काशीपुर। सोमवार का दिन ऐतिहासिक बन गया जब डॉ0 भीमराव अंबेडकर के 134वें जन्मोत्सव के अवसर पर डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जन्मोत्सव समारोह समिति के तत्वावधान में अम्बेडकर संदेश यात्रा ने शहर की फिजाओं में सामाजिक समरसता का संदेश गूंजा दिया। टांडा उज्जैन से प्रारंभ हुई यह भव्य शोभा यात्रा छतरी चौराहा, मैन मार्केट, मौहल्ला किला, मुशीराम चौराहा, काटोराताल, चीमा चौहरा होते हुए महाराणा प्रताप चौक तक निकाली गई। इस ऐतिहासिक यात्रा में हजारों की संख्या में आमजन शामिल हुए जिन्होंने बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। रंग-बिरंगी झांकियों से सजी यह शोभायात्रा शहर के कोने-कोने में आकर्षण का केंद्र बनी रही और जहां-जहां से यह गुजरी, श्रद्धालु नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर अपनी आस्था और सम्मान प्रकट किया।
हर वर्ष की अपेक्षा इस बार का आयोजन कहीं अधिक विराट, जीवंत और प्रभावशाली रहा। आयोजकों द्वारा की गई विशिष्ट तैयारियों और आम जनता के उत्साह ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। विशेषकर अम्बेडकर संदेश यात्रा के संस्थापक और समिति के संरक्षक जितेन्द्र देवांतक की सक्रिय भूमिका ने पूरे कार्यक्रम को दिशा और गरिमा प्रदान की। शोभा यात्रा में सम्मिलित दो दर्जन से अधिक झांकियों ने सामाजिक जागरूकता और बाबा साहब के विचारों को जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया। झांकियों में बाबा साहब के जीवन प्रसंगों और उनके संदेशों को सजीव चित्रण के साथ दर्शाया गया। इन झांकियों को देखने के लिए मार्ग में खड़े लोग मंत्रमुग्ध नजर आए। समता, स्वतंत्रता और भाईचारे का प्रतीक पंचशील ध्वज शोभायात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे घोड़े पर सवार समाज के प्रतिनिधियों द्वारा आगे बढ़ाया गया।

नगर के इतिहास में यह पहला अवसर था जब बाबा साहब का जन्मोत्सव इतनी भव्यता से मनाया गया और शहर की हर गली-मोहल्ले से हजारों की संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़कर इसमें सहभागिता की। चार आकर्षक बैंडों की मधुर धुनों के साथ चलती झांकियां और डीजे की तेज आवाजों में गूंजते सामाजिक चेतना के गीतों ने कार्यक्रम को एक जीवंत उत्सव में परिवर्तित कर दिया। कार्यक्रम में हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों ने बिना किसी भेदभाव के हिस्सा लिया। यह आयोजन काशीपुर की सामाजिक एकता और समरसता की एक शानदार मिसाल बनकर सामने आया, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों की सहभागिता उल्लेखनीय रही। खास बात यह रही कि वंचित और शोषित समाज के लोगों ने इसे अपने सामाजिक योगदान का मंच बनाया और बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करते हुए पूरे उत्साह के साथ इसमें भागीदारी की।
अम्बेडकर संदेश यात्रा के संस्थापक और समिति के संरक्षक जितेन्द्र देवांतक ने इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर अपनी गहरी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव अंबेडकर केवल एक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं, जिन्होंने न केवल संविधान निर्मात्री सभा में नेतृत्व किया, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और अधिकारों के लिए एक नई क्रांति का सूत्रपात किया। उन्होंने बताया कि अम्बेडकर संदेश यात्रा का उद्देश्य सिर्फ जयंती मनाना नहीं है, बल्कि बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना, उनके बताए मार्ग पर समाज को चलने के लिए प्रेरित करना है। जितेन्द्र देवांतक ने गर्व के साथ कहा कि इस बार की शोभायात्रा में शहर और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने मिलकर जो एकता, उत्साह और संगठन शक्ति का प्रदर्शन किया, वह अपने आप में मिसाल है। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों, सामाजिक संगठनों, श्रद्धालु नागरिकों, प्रशासन और पुलिस विभाग का आभार प्रकट करते हुए कहा कि बाबा साहब का सपना था एक ऐसा भारत जहां सबको समान अवसर मिले, और यह यात्रा उसी दिशा में एक सार्थक कदम है।
महासचिव राजीव कुमार ने शोभायात्रा के सफल आयोजन पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल एक सांस्कृतिक यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का महापर्व था, जिसमें बाबा साहब डॉ0 भीमराव अंबेडकर के विचारों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार की शोभायात्रा में हर वर्ग, समुदाय और संगठन ने मिलकर जो समर्पण दिखाया, उसने सिद्ध कर दिया कि समाज आज भी बाबा साहब के विचारों से प्रेरणा ले रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समिति का प्रयास यही रहेगा कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और व्यापक, शिक्षाप्रद और प्रभावशाली बनाया जाए। राजीव कुमार ने समस्त सहयोगियों, प्रशासनिक अधिकारियों, स्वयंसेवकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब का सपना सामाजिक समता और न्याय का था, और यह शोभायात्रा उसी सोच की मजबूत अभिव्यक्ति थी।

