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पर्वतीय सभा लखनपुर का 37वां स्थापना दिवस भव्य आयोजन और सम्मान समारोह के साथ ऐतिहासिक बना

समाज की विशिष्ट हस्तियों का सम्मान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बिखेरा रंग, एकता और विकास का अनूठा संगम

रामनगर। पर्वतीय सभा लखनपुर का 37वां स्थापना दिवस अत्यंत हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस भव्य आयोजन में समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति देखने को मिली। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश कुमार मासीवाल एवं विधायक दीवान सिंह बिष्ट रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस अवसर को और भी विशेष बना दिया। साथ ही, सभा के आजीवन सदस्य श्री दीवान सिंह बिष्ट, श्रीमती शांति जोशी और वार्ड सभासद सचिन कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस गौरवशाली अवसर पर पर्वतीय सभा ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली विभूतियों को सम्मानित कर उन्हें उनके योगदान के लिए सराहा।

वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश कुमार मासीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि पर्वतीय सभा लखनपुर का यह 37वां स्थापना दिवस न केवल इस समाज की गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है, बल्कि यह हमारी एकता, संस्कृति और सामाजिक सहयोग की ताकत को भी उजागर करता है। यह सभा वर्षों से समाज के उत्थान और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, और यह देखना अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज भी हम अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। हमें मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को सहेजते हुए समाज को प्रगति की ओर अग्रसर करें। उन्होंने आगे कहा कि आज जिन विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया है, वे हमारे समाज के असली प्रेरणास्रोत हैं। इनकी उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। युवाओं को चाहिए कि वे इन विभूतियों से प्रेरणा लें और समाज को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। पर्वतीय सभा का यह प्रयास सराहनीय है, और मैं इसे अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

सभा के अध्यक्ष ललित कुमार जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्वतीय सभा लखनपुर का 37वां स्थापना दिवस हमारी एकता, संस्कृति और समाज सेवा की भावना का प्रतीक है। यह सभा सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि पर्वतीय समाज की अस्मिता और गौरव का परिचायक है। आज इस मंच से समाज के उन व्यक्तियों को सम्मानित किया जा रहा है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज की मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना होगा और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति एवं परंपराओं से अवगत कराना होगा। पर्वतीय समाज की समृद्धि तभी संभव है जब हम मिलकर शिक्षा, संस्कृति और विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ें। पर्वतीय सभा इसी उद्देश्य के साथ कार्य कर रही है और आगे भी समाज के उत्थान में योगदान देती रहेगी।

इस भव्य आयोजन में समाज की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को विशेष सम्मान से नवाजा गया। खेल जगत में नंदन सिंह नेगी, पत्रकारिता में त्रिलोक सिंह रावत, रंगमंच में भूपाल सिंह नेगी, शिक्षा क्षेत्र में बाला दत्त सती, साहित्य के क्षेत्र में धर्मेंद्र नेगी, विधि एवं कानून में पूरन चंद्र पांडे और पूरन सिंह बोहरा को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रकाश कोतवाल, पर्यावरण एवं पर्यटन में निर्मल तिवारी, अभियांत्रिकी में मनोज मासीवाल, लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में खस्टिनन्दन जोशी, सामाजिक कार्यों में मदन जोशी और चिकित्सा क्षेत्र में जीवन सिंह रावत को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। कला के क्षेत्र में मुकुल तिवारी ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई, जिसके लिए उन्हें भी सम्मान दिया गया। वहीं, खेल जगत में उभरते सितारे अंश बिष्ट, भारत मेहरा, अभय बिष्ट, शौर्य पटेल, कुमारी कोमल और नीलम भारद्वाज को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सम्मानित व्यक्तियों ने इस विशेष अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात है कि पर्वतीय सभा लखनपुर ने हमारे कार्यों को पहचाना और हमें इस प्रतिष्ठित मंच पर सम्मानित किया। यह न केवल हमारी मेहनत का प्रतिफल है, बल्कि हमें और अधिक निष्ठा और समर्पण के साथ समाज की सेवा करने की प्रेरणा भी देता है। समाज के हर व्यक्ति को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए, ताकि हमारी संस्कृति, परंपरा और ज्ञान की विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि हमें गर्व है कि पर्वतीय सभा लखनपुर जैसा संगठन हमारे समाज में मौजूद है, जो न केवल पर्वतीय समाज की एकता को बनाए रखने का कार्य कर रहा है, बल्कि समाज के उभरते हुए प्रतिभाशाली व्यक्तियों को आगे बढ़ने के लिए मंच भी प्रदान कर रहा है। यह सम्मान सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि पूरे समाज का है, जो हमें निरंतर सहयोग और समर्थन प्रदान करता है। हम भविष्य में भी समाज के हित में कार्य करते रहेंगे।

