काशीपुर। उत्तर भारत का प्रसिद्ध चैती मेलामेला 2025 की तैयारियां अपने चरम पर हैं, और प्रशासन ने मेला आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मंगलवार को विभिन्न व्यवस्थाओं की निविदाएं (टेंडर) खोलकर प्रक्रिया पूरी कर ली। उप-जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह की देखरेख में उप-जिलाधिकारी कार्यालय में मेला व्यवस्थाओं से जुड़ी सात प्रमुख सेवाओं के टेंडर खोले गए, जिनमें झूले, सर्कस, तमाशे, बिजली-साउंड सिस्टम, दुकानों की तहबाजारी, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं। इस साल चौती मेले के टेंडर की कुल कीमत 4 करोड़ 21 लाख 31 हजार 787 रुपए पहुंच गई, जो पिछले साल की 3 करोड़ 77 लाख रुपए की कीमत से अधिक है। इस वृद्धि से स्पष्ट होता है कि मेला हर साल बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल कर रहा है और इसकी वाणिज्यिक संभावनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। दुकानों और तहबाजारी के टेंडर को लेकर व्यापारियों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रही, और अंततः प्रिंस ट्रेडिंग कंपनी ने 2 करोड़ 21 लाख रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाकर यह ठेका अपने नाम किया। यह अब तक का सबसे महंगा टेंडर रहा, जो दर्शाता है कि व्यापारियों को चौती मेले से जबरदस्त मुनाफे की उम्मीद है।
झूले और तमाशे का आकर्षण हर साल मेले की शान बढ़ाता है। इस बार यह टेंडर हिमाचल फन फेयर के नाम रहा, जिसने 1 करोड़ 64 लाख रुपए की सर्वाधिक बोली लगाकर यह जिम्मेदारी अपने हाथ में ली। झूले, सर्कस और तमाशों के लिए प्रसिद्ध यह मेला हर साल हजारों दर्शकों को आकर्षित करता है। वाहन पार्किंग व्यवस्था के लिए भी निविदा खोली गई, जिसमें एटीएस इंटरप्राइजेज ने 14 लाख 80 हजार रुपए की बोली लगाकर ठेका अपने नाम किया। चौती मेला जैसे बड़े आयोजन में पार्किंग एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है, और इस साल प्रशासन ने इसे बेहतर बनाने की योजना बनाई है ताकि लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो।
बिजली और साउंड सिस्टम के टेंडर को लेकर भी बड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई। इस साल यह ठेका श्री बालाजी इंटरप्राइजेज ने 21 लाख रुपए की ऊंची बोली लगाकर हासिल किया। मेला आयोजन में बिजली और साउंड सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि रोशनी और ध्वनि प्रभावों के बिना किसी भी मेले का आकर्षण अधूरा होता है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस बार इन व्यवस्थाओं में कोई कमी न हो। हालांकि, टेंट और बैरिकेडिंग के लिए केवल एक ही निविदा प्राप्त हुई, जिससे इस टेंडर को फिलहाल निरस्त कर दिया गया है। उप-जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि इस टेंडर के लिए दोबारा निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि उचित प्रतिस्पर्धा बनी रहे और मेले की व्यवस्था बेहतरीन तरीके से हो सके।
चैती मेला मेला काशीपुर का एक ऐतिहासिक मेला है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु, व्यापारी और पर्यटक भाग लेते हैं। इस साल टेंडर की ऊंची रकम यह साबित करती है कि मेले की लोकप्रियता और व्यावसायिक महत्व बढ़ता जा रहा है। व्यापारियों और दुकानदारों के बीच इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह है, और वे इसे व्यवसाय के बेहतरीन अवसर के रूप में देख रहे हैं। इस बार मेला और भी भव्य होने वाला है, क्योंकि प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं को पहले से बेहतर करने की योजना बनाई है। इस बार ब्ब्ज्ट कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, पुलिस बल की तैनाती अधिक की जाएगी और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा, इस साल कुछ नई तकनीकों को भी अपनाया जाएगा, जिससे मेले में आने वाले लोगों को अधिक सुविधा मिल सके।
