काशीपुर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड की राजनीति में इस समय जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा है। विधानसभा बजट सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादास्पद बयान को लेकर पूरे प्रदेश में आक्रोश का माहौल है। इस बयान के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक गुस्सा फूट रहा है। जनता और विपक्ष दोनों इस बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन लगातार तेज हो रहे हैं और विपक्ष इसे सरकार की जनविरोधी मानसिकता से जोड़कर देख रहा है। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस बयान के खिलाफ प्रदेशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता मुखर हो गए हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं और पुतले जलाए जा रहे हैं।
काशीपुर में भी इस विवादास्पद बयान को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। महाराणा प्रताप चौक पर जुटे सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अनुपम शर्मा ने किया। उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा जिस मंत्री को सिर आंखों पर बिठाए हुए है, वह पहाड़ विरोधी मानसिकता रखते हैं और पहाड़ी समुदाय को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड की जनता इस अहंकारी सरकार और उनके मंत्रियों को सबक सिखाने के लिए तैयार है। आने वाले चुनावों में जनता इस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। कांग्रेस का कहना है कि इस तरह के बयान उत्तराखंड आंदोलन की भावना का अपमान हैं और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अनुपम शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका भी पक्षपाती रही। उन्होंने कहा कि जब प्रेमचंद अग्रवाल इस तरह के बयान दे रहे थे, तब विधानसभा अध्यक्ष उन्हें रोकने के बजाय कांग्रेस विधायकों को चुप रहने के लिए कह रहे थे। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि जब बदरीनाथ विधानसभा से विधायक लखपत बुटोला अपनी बात रखना चाहते थे, तो उन्हें जबरदस्ती बैठा दिया गया। अनुपम शर्मा का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तराखंड आंदोलन की पीड़ा को नहीं झेला है, इसलिए उन्हें यह समझ नहीं आ सकता कि इस राज्य को बनाने के लिए 42 से ज्यादा लोगों ने शहादत दी थी। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को उत्तराखंड आंदोलन का इतिहास जानने और उन शहीदों की कुर्बानियों को समझने की सलाह दी। कांग्रेस का मानना है कि सरकार की यह नीतियां राज्य के मूल निवासियों के हितों के खिलाफ हैं और यह सरकार उत्तराखंड आंदोलन की भावना को कमजोर करने में जुटी हुई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस तरह की मानसिकता को प्रदेश की जनता कतई स्वीकार नहीं करेगी और आने वाले समय में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पूर्व महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल उत्तराखंड की जनता का अपमान है, बल्कि राज्य के आंदोलनकारियों की कुर्बानियों का भी अपमान है। सहगल ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री लगातार पहाड़ी समुदाय और उत्तराखंड के मूल निवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने इस बयान को उत्तराखंड विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया और कहा कि प्रदेश की जनता इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी। संदीप सहगल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार आम जनता की समस्याओं को सुलझाने के बजाय जनभावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। सहगल ने जनता से अपील की कि वे भाजपा सरकार की इस नीति को पहचानें और आने वाले चुनावों में इसका करारा जवाब दें।
महानगर अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बयान उत्तराखंड की अस्मिता और यहां के मूल निवासियों की भावनाओं पर गहरा आघात है। उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस सरकार के मंत्री इस तरह के अपमानजनक बयान दे रहे हैं, वह यह साबित कर रही है कि उसे उत्तराखंड और यहां की जनता से कोई सरोकार नहीं है। मुशर्रफ हुसैन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान 42 से अधिक लोगों ने अपनी शहादत दी थी, और उनके बलिदान से बने इस राज्य का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल का यह बयान सरकार की जनविरोधी सोच को दर्शाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मंत्री ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे भाजपा सरकार की असली मानसिकता को पहचानें और आने वाले चुनावों में इसे सबक सिखाएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर विधानसभा से लेकर सड़क तक संघर्ष करेगी और उत्तराखंड की अस्मिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखने को मिला। इस विरोध प्रदर्शन में ब्रह्मा सिंह पाल, शिवम शर्मा, अफसर अली, अनीस अंसारी, शिवम उपाध्याय, हनीफ गुड्डू, अजीता शर्मा, शेख मोहम्मद, सैफ मोहम्मद, अकरम बेग, रवि पपनै, मोहम्मद शदान, गुल्लू माहीगीर और अनिल शर्मा समेत कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। इन सभी नेताओं ने प्रेमचंद अग्रवाल के बयान की घोर निंदा की और कहा कि यह बयान न सिर्फ पहाड़ी समाज का अपमान है, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए शर्मनाक है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को इस बयान के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि यह लड़ाई सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि विधानसभा से लेकर न्यायालय तक इसे लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि वह अपनी ताकत के बल पर इस आवाज को दबा सकती है, तो यह उसकी बहुत बड़ी भूल होगी। कांग्रेस हर स्तर पर इस मुद्दे को उठाएगी और उत्तराखंड की अस्मिता से खिलवाड़ नहीं होने देगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि मंत्री ने अपना बयान वापस नहीं लिया और माफी नहीं मांगी, तो प्रदेशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस ने जनता से भी अपील की कि वे इस सरकार की असलियत को पहचानें और आने वाले चुनाव में इसका जवाब दें।
इस पूरे मामले के चलते उत्तराखंड की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है और सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए है। कांग्रेस का साफ कहना है कि अगर भाजपा को लगता है कि इस तरह के बयान देकर वह उत्तराखंड की जनता को गुमराह कर लेगी, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने बयान पर क्या सफाई देते हैं। फिलहाल, उत्तराखंड की सियासत इस बयान को लेकर गरमाई हुई है और जनता इस पूरे मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है।