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उत्तराखंड को सबसे तेज विकसित राज्य बनाने का मिशन, सीएम धामी ने बताए अगले 10 साल के बड़े फैसले

प्रदेश में विकास की रफ्तार होगी दोगुनी, आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए सीएम धामी ने पेश किया नया विजन

देहरादून(सुरेन्द्र कुमार)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार के दूसरे कार्यकाल को तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर सरकार ने पूरे प्रदेश में ब्लॉक स्तर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया, जहां सरकार की उपलब्धियों और विकास योजनाओं को जनता के सामने प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सेवक सदन में आयोजित प्रेसवार्ता में अपने कार्यकाल की मुख्य उपलब्धियों पर चर्चा की और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2022 में जनता ने भाजपा सरकार पर दोबारा भरोसा जताकर एक नया इतिहास रचा। सरकार ने आपदाओं से निपटने, बुनियादी ढांचे के विकास, निवेश बढ़ाने, अतिक्रमण हटाने और ट्रैफिक प्रबंधन जैसी कई महत्वपूर्ण चुनौतियों पर काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अगले 10 वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए नई नीतियों पर कार्य कर रही है, ताकि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल किया जा सके।

सीएम धामी ने अपनी सरकार की यात्रा पर बात करते हुए कहा कि जब 4 जुलाई 2021 को भाजपा संगठन ने उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी, तब यह चुनौतीपूर्ण सफर था। 23 मार्च 2022 को जब वह दोबारा मुख्यमंत्री बने, तो यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि उत्तराखंड में पहली बार कोई सरकार लगातार दोबारा सत्ता में आई थी। इससे पहले यह मिथक बना हुआ था कि हर कार्यकाल के बाद सरकार बदल जाती है, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने इस परंपरा को तोड़ते हुए भाजपा पर अपना भरोसा कायम रखा। सीएम धामी ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान प्रदेश ने कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया। रैणी आपदा, सिल्क्यारा टनल हादसा, केदारघाटी में तबाही और हरिद्वार में आई बाढ़ ने सरकार के लिए कई चुनौतियां खड़ी कीं। फरवरी 2025 में माणा में हुए हिमस्खलन में कई लोगों की जान चली गई। बावजूद इसके सरकार किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटी और पूरी तत्परता से राहत एवं पुनर्वास कार्य किए।

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप ले रही है और आने वाले समय में यह बड़ी चुनौती बन सकती है। इसलिए सरकार ने रिंग रोड निर्माण जैसी योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है, ताकि देहरादून और अन्य प्रमुख शहरों में यातायात सुगम हो सके। प्रदेश में डेमोग्राफिक चेंज को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने व्यापक वेरिफिकेशन ड्राइव चलाई है। साथ ही, अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। सीएम धामी ने साफ कहा कि जब तक उत्तराखंड पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त नहीं होगा, तब तक सरकार इस दिशा में कार्रवाई करती रहेग

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 30 से अधिक नई नीतियां बनाई हैं और कई पुराने कानूनों में संशोधन किया है। इन नीतियों का मुख्य उद्देश्य उद्योगों को बढ़ावा देना, स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अब तक 80,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। सरकार का दावा है कि इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, औद्योगिक माहौल को और अधिक अनुकूल बनाने के लिए नए सुधार किए जा रहे हैं, ताकि उत्तराखंड देश के प्रमुख निवेश स्थलों में शामिल हो सके और आर्थिक विकास को नई गति मिले।

धामी सरकार अपने कड़े फैसलों के लिए जानी जाती है। लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसे मामलों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। इसके अलावा, प्रदेश में धर्मांतरण कानून और नकल विरोधी कानून लागू किया गया, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। उत्तराखंड ने 27 जनवरी 2025 को इतिहास रचते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह ऐतिहासिक निर्णय लेकर समाज के हर वर्ग को समान अधिकार देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया। यूसीसी लागू होने से विवाह, तलाक, संपत्ति अधिकार और गोद लेने जैसे कानूनी मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होगा, जिससे विभिन्न पर्सनल लॉ के कारण होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि यह कानून लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय को मजबूत करेगा। राज्य में यूसीसी लागू करने को लेकर कई चुनौतियां थीं, लेकिन सरकार ने सभी सामाजिक और कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसे सफलतापूर्वक लागू किया। यह कदम उत्तराखंड को एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने सरकारी नौकरियों में उन्हें 30% आरक्षण देने का प्रावधान किया। साथ ही, राज्य में दंगा रोधी कानून भी लागू किया गया, ताकि प्रदेश में कोई भी असामाजिक तत्व दंगा फैलाकर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचा सके। सरकार ने हाउस ऑफ हिमालयन ब्रांड की शुरुआत की, जिसके तहत उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम धामी ने कहा कि इससे प्रदेश के किसानों और स्थानीय व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। उत्तराखंड में लंबे समय से भू कानून को लेकर मांग उठ रही थी, जिसे देखते हुए सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है। सीएम धामी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में राज्य की परिस्थितियों के अनुसार भू कानून को और मजबूत किया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के तीन साल पूरे होने पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को गिनाया। सरकार ने रिक्त सरकारी पदों को भरने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान चलाया, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले। प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सख्त बनाने के लिए दंगा रोधी कानून लागू किया गया, ताकि हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। भूमि सुधार की दिशा में सरकार ने भू कानून को लेकर ठोस कदम उठाए, जिससे राज्य के संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण लागू किया, जिससे उन्हें अधिक अवसर मिल सकें। इसके अलावा, उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयन ब्रांड’ की स्थापना की गई, जिससे राज्य के किसानों और कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का अवसर मिला।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश का सबसे तेजी से विकसित होने वाला राज्य बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने बताया कि अगले 10 वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए जाएंगे। सरकार की योजना बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने, पर्यटन को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने की है। इसके अलावा, निवेश को आकर्षित करने और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में स्मार्ट सिटी, आधुनिक परिवहन व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। इसके साथ ही, राज्य के पारंपरिक उद्योगों और सांस्कृतिक धरोहरों को भी संरक्षित किया जाएगा ताकि उत्तराखंड विकास के नए आयाम स्थापित कर सके।

अब बड़ा सवाल यह है कि धामी सरकार अपनी योजनाओं को जमीनी स्तर पर कितना सफल बना पाएगी? विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि विकास की गति धीमी है और कई वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। हालांकि, धामी सरकार का दावा है कि वे प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाने में सफल रहे हैं और आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को नए विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

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