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काशीपुर में आस्था का महासंगम! मोटेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की बाढ़, भंडारे में उमड़ा जनसैलाब

काशीपुर में शिवभक्ति की सुनामी! मोटेश्वर महादेव मंदिर में ऐतिहासिक भंडारा, भक्तों का अपार जनसैलाब

काशीपुर(एस पी न्यूज़)। इस बार महाशिवरात्रि से पहले ऐसा अलौकिक नज़ारा देखने को मिला जिसने पूरे शहर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। चौती मंदिर परिसर स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर में हर साल की भांति इस बार भी एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए। भक्तों का जनसैलाब इस तरह उमड़ा कि पूरा परिसर हर-हर महादेव के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। मंदिर प्रांगण भक्तों से भर गया, सड़कों तक श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी, और चारों ओर शिवभक्ति की अविस्मरणीय लहर दौड़ पड़ी।

भंडारे में हजारों श्रद्धालु पहुंचे और भोलेनाथ के चरणों में अपनी अटूट आस्था व्यक्त की। इस आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ करनी पड़ीं, फिर भी भीड़ अनियंत्रित होती रही। लोग घंटों लाइन में लगकर प्रसाद ग्रहण करने के लिए तत्पर दिखे, और चारों ओर भक्ति का अपूर्व नजारा देखने को मिला। भंडारे में हर वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर शामिल हुएकृसाधारण भक्तों से लेकर समाजसेवी, उद्योगपति और राजनीतिक हस्तियां भी इस अलौकिक माहौल का हिस्सा बनीं।

काशीपुर के प्रतिष्ठित उद्योगपति पंकज टंडन भी अपने पूरे दल के साथ इस आयोजन में सेवा कार्यों में लगे दिखे। उन्होंने श्रद्धालुओं को अपने हाथों से भोजन परोसकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ष्यह सिर्फ एक भंडारा नहीं, बल्कि यह शिवभक्तों की निष्ठा और सेवा का पवित्र उत्सव है। हर साल यह आयोजन और भव्य होता जा रहा है, जिससे साबित होता है कि शिवभक्तों की श्रद्धा में लगातार वृद्धि हो रही है।ष् उनके साथ शहर के अन्य गणमान्य लोग भी इस आयोजन में सेवा कार्य करते हुए देखे गए, जिससे यह आयोजन और भी विशेष बन गया।

हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई। मोटेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्तों का जोश और उमंग देखते ही बन रहा था। भक्तों की इस अपार आस्था और श्रद्धा ने आयोजन को एक भव्य रूप दे दिया, जिसने काशीपुर के धार्मिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। सड़कों पर दूर-दूर तक भक्तों का हुजूम नजर आ रहा था, जिससे स्पष्ट था कि शिवभक्ति का यह महासंगम हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

इस भंडारे के दौरान कई श्रद्धालु भावविभोर होकर भोलेनाथ की भक्ति में लीन हो गए। ढोल-नगाड़ों की ध्वनि, हर-हर महादेव के जयकारे और शिवभक्तों की अविरल आस्था ने पूरे माहौल को एक आध्यात्मिक चेतना से भर दिया। भक्तों का उत्साह इस कदर देखने को मिला कि मंदिर के आसपास दूर-दूर तक पंडाल लगाए गए, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएँ की जा सकें। लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के आगे सभी व्यवस्थाएँ छोटी पड़ गईं।

भक्तों की श्रद्धा और भक्ति की इस सुनामी ने पूरे शहर को शिवमय कर दिया। हर ओर भगवान भोलेनाथ के प्रति अटूट आस्था और भक्ति की गूंज सुनाई दी। यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि काशीपुर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक बन गया है। हर साल की तरह इस बार भी आयोजन ने अपने भव्य स्वरूप से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भंडारे में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की आंखों में भक्ति का भाव साफ देखा जा सकता था। भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्तों ने घंटों लाइन में खड़े रहकर प्रसाद ग्रहण किया और इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बने। श्रद्धालुओं का कहना था कि ऐसा दिव्य और विशाल आयोजन हर साल देखने को मिलता है, लेकिन इस बार इसकी भव्यता और दिव्यता ने एक नया इतिहास रच दिया। इस अद्वितीय आयोजन ने यह साबित कर दिया कि काशीपुर वास्तव में भगवान शिव की कृपा से परिपूर्ण नगरी है, जहां शिवभक्तों का प्रेम और समर्पण हर साल नए आयाम छूता है।

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