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निर्धन कन्याओं की भव्य शादी, युवाओं की अनोखी पहल बनी समाज में मिसाल

गरीब परिवारों की बेटियों के लिए मसीहा बने रामनगर के युवा, सामूहिक विवाह से रची अनोखी मिसाल

रामनगर। समाजसेवा की मिसाल कायम करते हुए कुछ युवाओं ने एक बार फिर से जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के हाथ पीले कर समाज के सामने मानवता और सेवा की नई मिसाल पेश की है। इस बार इन युवाओं ने पांच निर्धन कन्याओं का विवाह पूरे रीति-रिवाजों और भव्य समारोह के साथ संपन्न कराया। यह संस्था पिछले पांच वर्षों से लगातार गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराने में जुटी हुई है और अब तक 28 निर्धन कन्याओं के विवाह का जिम्मा उठा चुकी है।

इस विवाह समारोह की सबसे खास बात यह रही कि पांचों दूल्हे बैंड-बाजे के साथ एक साथ बारात लेकर आए और सभी जोड़ों की जयमाला का कार्यक्रम भी सामूहिक रूप से संपन्न हुआ। इसके बाद पूरे विधि-विधान के साथ विवाह की रस्में निभाई गईं। समाज में जहां कई गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं इस संस्था के समर्पित युवाओं ने उन परिवारों की मदद का जिम्मा उठाकर अपने सेवा भाव को साबित किया है।

संस्था के सक्रिय सदस्य सौरभ मित्तल ने बताया कि हमारी संस्था का मूल उद्देश्य उन परिवारों की सहायता करना है जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपनी बेटियों का विवाह कराने में असमर्थ हैं। समाज में कई ऐसे परिवार हैं जिनके लिए बेटी की शादी एक बड़ी चुनौती बन जाती है, और हम इसी समस्या का समाधान निकालने के लिए आगे आए हैं। अब तक हमारी संस्था के प्रयासों से 28 निर्धन कन्याओं का विवाह संपन्न हो चुका है, और यह सफर यहीं नहीं रुकेगा। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी बेटी सिर्फ पैसों की कमी के कारण अपने सपनों से वंचित न रहे। हम इस सामाजिक जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाते रहेंगे। भविष्य में भी हमारी संस्था इसी भावना से जरूरतमंद परिवारों की मदद करती रहेगी, ताकि हर बेटी अपने ससुराल खुशी और सम्मान के साथ विदा हो सके।इस पुण्य कार्य में सौरभ मित्तल, रोहित मित्तल, विकास अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, पुलकित माहेश्वरी, आदित्य बेलवाल समेत कई अन्य युवा सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।

रोहित मित्तल ने इस दौरान कहा कि हमारी संस्था का उद्देश्य समाज में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करना है। जब हम देखते हैं कि कई परिवार सिर्फ पैसों की कमी के कारण अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पा रहे हैं, तो हमें लगा कि हमें कुछ करना चाहिए। यही सोचकर हमने यह पहल शुरू की और आज तक 28 निर्धन कन्याओं का विवाह संपन्न करा चुके हैं। यह सिर्फ एक सामाजिक कार्य नहीं, बल्कि हमारा दायित्व है। हर बार जब एक बेटी हंसी-खुशी विदा होती है, तो हमें संतोष मिलता है कि हमने किसी परिवार का बोझ हल्का किया। हम चाहते हैं कि समाज के और भी लोग आगे आएं और इस नेक काम में योगदान दें। जब तक जरूरतमंद परिवार हमारे पास आएंगे, हम उनकी बेटियों के विवाह में सहायता करते रहेंगे। यही हमारी प्रेरणा और संकल्प है।

इस शादी समारोह में संस्था ने न केवल कन्याओं के लिए संपूर्ण विवाह सामग्री, परिधान, आभूषण और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध कराया, बल्कि विवाह के पारंपरिक और धार्मिक रीति-रिवाजों का पूर्ण रूप से पालन भी किया। संस्था का प्रयास था कि प्रत्येक कन्या का विवाह भव्य और गरिमामय तरीके से संपन्न हो, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असहजता महसूस न हो। यह आयोजन समाज के उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक बन गया है जो किसी न किसी रूप में जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं।

इस समारोह में उपस्थित नवविवाहित जोड़ों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें बेहद प्रसन्नता हो रही है कि उनका विवाह इतनी धूमधाम और पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका विवाह इतना भव्य होगा और वे इस यादगार अवसर के लिए संस्था के सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यह आयोजन केवल विवाह तक ही सीमित नहीं था, बल्कि समाज को यह संदेश देने के लिए भी था कि जब युवा मिलकर किसी नेक कार्य का संकल्प लेते हैं, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।

गरीब परिवारों के लिए बेटी की शादी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होती, लेकिन रामनगर के इन युवाओं ने इस समस्या का हल निकालते हुए समाज को एक नई दिशा दिखाई है। इस पहल से समाज में सकारात्मकता फैल रही है और अन्य लोग भी इस प्रेरणादायक कार्य से सीख ले रहे हैं। संस्था के इस कदम की हर ओर सराहना हो रही है और इसे एक अनूठी पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे समाज के जरूरतमंद लोगों को वास्तविक रूप से लाभ मिल रहा है।

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