उप-जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि चैती मेला 2025 को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आकर्षक आयोजन बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मेले की सभी व्यवस्थाओं को पारदर्शिता के साथ संचालित किया जा रहा है, ताकि किसी भी आगंतुक को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने यह भी बताया कि झूले, तमाशे, दुकानें, पार्किंग, बिजली और साउंड सिस्टम समेत सभी व्यवस्थाओं के टेंडर निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत खोले गए हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि मेले के दौरान हर सुविधा उत्तम स्तर पर उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा, टेंट और बैरिकेडिंग की निविदा को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा, जिससे मेले की सुरक्षा और बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, ताकि वे इस भव्य आयोजन का आनंद बिना किसी परेशानी के उठा सकें।
चैती मेला 2025 के आयोजन में विभिन्न व्यवस्थाओं के टेंडर खुलने के बाद इस साल की प्रमुख व्यवस्थाओं की लागत सामने आई है। दुकान और तहबाजारी का ठेका इस बार प्रिंस ट्रेडिंग कंपनी को 2.21 करोड़ रुपये में मिला, जो अब तक की सबसे ऊंची बोली मानी जा रही है। झूले और तमाशे की व्यवस्था के लिए हिमाचल फन फेयर ने 1.64 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई। वहीं, पार्किंग व्यवस्था का ठेका एटीएस इंटरप्राइजेज को 14.80 लाख रुपये में सौंपा गया है। बिजली और साउंड सिस्टम की जिम्मेदारी श्री बालाजी इंटरप्राइजेज को दी गई, जिन्होंने इस व्यवस्था के लिए 21 लाख रुपये की सफल बोली लगाई। हालांकि, टेंट और बैरिकेडिंग के लिए सिर्फ एक टेंडर प्राप्त होने के कारण इसे फिलहाल पेंडिंग रखा गया है और इसके लिए दोबारा निविदा जारी की जाएगी। इस बार चौती मेला 2025 की व्यवस्थाओं की कुल लागत पिछले साल की तुलना में काफी अधिक रही, जिससे आयोजन की भव्यता और बढ़ने की उम्मीद है।
चैती मेला मेला 2025 में इस बार कई नई सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। डिजिटल टिकटिंग, ई-पेमेंट, लाइव ट्रैकिंग और ऑनलाइन सुविधा जैसी सेवाओं को लागू करने की योजना बनाई गई है। प्रशासन का कहना है कि इस बार पार्किंग की व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी और बिना किसी समस्या के वाहन प्रवेश और निकासी हो सकेगी।
व्यापारियों और दुकानदारों ने इस फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इस बार मेले में अधिक संख्या में लोग आएंगे। कुछ व्यापारियों ने कहा कि प्रशासन को छोटे दुकानदारों और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी खास इंतजाम करने चाहिए, ताकि वे भी इस आयोजन में लाभ कमा सकें। चौती मेला 2025 इस बार नए रिकॉर्ड कायम करने जा रहा है। टेंडर की ऊंची कीमतों से यह साफ हो गया है कि इस बार का आयोजन पहले से कहीं अधिक भव्य और आकर्षक होगा। झूले, तमाशे, दुकानों, पार्किंग, बिजली और साउंड व्यवस्थाओं के टेंडर में लगी बड़ी रकम ने मेले की भव्यता को और बढ़ा दिया है।
अब प्रशासन पर यह बड़ी जिम्मेदारी होगी कि इन व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से लागू करे, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक बिना किसी असुविधा के मेले का आनंद उठा सकें। टेंट और बैरिकेडिंग की निविदा अभी पेंडिंग है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन किस तरह इस ऐतिहासिक मेले को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है और क्या इस बार की व्यवस्थाएं लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरती हैं या नहीं। चौती मेला 2025 निश्चित रूप से एक यादगार और भव्य आयोजन बनने जा रहा है!