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नव संवत्सर 2082 और चैत्र नवरात्रि की भव्य शुरुआत, भक्तों ने किया भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण

श्रद्धा और उल्लास का संगम: नव संवत्सर 2082 के स्वागत में भक्तों ने गाए भजन, बंटी प्रसाद की सौगात

रामनगर। नव संवत्सर 2082 और चैत्र नवरात्रि के शुभ आगमन पर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल छाया रहा। श्रद्धालुओं ने पूरे हर्षोल्लास के साथ इस पावन पर्व का स्वागत किया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं व बधाइयां दीं। रामनगर समेत पूरे देश, प्रदेश और विश्व के सुख, शांति, समृद्धि और अमन-चैन की कामना करते हुए विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर भव्य भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की स्तुति कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। महिलाएं और पुरुष श्रद्धा से भक्ति गीत गाते हुए माता रानी की आराधना में लीन नजर आए। आयोजन के अंत में प्रसाद वितरण किया गया, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक सुख की अनुभूति हुई। पूरे क्षेत्र में यह आयोजन भक्तिभाव और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश लेकर आया।
लखनपुर स्पोर्ट्स क्लब में विशेष भजन-कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भक्तगणों ने मां दुर्गा की आराधना में सुंदर भजनों का गायन किया और पूरे क्षेत्र में भक्तिरस घोल दिया। विशेष रूप से महिलाओं ने भक्ति गीत गाकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और क्षेत्रवासियों के सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की।

कार्यक्रम में क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों और आयोजकों की महत्वपूर्ण भागीदारी रही, जिन्होंने इसे भव्य और सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। आयोजन समिति से जुड़े प्रभात ध्यानी, गुलशन कुमार, पान सिंह नेगी, इंद्र सिंह मनराल, नवेंदु जोशी, बसंत लाल वर्मा, जितेंद्र बिष्ट, नवीन तिवारी, पुष्कर दुर्गापाल, मोहन कांडपाल, प्रेम बिष्ट, देवेंद्र बिष्ट, प्रकाश फुलोरिया, हेमचंद्र नैनवाल, योगेश जोशी, भारत तिवारी, चंद्रशेखर फुलारा, प्रेम नैनवाल, बलबीर और के. ही. पंत ने नवरात्रि और नव संवत्सर के इस पावन आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया। इन सभी ने श्रद्धालुओं के उत्साह को बनाए रखते हुए कार्यक्रम के सुचारू संचालन में मदद की। उनकी मेहनत और समर्पण से भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण कार्यक्रम भव्य रूप से संपन्न हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा।

भजन-कीर्तन के दौरान पूरा माहौल भक्तिमय और दिव्य ऊर्जा से भर गया। श्रद्धालुओं ने एक स्वर में मां दुर्गा के जयकारे लगाए, जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति और आध्यात्मिकता के रंग में रंग गया। मंत्रोच्चारण और आरती के दौरान भक्तों ने मां के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की और आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन स्थल पर देवी मां के दिव्य स्वरूप को भव्य और आकर्षक रूप से सजाया गया, जिससे श्रद्धालुओं का मन भक्तिभाव से भर उठा। रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों की अद्भुत सजावट और धूप-दीप की सुगंध ने माहौल को और भी पावन बना दिया। भजन-कीर्तन में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने भाग लिया और मां दुर्गा की स्तुति कर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति प्राप्त की।

कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग के लोगों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ भाग लिया। बुजुर्गों ने अपने आशीर्वाद से आयोजन को शुभ और मंगलमय बनाया, वहीं युवाओं ने सेवा भाव से प्रसाद वितरण और अन्य व्यवस्थाओं में सक्रिय योगदान दिया। छोटे बच्चों ने भी इस आध्यात्मिक माहौल का आनंद लेते हुए माता के भजनों पर ताल मिलाई और पूरे आयोजन में उत्साह भर दिया। श्रद्धालुओं की भक्ति और उमंग से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया था। मंदिर प्रांगण में चारों ओर देवी माँ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी। भजन-कीर्तन के दौरान भक्तगण नृत्य और आरती में भावविभोर होकर लीन हो गए। इस अलौकिक दृश्य ने पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक ऊर्जा और हर्षोल्लास का संचार कर दिया।

आयोजन समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और भव्य रूप से करने का संकल्प लिया। समिति ने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखें और एकता व भाईचारे को बढ़ावा दें। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करने का माध्यम बना, बल्कि इसने समाज में सामूहिक सहयोग और सौहार्द्र को भी प्रोत्साहित किया। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को नव संवत्सर और चैत्र नवरात्रि की बधाइयां देते हुए मां दुर्गा से समस्त विश्व के कल्याण की प्रार्थना की।

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