पूर्व मेयर उषा चौधरी ने इस भव्य आयोजन को लेकर अपनी खुशी और गर्व का इज़हार करते हुए कहा कि डॉ0 भीमराव अंबेडकर का जन्मोत्सव केवल एक समारोह नहीं, बल्कि समाज में समता, न्याय और भाईचारे का संदेश देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने इस ऐतिहासिक शोभायात्रा में अपनी सहभागिता पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि यह यात्रा बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का एक अद्भुत माध्यम बन चुकी है। उषा चौधरी ने यह भी कहा कि काशीपुर में इस तरह के भव्य आयोजन के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया, जिनकी मेहनत और समर्पण से इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक रूप से सफल बना दिया गया। उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में शामिल होकर उन्हें बाबा साहब के योगदान और उनके द्वारा दिए गए संविधान की अहमियत को फिर से समझने का मौका मिला, और यह आयोजन हर नागरिक को प्रेरित करने वाला है।
इस भव्य आयोजन में समारोह समिति के अध्यक्ष पूर्व प्रधानाचार्य सुखलेश कुमार आजाद, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सागर, सचिन, देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुमित सौदा, संजय कुमार, रिंकू, अमित, विनोद कुमार फौजी, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व मेयर उषा चौधरी, भाजपा नेता आशीष गुप्ता, रजत सिद्धू, डॉक्टर एम ए राहुल सहित अनेक प्रमुख लोग मौजूद रहे जिन्होंने आयोजन को गरिमा और नेतृत्व प्रदान किया। शोभायात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा जलपान और प्रसाद स्वरूप हलवा वितरित किया गया, जिससे श्रद्धालुओं को सेवा भाव का अनुभव हुआ। आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष सतर्कता बरती गई। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ सीपीयू प्रभारी जसवंत सिंह ने अपनी टीम के साथ यातायात नियंत्रण की पूरी जिम्मेदारी निभाई और शोभा यात्रा को शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित ढंग से संपन्न करवाया।

इस भव्य आयोजन ने केवल बाबा साहब के विचारों का प्रचार-प्रसार ही नहीं किया, बल्कि काशीपुर में सामाजिक समानता और भाईचारे की एक नई ऊर्जा भर दी। जिस प्रकार शहर के हर कोने से लोगों ने स्वतःस्फूर्त आकर अपनी सहभागिता दी, वह यह सिद्ध करता है कि बाबा साहब के विचार आज भी लोगों के हृदय में जीवित हैं और आने वाले समय में भी यह ऊर्जा सामाजिक परिवर्तन की राह को और भी सशक्त करेगी।