काशीपुर। एसओजी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। थाना क्षेत्र में चल रही सघन चेकिंग के दौरान पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि दो संदिग्ध व्यक्ति एक कार में भारी मात्रा में नकदी और अवैध हथियार लेकर काशीपुर की ओर आ रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने लक्ष्मीपुर पट्टी तिराहे के पास डिज़ाइन सेंटर के समीप एक कार को रोका। यह वाहन यूके-07-बीडी-7018 नंबर की शैवरले बीट कार थी, जिसमें दो युवक सवार थे। तलाशी लेने पर कार में से कुल 9,80,000 रुपये नगद और 315 बोर के दो तमंचे बरामद हुए। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मौ0 दाउद पुत्र मौ0 अयूब निवासी चांद मस्जिद, जसपुर, जनपद ऊधमसिंहनगर (21 वर्ष) और तरुण भारद्वाज पुत्र मनोज शर्मा निवासी मौ0 नत्था सिंह, थाना जसपुर, जनपद ऊधमसिंहनगर (28 वर्ष) के रूप में हुई।
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में इन दोनों ने बड़ा खुलासा किया। आरोपियों ने बताया कि उनके पास से बरामद की गई रकम साइबर ठगी से अर्जित की गई थी। वे फर्जी बैंक खातों और विभिन्न कंपनियों के खातों में रकम स्थानांतरित करवाकर उसे निकालते थे। बाद में इस रकम को कुछ प्रतिशत कमीशन लेकर आगे बढ़ाया जाता था, जिससे उन्हें मोटा मुनाफा होता था। आरोपियों ने बताया कि दिनांक 28-02-25 को उन्होंने दिलशाद पुत्र वजीर अहमद निवासी ढेला बस्ती के खाते में 9,90,000 रुपये जमा करवाए थे और बदले में 9,80,000 रुपये निकाले थे। इसी रकम को वे आगे देने जा रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। पुलिस को शक है कि इस मामले में और भी कई लोग संलिप्त हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। मामले की विस्तृत विवेचना जारी है और पुलिस जल्द ही इस पूरे साइबर ठगी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ काशीपुर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। मामला मु0अ0सं0-84/25 के तहत धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह भी बताया कि इस साइबर ठगी गिरोह का नेटवर्क कई शहरों तक फैला हो सकता है, जिसकी तहकीकात की जा रही है। दोनों अभियुक्तों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस को उम्मीद है कि आगे की पूछताछ में इस मामले से जुड़े और भी अहम सुराग हाथ लग सकते हैं।
काशीपुर में साइबर ठगी के इस बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए एसओजी प्रभारी उप निरीक्षक रवीन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि पुलिस टीम को मुखबिर से महत्वपूर्ण सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सटीक रणनीति बनाकर चेकिंग अभियान चलाया गया। लक्ष्मीपुर पट्टी तिराहे के पास जब संदिग्ध कार को रोका गया, तो उसमें मौजूद दोनों युवकों की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। तलाशी लेने पर उनके पास से 9.80 लाख रुपये नगद, दो अवैध तमंचे और मोबाइल बरामद किए गए। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि यह पैसा साइबर ठगी से अर्जित किया गया था, जिसे विभिन्न खातों के माध्यम से ट्रांसफर कर निकाला जाता था। आरोपियों ने यह भी स्वीकार किया कि इस गिरोह में कई और लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। बिष्ट ने कहा कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। काशीपुर पुलिस साइबर अपराधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए है ताकि आम जनता को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से सुरक्षित रखा जा सके।
इस कार्रवाई को सफल बनाने में एसओजी प्रभारी उप निरीक्षक रवीन्द्र सिंह बिष्ट, कोतवाली काशीपुर के उप निरीक्षक मनोज धौनी, हेड कांस्टेबल विनय कुमार (एसओजी), कांस्टेबल कैलाश तोमक्याल, कांस्टेबल दीपक कठैत (एसओजी), कांस्टेबल प्रदीप कुमार (एसओजी), कांस्टेबल कुलदीप (एसओजी), कांस्टेबल अनिल आगरी (कोतवाली काशीपुर) और कांस्टेबल अमरजीत (कोतवाली काशीपुर) की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस की इस कार्रवाई से साइबर ठगों में हड़कंप मच गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस गिरोह के और भी कई सदस्यों की गिरफ्तारी संभव हो सकती है।