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रंगों की बरसात में सजा खत्री सभा का होली मिलन समारोह

खुशियों की फुहार, फूलों की होली और उमंग से सराबोर खत्री समाज का शानदार उत्सव

काशीपुर। रंगों की बहार, खुशियों की बौछार और उल्लास से भरा माहौल—काशीपुर की खत्री सभा में इस बार का होली मिलन समारोह कुछ ऐसा ही नजर आया। समाज के उत्साह और सौहार्द्र का प्रतीक यह आयोजन धूमधाम से मनाया गया, जिसमें खत्री समाज के सदस्य अपने परिवारों संग शामिल हुए। गुलाल और फूलों की खुशबू से सराबोर इस आयोजन में आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया गया। होली की उमंग में सराबोर सदस्यों ने फूलों की होली खेली, जिससे पूरे वातावरण में उत्साह की लहर दौड़ गई।

समारोह के दौरान रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। बच्चों ने जहां नृत्य और कविता पाठ कर सभी का मन मोह लिया, वहीं सभा के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने प्रेरणादायक विचार साझा किए। शिक्षा और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले होनहार विद्यार्थियों को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। आयोजकों ने कहा कि इस तरह के सामाजिक आयोजनों से समाज में एकजुटता बढ़ती है और युवा पीढ़ी को शिक्षा और खेल के प्रति जागरूक किया जाता है।

अध्यक्ष शरद मेहरोत्रा ने होली मिलन समारोह के अवसर पर समाज को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन सिर्फ रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि प्रेम, सद्भावना और एकता को मजबूत करने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि खत्री समाज ने हमेशा ही सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारे को प्राथमिकता दी है, और ऐसे आयोजन इसी भावना को और प्रगाढ़ बनाते हैं। फूलों की होली खेलकर हमने यह संदेश दिया है कि हमारे बीच प्रेम और सौहार्द बना रहे, और हम सब एक परिवार की तरह एकजुट रहें। उन्होंने यह भी कहा कि यह खुशी की बात है कि इस आयोजन में समाज के सभी वर्गों—बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों—ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। खासतौर पर बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया, जिससे यह साबित होता है कि हमारी नई पीढ़ी न केवल अपनी संस्कृति को समझ रही है बल्कि उसे आगे भी बढ़ा रही है। उन्होंने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करने को लेकर कहा कि इससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी और युवा अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित होंगे। अंत में उन्होंने सभी सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि खत्री समाज इसी तरह एकजुटता और प्रेम के साथ आगे बढ़ता रहेगा, और आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।

संरक्षक डॉ. नरेश मेहरोत्रा ने होली मिलन समारोह में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल रंगों का नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने का पर्व है। उन्होंने कहा कि खत्री समाज ने हमेशा प्रेम, भाईचारे और संस्कारों को प्राथमिकता दी है, और इस तरह के कार्यक्रम हमें अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं। फूलों की होली खेलकर हमने यह संदेश दिया कि सौहार्द्र और शांति से बड़ा कोई रंग नहीं होता। जब समाज एकजुट होकर खुशियों को साझा करता है, तो वह और अधिक सशक्त बनता है।\n\nउन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि यह हमारे समाज के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। उन्होंने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में सम्मानित किए गए विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह पहल युवाओं को अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करेगी। अंत में उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल रंगों का उत्सव था, बल्कि समाज को नई ऊर्जा देने का माध्यम भी बना। उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएँ दीं और भविष्य में ऐसे आयोजनों को और भव्य बनाने का आह्वान किया।

डॉ. इला मेहरोत्रा ने होली मिलन समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मीयता, प्रेम और सामाजिक एकता को मजबूत करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि खत्री समाज ने हमेशा आपसी भाईचारे को महत्व दिया है, और इस तरह के आयोजन हमें एक-दूसरे के और करीब लाते हैं। फूलों की होली खेलकर हम सभी ने यह संदेश दिया कि प्रेम और सौहार्द्र का कोई विकल्प नहीं होता। समाज जब एक साथ रंगों में सराबोर होता है, तो खुशियों का रंग और भी गहरा हो जाता है। उन्होंने इस अवसर पर लोगों से सुरक्षित होली खेलने की अपील की। उन्होंने कहा कि रंगों के त्योहार का आनंद उठाते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी पर जबरदस्ती रंग न डालें और केवल प्राकृतिक एवं हर्बल रंगों का ही उपयोग करें, ताकि किसी की त्वचा या आंखों को कोई हानि न पहुंचे। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने पानी की बर्बादी रोकने की भी सलाह दी और कहा कि सूखी होली खेलना पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। गर्भवती महिलाओं के लिए उन्होंने खासतौर पर यह सुझाव दिया कि उन्हें रासायनिक रंगों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह त्वचा और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। उन्हें भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना चाहिए और केवल सुरक्षित और हल्के फूलों की होली खेलनी चाहिए। डॉ. इला मेहरोत्रा ने सभी से अपील की कि होली को उल्लास और सावधानी के साथ मनाएं, ताकि यह यादगार और सुरक्षित बन सके।

इस भव्य आयोजन में खत्री सभा के सचिव अर्पित मेहरोत्रा, समेत समाज के अनेक प्रतिष्ठित सदस्य मौजूद रहे। इनमें सुनील टंडन, संदीप सहगल, राम मेहरोत्रा, डॉ. प्रदीप मेहरोत्रा, डॉ. विभा, स्वतंत्र मेहरोत्रा, अनिल कुमार मेहरोत्रा, सुभाष मेहरोत्रा, बीना मेहरोत्रा, मोनिका मेहरोत्रा, सीमा टंडन, नवदीप मेहरोत्रा, डॉ. सोनल मेहरोत्रा, डॉ. असीम मेहरोत्रा, राजू मेहरोत्रा, उज्जवल मेहरोत्रा सहित समस्त खत्री परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

सभी ने मिलकर इस आयोजन को यादगार बनाया और होली के शुभ अवसर पर एकता, सौहार्द्र और प्रेम का संदेश फैलाया। सभा के पदाधिकारियों ने इसे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया और भविष्य में भी ऐसे आयोजन करते रहने की बात कही। यह कार्यक्रम न केवल खुशियों का प्रतीक बना बल्कि समाज को एक मजबूत बंधन में बांधने का भी कार्य किया।

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