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कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल, नए प्रभारियों की तैनाती से बदलेगा सियासी समीकरण

नई रणनीति, नया जोश – कांग्रेस ने किए बड़े बदलाव, राज्यों में संगठन को मजबूत करने की कवायद तेज

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है और कांग्रेस एक बार फिर खुद को मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर संगठनात्मक बदलाव कर रही है। हरियाणा के बाद दिल्ली में करारी हार के झटके के बाद पार्टी की रणनीति में बड़ा फेरबदल किया गया है। पार्टी के नवनियुक्त प्रभारी अब अपने-अपने राज्यों का दौरा कर रहे हैं, जिससे अप्रैल में अहमदाबाद में होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन से पहले संगठन को पूरी तरह से मजबूत किया जा सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी, झारखंड के प्रभारी राजू, पंजाब में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए भूपेश बघेल, ओडिशा में पार्टी की रणनीति को धार देने के लिए अजय कुमार, बिहार के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और तेलंगाना में कांग्रेस को सशक्त करने के लिए मीनाक्षी नटराजन अपनी पूरी ताकत झोंक चुके हैं। इन नेताओं ने संगठन के भीतर की खामियों को दूर करने के लिए राज्यों का व्यापक दौरा शुरू कर दिया है और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की योजना बनाई जा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में बदलाव करते हुए 11 नए प्रभारियों की घोषणा की थी। अब पार्टी के अंदर यह चर्चा जोरों पर है कि कई प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस कार्यसमिति में भी अहम फेरबदल होने की संभावना है। 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित होने वाले अधिवेशन में इन बदलावों पर अंतिम मुहर लग सकती है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए यह बदलाव खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भाजपा के खिलाफ एक नई जंग छेड़ने का प्रमुख मोर्चा बनने जा रहा है। 2018 में कांग्रेस ने यहां सरकार बनाई थी, लेकिन 2020 में जब वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए, तो कमलनाथ सरकार गिर गई और कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी। 2023 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने कमलनाथ और रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन परिणाम पार्टी के लिए निराशाजनक रहे। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने युवा नेताओं पर भरोसा जताते हुए जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष और उमंग सिंघार को पार्टी का नया चेहरा बनाया। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन ने फिर से पार्टी नेतृत्व को नए बदलावों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

अब मध्य प्रदेश में हरीश चौधरी बतौर प्रभारी संगठन में सुधार की मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद राज्य का दौरा शुरू कर दिया और स्थानीय स्तर पर पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिशों में जुट गए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की कोई योजना नहीं है, क्योंकि पटवारी और सिंघार दोनों ही सत्तारूढ़ मोहन यादव सरकार के खिलाफ आक्रामक भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, पार्टी की स्थानीय इकाइयों का पुनर्गठन अब आवश्यक हो चुका है। मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव चंदन यादव ने कहा कि यह प्रदेश इकाई को नए सिरे से खड़ा करने की एक गंभीर पहल है। कांग्रेस पूरे राज्य में सक्रिय है, लेकिन अब स्थानीय नेतृत्व को भी मजबूत किया जाना जरूरी है। नवनियुक्त प्रभारी पूरे राज्य में ब्लॉक स्तर तक पहुंच बना रहे हैं और कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस के नेताओं के अपने-अपने विचार हैं, लेकिन यह प्रक्रिया पार्टी को नए उत्साह से भर रही है।

उमंग सिंघार ने ‘सहर परजातंत्र’ से बातचीत में बताया कि संगठन को नई ताकत देने के लिए स्थानीय नेताओं से सुझाव लिए जा रहे हैं और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात का सिलसिला जारी है। आने वाले दिनों में इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। इसी तरह, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजाब की कमान दी गई है, जहां वह संगठन में नई ऊर्जा भरने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर राजा वारिंग का कहना है कि राज्य में आम आदमी पार्टी अपना जोश खो चुकी है और कांग्रेस यहां अगली सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पार्टी के नए प्रभारी का जोरदार स्वागत किया गया है और अब संगठन को मजबूत करने का काम किया जा रहा है।

झारखंड में कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है। यहां नए प्रभारी राजू चुनावी वादों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और राज्यभर में कांग्रेस का विस्तार करने के लिए यात्राएं कर रहे हैं। तेलंगाना में भी पार्टी की सत्ता बरकरार रखने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है। यहां की प्रभारी मीनाक्षी नटराजन हैदराबाद तक का सफर ट्रेन से तय कर पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे रही हैं कि कांग्रेस को हर हाल में जनता के हितों पर केंद्रित रहना चाहिए। यह तय माना जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस के ये रणनीतिक बदलाव देशभर की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।

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