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चैती मेले में सख्त स्वच्छता अभियान की दस्तक, प्रशासन चौकस

सफाई में लापरवाही पर ठेका रद्द करने की चेतावनी, हर दुकानदार को अपनी दुकान के बाहर कूड़ादान रखना अनिवार्य किया गया।

काशीपुर। चैती मेले की रौनक जहां अपने चरम पर है, वहीं उसकी स्वच्छता व्यवस्था को लेकर भी प्रशासनिक सक्रियता लगातार देखने को मिल रही है। मेले के भीतर उमड़ती भीड़ और दुकानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेला अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने पूरे आयोजन क्षेत्र का व्यापक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने दुकानदारों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि दुकान के बाहर की सफाई की जिम्मेदारी पूरी तरह उनकी होगी और इस दिशा में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि दुकानदार अपने स्थान को स्वच्छ नहीं रखेंगे तो उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस दौरान उन्होंने दुकानदारों को निर्देशित किया कि वे अपनी दुकानों के पास अनिवार्य रूप से कूड़ादान रखें और प्रतिदिन कूड़ा नियत स्थान पर निस्तारित करें, ताकि मेला क्षेत्र की स्वच्छता बनी रहे और आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

इसी क्रम में सहायक मेला अधिकारी पंकज चंदोला भी निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने मेले में सफाई की व्यवस्था की बारीकियों का जायजा लिया। उन्होंने ठेकेदारों से बातचीत करते हुए कहा कि मेले की बढ़ती भीड़ को देखते हुए साफ-सफाई के काम में किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि मेला क्षेत्र की स्वच्छता के लिए दिन में कम से कम तीन बार सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि इसके लिए एक विशेष रजिस्टर तैयार किया जाए जिसमें सभी सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ-साथ यह विवरण भी दर्ज किया जाए कि किस कर्मचारी को किस स्थान पर तैनात किया गया है और उसने वहां कितनी सफाई की। उन्होंने कहा कि इस रजिस्टर की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी और यदि कहीं भी लापरवाही पाई गई, तो ठेकेदार और संबंधित कर्मचारी दोनों के विरुद्ध कार्रवाई तय मानी जाएगी।

मेला अधिकारी अभय प्रताप सिंह की निरीक्षण शैली और निर्देशों की गंभीरता से यह साफ हो गया कि इस वर्ष प्रशासन किसी भी स्तर पर कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। उनकी मंशा यही थी कि मेले की पहचान केवल उसकी रौनक से नहीं बल्कि उसकी स्वच्छता और अनुशासित व्यवस्था से भी की जाए। उन्होंने विशेष रूप से यह भी कहा कि मेला क्षेत्र में कहीं भी कूड़ा जमा नहीं होना चाहिए और ठेकेदार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सफाई कर्मी न केवल समय पर पहुंचे बल्कि अपने कर्तव्यों का पालन भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व है, और मेले जैसे सार्वजनिक आयोजनों में इसका विशेष ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है।

मेला अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने निरीक्षण के दौरान साफ शब्दों में कहा कि चैती मेले की व्यवस्था केवल उत्सव के रंगों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि स्वच्छता और अनुशासन भी इसकी पहचान बनने चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पूरे मेला क्षेत्र को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका दुकानदारों और ठेकेदारों की है। उन्होंने कहा कि हर दुकान के आगे सफाई की जिम्मेदारी स्वयं दुकानदार की होगी और उन्हें अनिवार्य रूप से अपने स्थान पर कूड़ादान रखना होगा, ताकि कूड़ा इधर-उधर न फेंका जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ठेकेदारों को निर्देशित किया गया है कि दिन में तीन बार सफाई करवाई जाए और हर सफाई कर्मचारी की उपस्थिति और कार्य क्षेत्र की जानकारी एक रजिस्टर में अंकित हो, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लापरवाही न हो।

पंकज चंदोला ने अपने निरीक्षण के दौरान मेले के विभिन्न हिस्सों में जाकर दुकानदारों और आगंतुकों से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया भी जानी। उन्होंने पाया कि कुछ स्थानों पर सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं थी, जिस पर उन्होंने तुरंत सफाई कर्मचारियों को बुलाकर निर्देश दिए कि उस क्षेत्र को तत्काल स्वच्छ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दुकान और खाद्य सामग्री की ठेलियों के पास अलग से कूड़ेदान अनिवार्य है और इसके उल्लंघन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मेले में प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं, और यदि स्वच्छता की स्थिति अच्छी न हो, तो वह न केवल मेले की छवि खराब करती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न कर सकती हैं।

एक तरह से देखा जाए तो मेला अधिकारी अभय प्रताप सिंह और सहायक मेला अधिकारी पंकज चंदोला की संयुक्त कार्यशैली ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चैती मेले की गरिमा को बनाए रखने के लिए वे किसी भी प्रकार की ढिलाई को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने ठेकेदारों को भी आगाह किया कि यदि निर्धारित मानकों के अनुरूप कार्य नहीं हुआ तो ठेका रद्द करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। निरीक्षण के इस सिलसिले में उन्होंने मेला क्षेत्र की कई गलियों, मुख्य मंच के आसपास और भीड़भाड़ वाले स्थानों का भ्रमण किया और प्रत्येक बिंदु पर अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अंत में यही कहा कि साफ-सफाई को लेकर यदि सभी का सहयोग बना रहे तो चैती मेला एक आदर्श आयोजन बन सकता है, जिसकी मिसाल आने वाले वर्षों तक दी जाएगी।

मेला अधिकारी अभय प्रताप सिंह ने निरीक्षण के दौरान साफ शब्दों में कहा कि चैती मेले की व्यवस्था केवल उत्सव के रंगों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि स्वच्छता और अनुशासन भी इसकी पहचान बनने चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पूरे मेला क्षेत्र को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका दुकानदारों और ठेकेदारों की है। उन्होंने कहा कि हर दुकान के आगे सफाई की जिम्मेदारी स्वयं दुकानदार की होगी और उन्हें अनिवार्य रूप से अपने स्थान पर कूड़ादान रखना होगा, ताकि कूड़ा इधर-उधर न फेंका जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ठेकेदारों को निर्देशित किया गया है कि दिन में तीन बार सफाई करवाई जाए और हर सफाई कर्मचारी की उपस्थिति और कार्य क्षेत्र की जानकारी एक रजिस्टर में अंकित हो, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लापरवाही न हो।

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