नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने तथा कानून-व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई। इस उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, गृह मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान राजधानी में बढ़ते अपराध, अवैध घुसपैठ, ट्रैफिक जाम, जलभराव और महिला सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर गंभीर मंथन किया गया। बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए, जो आने वाले समय में दिल्ली की सुरक्षा और नागरिकों की सुविधा को एक नया आयाम देंगे।
बैठक में अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर कड़ा रुख अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने साफ कहा कि इन अवैध घुसपैठियों को देश में दस्तावेज बनवाने, अवैध रूप से बसाने और रहने में मदद करने वाले पूरे नेटवर्क को बेनकाब कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली में सक्रिय अंतरराज्यीय गिरोहों को निर्ममता से समाप्त करना पुलिस की सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि अवैध घुसपैठियों का मसला केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि इनकी पहचान कर जल्द से जल्द निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा, उन्होंने स्पष्ट किया कि अब दिल्ली में निर्माण से जुड़े मामलों के लिए पुलिस की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे अनावश्यक विलंब से बचा जा सकेगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था में केंद्र और राज्य सरकार के बीच बढ़ते समन्वय की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि दोनों सरकारें राजधानी की कानून-व्यवस्था को लेकर एक साथ मिलकर ठोस कदम उठा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पहले की सरकारों द्वारा नजरअंदाज किए गए मुद्दों पर अब गंभीरता से विचार किया जा रहा है और समाधान के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बैठक में ट्रैफिक समस्या और मानसून के दौरान जलभराव की समस्या पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में ट्रैफिक जाम को कम करने और जलभराव से राहत दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक हॉटस्पॉट और जलभराव प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इसके अलावा, दिल्ली में कानून व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए थाना और जिला स्तर पर शांति समितियों के गठन पर सहमति बनी। इन समितियों का उद्देश्य स्थानीय विवादों को समय रहते सुलझाना होगा, जिससे अपराध दर में कमी आ सके। साथ ही, प्रॉसिक्यूशन और कलेक्टर कार्यालय की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भी रणनीति पर चर्चा की गई। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार विशेष योजनाओं पर काम कर रही है और जल्द ही एक विस्तृत नीति तैयार कर लागू की जाएगी, जिससे महिलाओं की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए सीसीटीवी निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने और संवेदनशील इलाकों में पुलिस चौकियों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया गया। विशेष रूप से जेजे क्लस्टर्स जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली में सक्रिय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने के लिए केंद्र और राज्य की एजेंसियों के बीच सूचना आदान-प्रदान और समन्वय को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार का असर अब दिल्ली में भी दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अन्य राज्यों में केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से शानदार परिणाम देखने को मिले हैं, उसी तरह अब दिल्ली में भी कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब हर महीने ऐसी समन्वय बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें ट्रैफिक, जलभराव, कानून-व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा की जाएगी।
गौरतलब है कि इस तरह की उच्च स्तरीय बैठक, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ शामिल हुए हों, शीला दीक्षित सरकार के बाद पहली बार आयोजित की गई है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे न केवल दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक सुधारों की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।