काशीपुर। भारत में “हरित रसायन” उत्पादन का अग्रदूत और उत्तराखण्ड के औद्योगिक मानचित्र पर एक चमकता सितारा, इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड (आईजीएल) न केवल अपने तकनीकी योगदान के लिए पहचाना जाता है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। काशीपुर स्थित इस प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थान ने एक बार फिर मानवता और शिक्षा के संगम का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया है। विद्या भारती से सम्बद्ध शिशु शिक्षा समिति उत्तराखण्ड द्वारा संचालित “अजय भरतिया सरस्वती विद्या मंदिर”, केशव पुरम, काशीपुर को IGL द्वारा 11 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिससे न केवल स्कूल की शिक्षण व्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि बच्चों का भविष्य और भी उज्ज्वल बनेगा।
इस गरिमामयी अवसर पर आईजीएल अधिशासी निदेशक आलोक सिंघल, हेड एचआर राजेश कुमार सिंह, तथा सहायक महाप्रबंधक प्रशासन विक्रांत चौधरी विद्यालय प्रांगण में विशेष रूप से उपस्थित रहे और यह राशि विद्यालय प्रबंध समिति को सौंपकर अपने संस्थान की सामाजिक प्रतिबद्धता को फिर से सिद्ध किया। इस वित्तीय सहयोग की घोषणा होते ही न केवल विद्यालय परिवार में उत्साह की लहर दौड़ गई, बल्कि समूचे क्षेत्र में इस कदम की प्रशंसा की जाने लगी।
कार्यक्रम के दौरान इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड (आईजीएल) के अधिशासी निदेशक आलोक सिंघल ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि यह सहयोग केवल एक आर्थिक सहायता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा समाज की रीढ़ होती है और जब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, संस्कार और संसाधन मिलते हैं, तभी उनका सर्वांगीण विकास संभव होता है। उन्होंने कहा कि आईजीएल की यह पहल केवल सामाजिक दायित्व निभाने भर तक सीमित नहीं, बल्कि यह कंपनी की उस मूल भावना का विस्तार है जिसमें समाज, शिक्षा और संस्कार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस सहयोग से स्कूल को शैक्षिक उपकरणों, आधारभूत ढांचे और शिक्षण पद्धति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, जिससे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल और सुदृढ़ होगा।
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष राम मल्होत्रा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड (आईजीएल) द्वारा किया गया यह सहयोग न केवल विद्यालय के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता है, बल्कि यह एक ऐसा नैतिक बल भी है जो हमें और अधिक समर्पण और उत्साह के साथ विद्यार्थियों की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब शिक्षा का स्तर लगातार ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है और संसाधनों की आवश्यकता निरंतर बढ़ती जा रही है, ऐसे में आईजीएल जैसे प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह द्वारा 11 लाख रुपये की सहायता प्रदान किया जाना वास्तव में विद्यालय के लिए एक वरदान साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस राशि का उपयोग विद्यालय में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने, डिजिटल शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने और बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराने में किया जाएगा। उन्होंने आईजीएल प्रबंधन का हृदय से आभार प्रकट किया और भविष्य में भी ऐसे सहयोग की अपेक्षा जताई।
आईजीएल प्रबंधन द्वारा किया गया यह सहयोग उस विजन को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें उद्योग केवल उत्पादन का केंद्र नहीं, बल्कि समाज निर्माण का सहभागी भी होता है। संस्था के हेड एचआर राजेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आईजीएल हमेशा से ऐसी संस्थाओं का समर्थन करता रहा है जो शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करती हैं। वहीं सहायक महाप्रबंधक प्रशासन विक्रांत चौधरी ने कहा कि यह सहयोग आईजीएल की ‘कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’ के उस दर्शन का हिस्सा है, जिसमें शिक्षा को सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है।
विद्यालय की ओर से प्रबंध समिति के प्रबंधक अमित मित्तल, कोषाध्यक्ष सुखविंदर सिंह, प्रधानाचार्य जयपाल सिंह सहित समस्त शिक्षक एवं स्टाफ ने इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड (आईजीएल) की इस उदार और प्रेरणादायक पहल पर गहरी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सहयोग केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि नैतिक रूप से भी विद्यालय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो हमें शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि आईजीएल द्वारा प्रदान की गई 11 लाख रुपए की यह सहायता स्कूल में डिजिटल शिक्षा प्रणाली को उन्नत करने, लाइब्रेरी में आधुनिक संसाधन जोड़ने और भवन व कक्षाओं के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल बच्चों को अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। विद्यालय परिवार ने इस योगदान के लिए आईजीएल प्रबंधन का हृदय से आभार जताया और भविष्य में भी इसी प्रकार के सहयोग की आशा प्रकट की।
इस गरिमामय कार्यक्रम में आईजीएल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों ने भी सक्रिय सहभागिता करते हुए इस सामाजिक सरोकार से जुड़े महत्वपूर्ण कदम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आईजीएल केवल एक औद्योगिक संस्थान नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और उत्तरदायी संस्था है जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय भूमिका निभा रही है। सभी विभागाध्यक्षों ने एक स्वर में यह भी दोहराया कि भविष्य में भी कंपनी समाज हित में इसी प्रकार की जिम्मेदार भागीदारी करती रहेगी और शिक्षा जैसे पवित्र कार्यों में हरसंभव योगदान देगी। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय क्षेत्र के कई गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक प्रभावशाली बना दिया। उन्होंने भी इस प्रेरणास्पद सहयोग की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि आईजीएल द्वारा दिया गया यह योगदान न केवल एक मिसाल है, बल्कि यह पूरे समाज को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने वाला कदम है।
इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड (आईजीएल) द्वारा दिया गया यह सहयोग केवल “अजय भरतिया सरस्वती विद्या मंदिर” जैसी एक संस्था के लिए आर्थिक सहारा नहीं है, बल्कि यह समूचे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी है कि जब औद्योगिक जगत और शिक्षा जगत हाथ मिलाते हैं, तो समाज में समग्र और स्थायी विकास की नींव रखी जाती है। यह पहल दर्शाती है कि उद्योग यदि अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं, तो शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव हैं। काशीपुर जैसे औद्योगिक नगर में आईजीएल की यह पहल न केवल बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में सहायक होगी, बल्कि अन्य औद्योगिक संस्थानों को भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। यह सहयोग एक ऐसे सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र के हर नागरिक को बेहतर जीवन की ओर अग्रसर करने की क्षमता रखता है।