चंपावत। जिले के टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरी धाम में हर वर्ष आयोजित होने वाले प्रसिद्ध मेले की शुरुआत इस बार खास अंदाज में हुई। शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री और चंपावत विधायक पुष्कर सिंह धामी ने ठुलीगाड़ पहुंचकर मां पूर्णागिरी की विधिवत पूजा-अर्चना कर मेले का भव्य शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने इस ऐतिहासिक मेले को पूरे वर्ष संचालित किए जाने की बात कही, जिससे श्रद्धालु हर समय मां के दर्शन कर सकें। राज्य सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है कि भक्तों को सालभर इस पवित्र धाम में दर्शन का अवसर मिल सके और यह स्थल एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो।
उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध इस मेले की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने इसे लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक बताया। प्रदेश में कुंभ मेले के बाद सबसे अधिक दिनों तक चलने वाले इस मेले की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। इस बार यह मेला 15 मार्च से प्रारंभ होकर पूरे 90 दिनों तक, यानी 15 जून तक आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेलार्थियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा और किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन को विशेष निर्देश दिए गए हैं।

इस मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु मां पूर्णागिरी के दर्शन के लिए आते हैं और सरकार की ओर से उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यात्रा मार्ग पर बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जाएगा और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के मां के दर्शन कर सकें। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र में स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके साथ ही पेयजल व्यवस्था को भी सुचारु रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मां पूर्णागिरी मेले को पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से और भी व्यापक बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने इसे सर्किट के रूप में विकसित करने का विचार व्यक्त किया। इस योजना के तहत जिले के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे गोलज्यू, बाबा गोरखनाथ, मां बाराही, रणकोची माता, ब्यानधूरा बाबा, श्यामलताल, रीठा साहिब और मायावती आश्रम को भी इस यात्रा से जोड़ा जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को एक साथ कई धार्मिक स्थलों के दर्शन का लाभ मिलेगा और जिले में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मेले को केवल तीन महीने तक सीमित रखने के बजाय इसे पूरे वर्ष संचालित करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु किसी भी समय मां पूर्णागिरी धाम के दर्शन कर सकें, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिससे इस धार्मिक स्थल को और अधिक सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाया जा सके।
इस मेले के आयोजन से न केवल श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए भी यह नए अवसर लेकर आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में इसे और भी भव्य और सुविधाजनक बनाया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इस पावन धाम में आकर अपनी आस्था प्रकट कर सकें।

मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त किया गया है। इस बार पुलिस बल को अतिरिक्त रूप से तैनात किया गया है और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, ट्रैफिक व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है जिससे दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भविष्य में इस मेले को और अधिक भव्य बनाने के लिए सरकार कई नई योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिससे आने वाले समय में मां पूर्णागिरी धाम एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का तीर्थ स्थल बन सके।
सरकार की इस योजना से जिले की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है, जिससे जिले में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मेले को डिजिटल प्लेटफार्म पर भी प्रमोट करने की योजना बना रही है, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालुओं को इस मेले की जानकारी मिल सके और वे यहां आने के लिए प्रेरित हों।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मेले के दौरान स्वच्छता बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि मां पूर्णागिरी धाम में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और इस पवित्र स्थल को और अधिक भव्य और आकर्षक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की यह प्राथमिकता रहेगी कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे यहां आकर अपनी आस्था को और मजबूत कर सकें।
मां पूर्णागिरी मेला उत्तर भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है और सरकार इसे और अधिक भव्य बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मेले का आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत रहेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस मेले को और अधिक विस्तृत और आकर्षक बनाने के लिए सरकार कई नई योजनाओं पर कार्य करेगी।