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साइबर ठगी का बड़ा पर्दाफाश: राजस्थान से गिरफ्तार हुआ करोड़ों की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड

व्हाट्सएप के जरिए निवेश के नाम पर लाखों की ठगी, साइबर पुलिस ने गिरोह के प्रमुख को किया गिरफ्तार

देहरादून(सुरेन्द्र कुमार)। साइबर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी मामले में आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इस ठगी का शिकार हरिद्वार की एक महिला हुई, जिसे एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा। घटना की जानकारी मिलते ही पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस धोखाधड़ी में एक गिरोह के द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की गई थी।

इस गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप पर यूके वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल करते थे और खुद को भारतीय ब्रोकर के रूप में पेश कर निवेश के लालच में लोगों को फंसाते थे। उन्होंने पीड़ितों को निवेश के नाम पर अधिक मुनाफा कमाने का वादा किया और झूठी वेबसाइटों के जरिए शेयर बाजार और स्टॉक ट्रेडिंग की जानकारी दी। इसके बाद, लोगों को अधिक से अधिक पैसा निवेश करने के लिए दबाव डालते थे और उनकी मेहनत की कमाई को धोखाधड़ी के जरिए ले उड़ते थे। हरिद्वार की एक महिला ने जब इस धोखाधड़ी का शिकार होकर शिकायत की, तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और कार्रवाई शुरू की।

घटना की जांच के दौरान यह सामने आया कि गिरोह ने पीड़िता से पहले एक छोटे निवेश पर मामूली मुनाफा दिखाकर विश्वास जीत लिया था। फिर, गिरोह ने उसे विश्वास में लेकर 18 लाख रुपये की राशि और फिर अधिक पैसे की मांग की। साइबर ठगों ने पीड़िता से इस पूरे मामले में कुल 1 करोड़ 43 लाख 3 हजार 655 रुपये की ठगी की। आरोपी ने इन राशि को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किया था, और जांच में यह पता चला कि पीड़िता से धोखाधड़ी से ठगी गई रकम को आईडीबीआई बैंक के विभिन्न खातों में भेजा गया था। जांच में यह भी सामने आया कि इन खातों में कुल 2,33,17,920 रुपये का लेन-देन हुआ है, और इन खातों से संबंधित राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर 15 शिकायतें दर्ज हैं।

मामले की जांच के दौरान पुलिस को डिजिटल साक्ष्य मिले, जिससे गिरोह के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपियों का पता चला। साइबर पुलिस ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कई स्थानों पर दबिश दी और कई स्थानों पर तलाशी ली। इसके बाद, गिरोह के मास्टरमाइंड कैलाश सैनी को राजस्थान के जिला-अलवर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान उसके कब्जे से संबंधित बैंक खाता और मोबाइल हैंडसेट भी बरामद किया गया, जिनसे आरोपी ने पीड़िता से ठगी की रकम को अपने खाते में डलवाया था। अब तक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कैलाश सैनी के आईडीबीआई बैंक खाते में 30,50,242 रुपये की धोखाधड़ी से राशि जमा की गई थी। इसके अलावा, इस खाते पर राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर 03 शिकायतें भी दर्ज हैं।

एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि गिरोह ने व्हाट्सएप पर यूके वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल किया और संदेश के जरिए लोगों को संपर्क किया। फिर, खुद को भारतीय ब्रोकर के रूप में पेश कर निवेश के नाम पर लोगों से पैसा वसूलते थे। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न कंपनियों के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चौनल्स बनाए, जहां पर निवेशकों को जोड़कर उन्हें कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच दिया। इन लोगों ने शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से निवेश के लाभ दिखाए और इस तरीके से लोगों को विश्वास में लिया। पुलिस के अनुसार, गिरोह का यह तरीका पूरी तरह से योजना के तहत था, और उन्होंने इसे बड़े पैमाने पर अंजाम दिया।

एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह के सदस्य पूरी तरह से पेशेवर थे और उन्होंने अपना काम बहुत चतुराई से किया। उन्होंने निवेशकों को आसानी से झांसा देकर अपनी मेहनत की कमाई को लूटा। पुलिस अब पूरे मामले की गहरी छानबीन कर रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रही है। इन घटनाओं से यह भी साफ है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता है, ताकि लोग इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकें।

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