रूद्रपुर। उधम सिंह नगर ज़िले में नशे के कारोबार पर कड़ा शिकंजा कसने की कवायद जोरों पर है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देशन में लगातार चल रही पुलिस की सख्त मोर्चाबंदी का ताजा उदाहरण नानकमत्ता थाना क्षेत्र में देखने को मिला, जहां पुलिस ने नशे की दुनिया के पुराने खिलाड़ी बूटा सिंह को रंगे हाथों धर दबोचा। बूटा सिंह के पास से 80 ग्राम अवैध स्मैक बरामद की गई है। यह कोई मामूली गिरफ्तारी नहीं मानी जा रही, क्योंकि बूटा लंबे समय से सीमावर्ती इलाके में नशे के नेटवर्क को संचालित कर रहा था और वह इलाके के बदनाम तस्कर चमकौर उर्फ चमकी का करीबी सहयोगी भी रह चुका है। बूटा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस विभाग में इसे बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है, जिसने पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने की संभावनाएं खोल दी हैं।
घटना के अनुसार, नानकमत्ता पुलिस टीम उस वक्त ग्राम बिचई इलाके में नियमित चेकिंग और गश्त कर रही थी, तभी उन्हें एक बेहद महत्वपूर्ण सूचना हाथ लगी। मुखबिर ने बताया कि बूटा सिंह, जो कि जनपद चंपावत के लोहाघाट थाना से भी वांछित है, फिलहाल अपने गांव में मौजूद है। यह खबर मिलते ही पुलिस की टीम पूरी रणनीति के साथ सक्रिय हो गई और बिना समय गंवाए गांव को चारों तरफ से घेर लिया। बूटा को घेराबंदी के बाद जैसे ही दबोचा गया, तो उसके पास से भारी मात्रा में 80 ग्राम स्मैक बरामद हुई। गिरफ्तारी के बाद जब उससे पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि पुलिस की सख्त कार्रवाइयों से बचने के लिए वह कुछ समय के लिए राजस्थान भाग गया था, लेकिन अब वह दोबारा सक्रिय होने के लिए गांव लौटा था।
पकड़े गए आरोपी बूटा सिंह से पूछताछ के दौरान कई और चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं। बूटा ने बताया कि नशे के इस धंधे में पहाड़ी जिलों से जुड़े कई और चेहरे भी हैं, जो इस अवैध कारोबार में शामिल हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इन जानकारियों के दम पर राज्यभर में फैले नशा नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सकेगा। साथ ही बूटा ने कबूल किया कि नशे की तस्करी से उसने काफी संपत्ति भी अर्जित की है, जिसकी जांच अब आय से अधिक संपत्ति के ऐंगल से शुरू कर दी गई है। नशे के इस काले कारोबार से कमाई गई दौलत को जब्त करने की तैयारी में पुलिस जुट गई है। बूटा जैसे पुराने नेटवर्क संचालकों पर अब शिकंजा पूरी तरह कसता नजर आ रहा है।
उधर, उत्तरकाशी जिले में वन संपदा की चोरी करने वालों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई हुई है। टौंस वन प्रभाग के सिगतुर रेंज में वन विभाग ने मुखबिर की सूचना पर जबरदस्त छापेमारी करते हुए अवैध लकड़ी तस्करों को रंगे हाथों धर दबोचा। यह छापा जीवाणु-देवजानी मोटरमार्ग के पास ओवरा विट के कक्ष संख्या-1 में मारा गया, जहां से भारी मात्रा में 28 नग कैल की लकड़ी बरामद की गई। वन विभाग की इस कार्रवाई को एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से इस क्षेत्र में लकड़ी तस्करी की गतिविधियां तेज हो गई थीं। पकड़े गए तस्करों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे रेंज अधिकारी बुद्धि प्रकाश ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि एक वाहन से आरक्षित वन क्षेत्र से कैल की लकड़ी चोरी करके ले जाई जा रही है। सूचना की पुष्टि होते ही वन विभाग की टीम ने तत्काल रणनीति बनाई और उस मार्ग पर नाका लगाकर निगरानी शुरू की। जैसे ही संदिग्ध वाहन यूके 07 सीडी 0881 मौके पर पहुंचा, उसे रोककर उसकी तलाशी ली गई, जिसमें बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी मिली। वन तस्करों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है और उनसे पूछताछ में कई अन्य रूट और नामों की जानकारी मिलने की भी उम्मीद है।
उत्तराखंड में लगातार सामने आ रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी तरह की गैरकानूनी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नशा तस्करी और वन संपदा की लूट जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों पर अब शिकंजा कसना शुरू हो चुका है। नानकमत्ता में कुख्यात स्मैक तस्कर बूटा सिंह की गिरफ्तारी और टौंस वन प्रभाग में अवैध कैल लकड़ी की तस्करी का भंडाफोड़ इस बात के सटीक उदाहरण हैं कि प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं। इन दोनों घटनाओं से न केवल अपराधियों में भय का माहौल बना है, बल्कि आम जनता को भी राहत महसूस हो रही है। यह संदेश साफ हो गया है कि अब कानून से बच पाना आसान नहीं होगा, क्योंकि हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।