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जीएसटी अधिकारी कृष्ण कुमार यादव की अनूठी होली, बांस से बनाई विशेष होलिका!

पर्यावरण संरक्षण और नवाचार का संगम: कृष्ण कुमार यादव की "हरित होलिका" ने काशीपुर में होली को बनाया अनोखा उत्सव

काशीपुर। रंगों के उत्सव होली पर कुछ अलग करने की सोच रखने वाले जीएसटी विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार यादव ने इस बार काशीपुर में एक अनूठा इतिहास रच दिया। मानपुर रोड स्थित कौशांबी एवेन्यू कॉलोनी में होली के जश्न को खास बनाते हुए उन्होंने बांस से अनोखी होलिका का निर्माण किया, जो देखते ही देखते आकर्षण का केंद्र बन गई। यादव जी का यह नवाचार पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक परंपराओं को एक नई दिशा देने का प्रतीक बना। आमतौर पर लकड़ी से होलिका दहन किया जाता है, लेकिन उन्होंने बांस से होलिका तैयार कर एक नया संदेश दिया। इस पहल से जहां पर्यावरण संरक्षण को बल मिला, वहीं स्थानीय लोगों को भी नई प्रेरणा मिली। उनकी इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए क्षेत्रवासियों ने इसे “हरित होलिका” का नाम दिया। इस ऐतिहासिक पहल ने काशीपुर में होली के जश्न को एक नई पहचान दी।

बांस से सजी अनूठी होलिका, काशीपुर में होली का नया रंग

कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि मुझे बचपन से ही नए-नए प्रयोग करने का शौक रहा है, और हर त्योहार पर कुछ अलग करने की मेरी कोशिश रहती है। इस बार होली के अवसर पर मैंने बांस से अनूठी होलिका बनाने का विचार किया, क्योंकि पारंपरिक होलिका के लिए बड़ी मात्रा में लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मेरा उद्देश्य था कि होली का त्योहार मनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाए। उन्होने बताया कि जब मैंने बांस से होलिका तैयार की, तो यह सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई। इसे देखकर लोगों में जागरूकता बढ़ी और उन्होंने भी पर्यावरण हितैषी तरीकों को अपनाने की इच्छा जताई। मुझे खुशी है कि मेरे इस छोटे से प्रयास को ‘हरित होलिका’ नाम देकर लोगों ने सराहा। मैं आगे भी इसी तरह के प्रयोग करता रहूंगा, ताकि हमारे त्योहार प्रकृति के प्रति और भी संवेदनशील बन सकें।

गुरुवार रात को जब होलिका दहन का समय आया, तो पूरी कॉलोनी कृष्ण कुमार यादव के इस अनूठे प्रयास को देखने के लिए उमड़ पड़ी। उनके परिवार और कॉलोनीवासियों ने इस विशेष होलिका के साथ उत्साहपूर्वक होलिका दहन में भाग लिया और जमकर रंग खेला। माहौल में गुलाल की खुशबू, ढोल-नगाड़ों की थाप और हंसी-ठिठोली की गूंज ने होली के पर्व को और भी खास बना दिया। हर कोई इस नए अंदाज की होली को देखकर दंग रह गया और यादव के इस प्रयास की जमकर सराहना की। यादव का कहना है कि उन्हें बांस से नए-नए आइटम बनाने का शौक है। उनकी इस कला की झलक दशहरे पर भी देखने को मिली थी, जब उन्होंने खुद रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले तैयार किए थे और कॉलोनी में भव्य दशहरा उत्सव मनाया था। उन्होंने कहा कि अब हर साल वे होली पर कुछ नया करेंगे और हर बार एक अलग तरह की होलिका तैयार करेंगे।

इस नए प्रयोग को लेकर कॉलोनीवासियों का उत्साह भी देखने लायक था। हर कोई इस विशेष होलिका को देखकर हैरान था और इसे एक अद्भुत पहल मान रहा था। कॉलोनी के कई लोगों ने कहा कि इस तरह के प्रयोग त्योहारों को और भी यादगार बना देते हैं और इससे हमें अपनी परंपराओं को एक नए अंदाज में जीने का मौका मिलता है। इस अनूठे प्रयास की पूरे शहर में चर्चा हो रही है। लोग कृष्ण कुमार यादव की रचनात्मक सोच और कला की सराहना कर रहे हैं। उनका यह प्रयोग काशीपुर में त्योहारों को एक नया आयाम देने की दिशा में प्रेरणा साबित हो सकता है। होलिका दहन के साथ रंगों की मस्ती, बांस से बनी अद्भुत होलिका और परिवार-समाज के साथ त्योहार का आनंद—काशीपुर में इस बार की होली वाकई यादगार बन गई!

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