नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को एक बड़ा सियासी हंगामा देखने को मिला, जब उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को तीन दिन के लिए सदन से बाहर कर दिया। निलंबन के कारण ये विधायक 27 और 28 फरवरी को होने वाली विधानसभा कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। दिलचस्प बात यह रही कि इस निलंबन से बचने वाले एकमात्र आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान रहे, जो उस समय सदन की कार्यवाही में मौजूद नहीं थे।
निलंबित होने वालों में आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल थे, जिनमें नेता प्रतिपक्ष आतिशी और पूर्व कैबिनेट मंत्री गोपाल राय, इमरान हुसैन, विशेष रवि, कुलदीप कुमार, अजय दत्त, वीरेंद्र सिंह कादियान, राम सिंह नेताजी सहित कई अन्य विधायक शामिल थे। हंगामे की शुरुआत उस समय हुई जब उपराज्यपाल अपनी सीट से उठे, और विपक्ष के विधायकों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से भगत सिंह और अंबेडकर की तस्वीर हटाने को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने अनिल झा, विशेष रवि, जरनैल सिंह, सुरेंद्र सिंह और वीर सिंह धिंगान समेत कई विधायकों को पूरे दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया। इसके साथ ही, नारा लगाने वाले विधायकों को भी दिनभर के लिए बाहर कर दिया गया, जिनमें नेता विपक्ष आतिशी भी शामिल थीं, जो सदन में लगातार श्जय भीम, जय भीमश् के नारे लगा रही थीं।
लंच ब्रेक के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, और इस दौरान कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी बहस में हिस्सा लिया। उन्होंने उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके तुरंत बाद, संसदीय कार्य मंत्री प्रवेश वर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इस मांग का समर्थन भाजपा विधायक अभय वर्मा ने किया और कहा कि इन विधायकों को तीन दिनों के लिए निलंबित कर देना चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने तत्काल प्रभाव से फैसला सुनाते हुए कहा कि मंगलवार को शामिल करते हुए आगामी तीन दिनों के लिए आप के 21 विधायकों को निलंबित किया जाता है।
इस निलंबन को लेकर भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, श्आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कोशिश की थी कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन में पेश न की जाए, इसलिए वे हंगामा कर सदन की कार्यवाही को बाधित करना चाहते थे। इसी वजह से स्पीकर ने उन्हें बाहर कर दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली विधानसभा को सीएजी रिपोर्ट पेश करने में 10 साल का समय लग गया, लेकिन अब जब यह रिपोर्ट सामने आ गई है, तो इससे जुड़े कानून अनुसार कार्रवाई की जाएगी।श् वहीं, भाजपा विधायक करनैल सिंह ने भी आप विधायकों के निलंबन का समर्थन किया और कहा कि विधानसभा के नियमों का उल्लंघन करना एक गंभीर मामला है, इसलिए भविष्य में कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए निलंबन आवश्यक था।
इसी बीच, दिल्ली विधानसभा की कार्रवाई के दौरान एक और बड़ा फैसला लिया गया। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने यह ऐलान किया कि विधानसभा का सत्र अब दो और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले यह कार्यवाही 27 फरवरी तक प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे 28 और 1 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस विस्तार के बाद अब दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पर बहस और अन्य मुद्दों पर चर्चा का समय बढ़ गया है। इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली की सियासत को गरमा दिया है और आगामी दिनों में इसके और ज्यादा विवादित होने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।