हरिद्वार(एस पी न्यूज़)। 2027 में होने वाले अर्धकुंभ को लेकर तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि इस अर्धकुंभ को कुंभ के रूप में भव्य और दिव्य तरीके से मनाया जाएगा। इसी क्रम में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने आज जिले के उच्चाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में अर्धकुंभ की प्राइमरी तैयारियों की समीक्षा की गई और विभिन्न विभागों को अपनी योजना को सटीक रूप से तैयार करने के निर्देश दिए गए।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुसार, अर्धकुंभ को एक दिव्य और भव्य आयोजन के रूप में मनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को युद्धस्तर पर कार्य करने की जरूरत है। बैठक में विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें विशेष रूप से यातायात व्यवस्था, सुरक्षा इंतजाम और क्राउड मैनेजमेंट को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए। बैठक में निर्णय लिया गया कि हरिद्वार के बाहरी इलाके में लगभग 15-15 किलोमीटर की दूरी पर बड़ी पार्किंग सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे एक स्थान पर 15-15 हजार वाहनों को पार्क किया जा सके। इन स्थानों से तीर्थयात्रियों को हर 2 मिनट में शटल सेवाओं के माध्यम से शहर तक पहुंचाया जाएगा, ताकि शहर के भीतर यातायात सुचारु रूप से चलता रहे और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक के दौरान यह भी चर्चा की गई कि अर्धकुंभ के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाने चाहिए। क्राउड मैनेजमेंट इस आयोजन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहेगा, क्योंकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां एकत्र होंगे। इसको लेकर आईजी गढ़वाल समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की गई। यह तय किया गया कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। इसके तहत सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ड्रोन की मदद से भीड़ की निगरानी की जाएगी और तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक सुव्यवस्थित योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा, स्वास्थ्य सुविधाओं और आपातकालीन सेवाओं को भी मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने यह भी बताया कि हरिद्वार अर्धकुंभ को एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने के लिए विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई है और इन सभी सुझावों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। प्रयागराज महाकुंभ में मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणा की गई थी, उसके अनुरूप उत्तराखंड सरकार भी इस आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। सरकार की मंशा है कि यह अर्धकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी बने।
आने वाले समय में इस आयोजन की तैयारियों को और गति देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी और सभी संबंधित विभागों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे। हरिद्वार को भव्य और दिव्य रूप से सजाने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं और पूरे आयोजन को एक अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा मिले और वे इस धार्मिक आयोजन को सुखद अनुभव के रूप में स्मरण कर सकें।