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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जंगल की आग से हड़कंप, महिला वनकर्मियों ने बचाई हजारों जिंदगियां

धधकते जंगल के बीच महिला वनकर्मियों का साहसिक मिशन! तेज़ी से फैलती लपटों के बीच जान पर खेलकर बचाईं हजारों जिंदगियां, साजिश की आशंका से जांच तेज़।

रामनगर। उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज में बीते रोज एक बड़ी घटना सामने आई, जब जंगल में अचानक आग लग गई। यह आग कोटद्वार रोड से सटे जंगल में भड़क उठी और कुछ ही देर में लपटें तेजी से फैलने लगीं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जंगल की इस आग ने वन्यजीवों और आसपास के गांवों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया था। लेकिन इस संकट की घड़ी में कॉर्बेट पार्क की महिला वनकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया और अपनी बहादुरी से एक बड़ा हादसा टाल दिया।

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत हरकत में आई। तेज़ हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही थी, जिससे वन्यजीवों की जान पर खतरा मंडराने लगा था। ऐसे में वन विभाग की पुरुष और महिला कर्मियों की टीम बिना समय गंवाए मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास में जुट गई। जंगल के अंदर घुसकर वनकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। कॉर्बेट पार्क के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने दूरभाष पर जानकारी दी कि जैसे ही वन विभाग को आग लगने की सूचना मिली, तुरंत ही टीम को मौके पर भेजा गया। स्थिति बेहद गंभीर थी, क्योंकि आग बहुत तेजी से फैल रही थी। लेकिन वन विभाग की टीम ने पूरी कोशिश की और आखिरकार आग बुझाने में सफल रही।

इस घटना में सबसे खास बात यह रही कि महिला वनकर्मियों ने भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मोर्चा संभाला। जंगल की आग को बुझाना बेहद कठिन काम होता है, लेकिन इन महिला वनकर्मियों ने साबित कर दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं। जंगल के अंदर जाकर धधकती आग के बीच मोर्चा संभालना आसान नहीं था, लेकिन अपनी सूझबूझ और बहादुरी से उन्होंने आग पर काबू पाने में अहम भूमिका निभाई। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में महिला वनकर्मियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और वे जंगल की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह आग प्राकृतिक नहीं थी बल्कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर लगाई गई थी। हर साल जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन इस बार यह संदेह जताया जा रहा है कि यह किसी की साजिश का हिस्सा हो सकता है। वन विभाग ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी ने कहा कि जो भी इस आग के पीछे होगा, उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। विभाग की टीम जांच कर रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गर्मियों के मौसम में जंगल की आग बहुत तेजी से फैल सकती है, जिससे वन्यजीवों को भारी नुकसान होता है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं न केवल वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए खतरा हैं, बल्कि पर्यावरण पर भी गहरा असर डालती हैं। जंगल की आग से न केवल पेड़-पौधे जलकर राख हो जाते हैं, बल्कि जीव-जंतुओं का भी भारी नुकसान होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल की आग से जैव विविधता को गंभीर नुकसान होता है। कई दुर्लभ वन्यजीवों का जीवन खतरे में पड़ सकता है, और कई बार आग की वजह से जानवर अपने प्राकृतिक आवास को छोड़कर इधर-उधर भटकने लगते हैं। इससे इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष की संभावना भी बढ़ जाती है।

वन विभाग ने साफ कर दिया है कि जंगल में आग लगाने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जंगल को नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग लगातार गश्त कर रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील की गई है। अधिकारियों ने कहा कि अगर किसी को जंगल में संदिग्ध गतिविधि नजर आए तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।

जंगल की आग को रोकने के लिए केवल वन विभाग ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी जागरूक होना होगा। जंगल हमारी प्रकृति की अमूल्य धरोहर हैं, और इन्हें बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जंगल की आग पर समय रहते काबू न पाया जाए, तो यह बहुत बड़ी तबाही मचा सकती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल की आग को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को भी जागरूक करना होगा। उन्हें सिखाया जाना चाहिए कि जंगल में आग लगाने से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगी आग से पूरा क्षेत्र दहशत में आ गया था, लेकिन वन विभाग की मुस्तैदी और महिला वनकर्मियों की बहादुरी की वजह से बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, यह घटना कई सवाल छोड़ गई है—क्या यह आग प्राकृतिक थी या किसी साजिश के तहत लगाई गई थी? वन विभाग अब इस मामले की जांच कर रहा है और दोषियों को सख्त सजा देने का वादा किया है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि जंगल और वन्यजीवों की रक्षा केवल सरकार या वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी को इसके लिए सतर्क और जागरूक रहना होगा। तभी हम अपने पर्यावरण और प्राकृतिक धरोहरों को बचा पाएंगे।

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