सबसे खास भूमिका निभाई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने, जिसने मेला, पर्व और गंगा स्नान जैसे आयोजनों में भीड़ में खोए हुए मासूम बच्चों से लेकर वयस्क व्यक्तियों तक को खोज निकालने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। हर बार जब कोई मासूम अपने माता-पिता से मिलाया गया, तो वह क्षण इतना भावुक रहा कि वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। परिवारों की मुस्कान लौटाने वाले इस विशेष प्रयास के लिए पुलिस मुख्यालय से हरिद्वार पुलिस को औपचारिक रूप से सराहना पत्र भी प्रदान किया गया, जो इस अभियान की सफलता का प्रमाण है।

एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल ने इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यालय स्तर से चलाए गए ऑपरेशन स्माइल की आठ अप्रैल को पुलिस महानिदेशक द्वारा समीक्षा की गई थी, जिसमें हरिद्वार जनपद की टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबको चौंका दिया। 320 गुमशुदाओं को सही सलामत उनके घर पहुंचाने का श्रेय पूरी पुलिस टीम की सतत मेहनत को जाता है। उन्होंने बताया कि ये महज़ एक वार्षिक आंकड़ा नहीं है, बल्कि इसके पीछे हैं अनगिनत रातों की जागी हुई ड्यूटी, परिवारों की उम्मीदें और पुलिस की सामाजिक प्रतिबद्धता। साल 2015 से संचालित इस अभियान के तहत अब तक जून 2024 तक कुल 5,981 गुमशुदाओं को खोजा जा चुका है, जिसमें 2,951 बच्चे, 1,721 महिलाएं और 1,309 पुरुष शामिल हैं। वर्ष 2024 के दौरान ही 1,370 लोगों को अपनों से मिलाने का नेक कार्य इस ऑपरेशन के माध्यम से किया गया। इस संख्या में हरिद्वार पुलिस की भागीदारी सबसे आगे रही, जो इस बात का प्रतीक है कि हरिद्वार न केवल धार्मिक नगरी है, बल्कि सुरक्षा और मानव सेवा की मिसाल भी।

उत्तराखंड की पावन भूमि, जहां रोज़ हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश और विदेश से आकर गंगा स्नान और धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं, वहां इस प्रकार का अभियान अत्यंत आवश्यक बन जाता है। हर साल मेलों, पर्वों और धार्मिक यात्राओं में भीड़ में खो जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की संख्या कम नहीं होती, और ऐसी स्थिति में यदि पुलिस तुरंत सक्रिय न हो, तो हालात बेहद चिंताजनक हो सकते हैं। ऑपरेशन स्माइल ठीक इसी दिशा में उत्तराखंड पुलिस का एक क्रांतिकारी कदम है, जिसके माध्यम से खोए हुए लोगों को न सिर्फ खोजा जाता है, बल्कि उन्हें सुरक्षित तरीके से उनके परिवार से मिलाया भी जाता है। यह अभियान अब एक मिशन बन चुका है और हरिद्वार पुलिस की इस पहल ने इसे नई ऊंचाई दी है। छोटे बच्चों को जब उनके माता-पिता की गोद में लौटाया गया, तो कई बार भावनाएं इतनी तीव्र हो गईं कि खुद पुलिसकर्मियों की आंखें भी भर आईं। यह केवल ड्यूटी नहीं, बल्कि सेवा की पराकाष्ठा है।

उधर लक्सर से मिली दो अहम जानकारियों ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि हरिद्वार पुलिस अपराध नियंत्रण को लेकर भी सतर्क है। पहले मामले में जमीन धोखाधड़ी में शामिल एक महिला को पुलिस ने धर दबोचा है, जिसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। यह कार्रवाई एक लंबे समय से लंबित शिकायत पर की गई, जिसमें संबंधित महिला पर भूमि विवाद में धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेजों से संपत्ति हड़पने का आरोप था। पुलिस की इस सख्ती से इलाके में स्पष्ट संदेश गया है कि अब जालसाजों को किसी तरह की राहत नहीं मिलने वाली। दूसरी तरफ लक्सर कोतवाली पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी जब जंगल में प्रतिबंधित मांस के साथ चार आरोपियों को पकड़ा गया। यह कार्यवाही रात में गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जहां पुलिस ने छापेमारी कर मौके से संदिग्ध मांस के साथ चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह छापा न केवल वन्य जीवों की सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि समाज को साफ संदेश भी देता है कि अवैध कामों में लिप्त लोगों पर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

हरिद्वार जिले की यह तस्वीर एक साथ मानवता, सुरक्षा और न्याय का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करती है। जहां एक ओर पुलिस बिछड़े हुए लोगों को उनके अपनों से मिलाकर उनके जीवन में मुस्कान लौटा रही है, वहीं दूसरी ओर अपराधियों पर शिकंजा कसकर कानून का सख्त संदेश दे रही है। ऐसे प्रयासों से ही समाज में सुरक्षा की भावना मजबूत होती है और नागरिकों का भरोसा तंत्र पर बना रहता है। हरिद्वार पुलिस की यह दोहरी भूमिकाकृसंवेदनशीलता और सख्तीकृआज पूरे उत्तराखंड के लिए एक आदर्श बन चुकी है, जिसे न केवल सराहा जाना चाहिए, बल्कि अन्य जिलों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

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