रामनगर(एस पी न्यूज़)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामनगर में आज का दिन ऐतिहासिक चर्चा और ज्ञानवर्धक संवाद का साक्षी बना। इतिहास विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं को इतिहास की व्यापकता और इसकी महत्ता से अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता प्रोफेसर बी एम पांडे, जो वर्तमान में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बेरीनाग के प्राचार्य हैं, ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने ष्इतिहास सबका और सभी के लिएष् विषय पर विस्तार से चर्चा की और छात्रों को प्रेरित किया कि वे इतिहास को केवल एक विषय के रूप में नहीं, बल्कि अपने जीवन से जोड़कर देखें।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम सी पांडे ने इस सफल आयोजन के लिए इतिहास विभाग को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए इतिहास की प्रासंगिकता पर जोर दिया और बताया कि किस तरह अतीत को समझना वर्तमान को दिशा देने के लिए आवश्यक है। प्राचार्य प्रोफेसर एम सी पांडे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इतिहास विषय की प्रासंगिकता और उसकी व्यापकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इतिहास केवल अतीत की घटनाओं का संकलन नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जिससे हम भविष्य को समझ सकते हैं और अपनी गलतियों से सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में तकनीक और विज्ञान जितने महत्वपूर्ण हैं, उतना ही महत्वपूर्ण इतिहास का ज्ञान भी है, क्योंकि यह हमें समाज, संस्कृति और मानव सभ्यता के विकास को समझने में मदद करता है।
उन्होंने इतिहास को सिर्फ पाठ्यक्रम का विषय मानने की प्रवृत्ति को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके अनुसार, इतिहास हमें अतीत की गलतियों से सबक लेने और वर्तमान में सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। प्राचार्य ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे इतिहास को केवल किताबों तक सीमित न रखें, बल्कि उसे अपनी सोच और दृष्टिकोण का हिस्सा बनाएं। इतिहास विभाग को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की संगोष्ठियां छात्रों को नई दृष्टि देने में सहायक होती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे इतिहास को सिर्फ अंकों की दृष्टि से न देखें, बल्कि इसे समझने और इससे प्रेरणा लेने का प्रयास करें, क्योंकि जो अपने अतीत को नहीं जानता, वह भविष्य को नहीं गढ़ सकता।
विभाग प्रभारी डॉ. शरद भट्ट ने अपने कुशल नेतृत्व में कार्यक्रम का संचालन किया और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मंच पर उपस्थित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके बहुमूल्य विचारों को छात्र-छात्राओं तक पहुंचाने का कार्य किया। अपने प्रभावी संचालन के दौरान उन्होंने संगोष्ठी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों के बौद्धिक विकास में सहायक होते हैं और उनके सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाते हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे इतिहास को केवल एक विषय के रूप में न देखें, बल्कि इसे अपनी जड़ों को पहचानने और भविष्य को दिशा देने का माध्यम बनाएं। डॉ. भट्ट ने अपने संयोजन कौशल से कार्यक्रम को एक रोचक और ज्ञानवर्धक अनुभव बनाया, जिससे छात्र-छात्राओं को इतिहास के नए आयामों को समझने का अवसर प्राप्त हुआ।
डॉ. नरेश कुमार ने संगोष्ठी के समापन अवसर पर सभी अतिथियों, छात्रों और आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक आयोजन न केवल छात्रों की ज्ञानवृद्धि में सहायक होते हैं, बल्कि उन्हें इतिहास को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास केवल अतीत की घटनाओं का संग्रह नहीं है, बल्कि यह समाज, संस्कृति और सभ्यता के विकास का दस्तावेज भी है, जिससे हमें भविष्य की राह तय करने में मदद मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि इतिहास को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखें, बल्कि इसे गहराई से समझें और अपने दैनिक जीवन में इससे जुड़ी शिक्षाओं को आत्मसात करें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में समझना आवश्यक है ताकि हम अपनी जड़ों को जान सकें और अपने समाज के समग्र विकास में योगदान दे सकें। डॉ. नरेश कुमार ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए भविष्य में ऐसे और भी ज्ञानवर्धक आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर एस एस मौर्य, डॉ. सुरेश चंद्रा, डॉ. जे पी त्यागी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम में उत्साह और जिज्ञासा का माहौल देखने को मिला, जहां छात्रों ने अपने प्रश्नों और विचारों को खुलकर व्यक्त किया। इस संगोष्ठी ने इतिहास के प्रति छात्रों की रुचि को और अधिक प्रगाढ़ किया तथा यह सुनिश्चित किया कि इतिहास केवल बीते हुए कल की कहानी नहीं, बल्कि आने वाले समय की दिशा निर्धारित करने का साधन भी है।