हरिद्वार (सुरेन्द्र कुमार)। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जब तेज रफ्तार उत्तराखंड रोडवेज की बस अचानक हाईवे पर पलट गई। बस में बैठे यात्रियों की चीख-पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा। इस दुर्घटना में बस सवार छह लोग घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और राहत-बचाव दल मौके पर पहुंच गया और घायलों को तुरंत बस से बाहर निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसा बस का स्टीयरिंग लॉक हो जाने की वजह से हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस अचानक अनियंत्रित हुई और कुछ ही सेकंड में सड़क पर पलट गई। इस अप्रत्याशित हादसे से वहां अफरा-तफरी मच गई। सड़क पर चल रहे वाहन रुक गए, लोग घायलों की मदद के लिए दौड़ पड़े। कुछ लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंच गया और बचाव कार्य शुरू कर दिया। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी हरिद्वार जिला अस्पताल भेजा गया। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा उत्तराखंड रोडवेज की लोहाघाट डिपो की बस संख्या UK 07 PA 4195 का था। यह बस देहरादून से हरिद्वार होते हुए लोहाघाट जा रही थी। हादसे से पहले यह बस हरिद्वार बस स्टेशन से यात्रियों को लेकर निकली थी। जैसे ही बस सहगल पेट्रोल पंप के पास पहुंची, अचानक उसका स्टीयरिंग लॉक हो गया और बस बेकाबू होकर सड़क पर पलट गई।

हादसे के समय बस में कुल 12 यात्री सवार थे, जिनमें से छह लोग घायल हो गए। इन घायलों में से दो को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें फ्रैक्चर हुआ है, जबकि बाकी चार को मामूली चोटें आई हैं। पुलिस ने घायलों की पहचान कर ली है और उन्हें तुरंत आवश्यक उपचार प्रदान किया गया है। घायल यात्रियों को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। उपचार के बाद, जिन यात्रियों को मामूली चोटें आई थीं, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, और हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल, घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
घायलों की सूची में कमल किशोर (निवासी ज्वालापुर, हरिद्वार), एवी नायडू (निवासी आंध्र प्रदेश, देहरादून में आईटीबीपी में जवान), विपिन कुमार, मालती देवी (पत्नी विपिन कुमार), बच्चा 1 (पुत्र विपिन कुमार), और बच्चा 2 (पुत्र विपिन कुमार) शामिल हैं। हादसे के बाद सभी घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया, जहां उनका उपचार किया गया। विपिन कुमार और उनकी पत्नी मालती देवी के साथ उनके दोनों बच्चों को मामूली चोटें आईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। वहीं, कमल किशोर और एवी नायडू को फ्रैक्चर होने के कारण अधिक इलाज की आवश्यकता पड़ी और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। सभी घायलों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
हरिद्वार के एसपी सिटी पंकज गैरोला ने इस हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को शाम के समय हाईवे पर बस पलटने की सूचना मिली थी। तुरंत पुलिस टीम मौके पर पहुंची और सभी घायलों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में बस चालक ने बताया कि हादसा स्टीयरिंग लॉक हो जाने के कारण हुआ, जिससे बस पूरी तरह बेकाबू हो गई और सड़क पर पलट गई। हालांकि, पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि कहीं कोई अन्य तकनीकी या मानवीय लापरवाही तो नहीं हुई। बस की तकनीकी जांच भी कराई जा रही है।

परिवहन विशेषज्ञों के अनुसार, रोडवेज बसों में अक्सर उचित मेंटेनेंस की कमी के कारण इस तरह के हादसे होते हैं। स्टीयरिंग लॉक होने की समस्या तब उत्पन्न होती है जब स्टीयरिंग सिस्टम में तकनीकी खराबी होती है, या लंबे समय तक मेंटेनेंस नहीं किया गया हो। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी बसों की नियमित जांच नहीं होने से तकनीकी समस्याएँ बढ़ जाती हैं, जिससे हादसे का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, सड़क पर अचानक ब्रेक लगाने या तेज मोड़ लेने से स्टीयरिंग सिस्टम फेल हो सकता है। साथ ही, बसों में ओवरलोडिंग और अधिकतम सीमा से ज्यादा यात्रियों को बैठाने से भी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है। इन सभी कारणों से रोडवेज बसों में सुरक्षा मानकों की अनुपालना और सही मेंटेनेंस की जरूरत है, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।
यह हादसा उत्तराखंड रोडवेज की बसों की सुरक्षा और देखरेख को लेकर फिर से सवाल खड़े कर रहा है। अक्सर रोडवेज बसों के खराब मेंटेनेंस और लापरवाह ड्राइविंग के मामले सामने आते रहते हैं। कुछ यात्रियों ने बताया कि कई बार बसों में तकनीकी खराबियाँ पहले से होती हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस हादसे के बाद यात्रियों में डर का माहौल बना हुआ है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ष्हम भगवान का शुक्र मना रहे हैं कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन रोडवेज बसों की हालत सुधारने की जरूरत है।ष्
घायलों और उनके परिवारों ने सरकार से उचित मुआवजे की माँग की है। यात्रियों का कहना है कि अगर बसों की स्थिति बेहतर होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी और अगर कोई बड़ी लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। रोडवेज प्रशासन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि हादसे की पूरी जाँच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह भी कहा गया है कि रोडवेज बसों की नियमित मेंटेनेंस और ड्राइवरों की ट्रेनिंग पर ध्यान दिया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए जाने चाहिए। सबसे पहले, बसों का नियमित मेंटेनेंस अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी तकनीकी खामी को समय रहते ठीक किया जा सके। इसके अलावा, पुरानी बसों को तुरंत बदलकर नई तकनीक वाली बसों को शामिल किया जाना चाहिए, जो अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद हों। सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करना भी बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचा जा सके। ड्राइवरों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ताकि वे सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए हर परिस्थिति में सही निर्णय ले सकें। इन कदमों से न केवल यात्रियों की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि रोडवेज सिस्टम की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी, जिससे लोगों का विश्वास सड़क परिवहन पर मजबूत होगा।