वरिष्ठ अधिवक्ता पूरन चंद्र पांडे ने पर्वतीय सभा द्वारा विधि एवं कानून के क्षेत्र में दिए गए सम्मान पर गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आज मुझे इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया, इसके लिए मैं पर्वतीय सभा और रामनगर की जनता का हृदय से आभार प्रकट करता हूं। स्वास्थ्य कारणों से वे स्वयं सम्मान ग्रहण नहीं कर सके, जिसे उनकी अनुपस्थिति में उनके सहयोगी एडवोकेट गौरव तिवारी ने स्वीकार किया। उन्होंने कार्यकारिणी व पूरे पर्वतीय समाज का विशेष धन्यवाद दिया।

पूरन चंद्र पांडे रामनगर के पहले ऐसे अधिवक्ता हैं, जिन्होंने 2007 में कानून में मास्टर डिग्री(LLM) प्राप्त की और 16 विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 2005 में वकालत शुरू करने के बाद से ही वे वरिष्ठ नागरिकों के मामलों में निःशुल्क सेवा दे रहे हैं। कई संस्थाओं के कानूनी सलाहकार के रूप में वे मुफ्त कानूनी जागरूकता कार्यक्रम भी चला रहे हैं। इस वर्ष वे कानून में अपनी पीएचडी भी पूर्ण करने वाले हैं।

समारोह के दौरान आयुष म्यूजिक अकैडमी, रामनगर द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिनमें दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। इस आयोजन में विशिष्ट अतिथियों और समाज के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति से कार्यक्रम की भव्यता और भी बढ़ गई। निखिलेश उपाध्याय, दिनेश जोशी, ललित मोहन जोशी, हेमचंद पांडे, एम आर जोशी, बीना रावत, गौरव तिवारी, जैसी लोहनी, प्रकाश पांडे, प्रदीप पांडे, पंकज सत्यवली, गणेश बालम सिंह बिष्ट, बीएस डंगवाल, मंजू जोशी, बालम सिंह, भावना भट्ट, नवीन चंद तिवारी, भवानी शंकर तिवारी, भास्कर पपने, चंद्रशेखर पंत, भुवन चंद शर्मा, दया कृष्णा सुयाल, नवीन चंद तिवारी, भुवन चंद्र पपने, हिमांशु तिवारी, प्रभात ध्यानी, पुष्कर दुर्गापाल, विनोद पपने, कौशल्या देवी, सचिन कुमार, नवीन सुनेजा, भारत बंधु, मनोज तिवारी, देवरानीजी, रेवती सुंदरियाल, विधान सुन्द्रियाल, रमेश बिष्ट और गजेंद्र चौहान समेत कई विशिष्ट जनों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम का संचालन सभा के महामंत्री जितेंद्र बिष्ट द्वारा किया गया, जिनकी सधी हुई प्रस्तुति ने समस्त आयोजन को सुव्यवस्थित बनाए रखा। सभा की अध्यक्षता ललित कुमार जोशी द्वारा की गई, जिनकी नेतृत्व क्षमता ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम के समापन पर सभी आमंत्रित अतिथियों, विशेष सम्मान प्राप्त व्यक्तियों और उपस्थित गणमान्य नागरिकों का आभार प्रकट किया गया, जिससे यह भव्य आयोजन यादगार बन गया।

समारोह की भव्यता को और भी विशेष बनाने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इस दौरान पर्वतीय समाज के विकास, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा के महत्व और सामाजिक समरसता पर आधारित वक्तव्य भी दिए गए। अतिथियों ने समाज में जागरूकता फैलाने और पारंपरिक विरासत को सहेजने की जरूरत पर बल दिया। इसके अलावा, विभिन्न वक्ताओं ने पर्वतीय समाज की उन्नति और सशक्तिकरण के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की। वक्ताओं ने युवा पीढ़ी को समाज के प्रति जागरूक रहने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि पर्वतीय समाज की एकता और सहयोग से ही समाज का वास्तविक विकास संभव है।

इस आयोजन के अंत में सभी गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए और पर्वतीय सभा के सदस्यों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। सभी उपस्थित महानुभावों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे पर्वतीय समाज के लिए एक प्रेरणादायक पहल करार दिया। अंततः, पर्वतीय सभा लखनपुर का यह 37वां स्थापना दिवस ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बन गया। इस अवसर ने समाज के सभी वर्गों को एक मंच पर लाकर आपसी सहयोग और विकास की भावना को और मजबूत किया।

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