रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड में भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता का आक्रोश अब सड़कों पर खुलकर दिखने लगा है। रामनगर में प्रीपेड बिजली मीटरों को जबरन लगाने के विरोध में कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए ऊर्जा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंगलवार को पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और सरकार को कड़ी चेतावनी दी कि जबरन लगाए गए मीटरों को उखाड़ फेंकने से भी कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी।
नगर और ग्रामीण इलाकों में प्रीपेड मीटरों की अनिवार्यता को लेकर उपभोक्ताओं में पहले से ही गहरा असंतोष है, लेकिन अब जबरदस्ती मीटर लगाए जाने से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि ठेकेदारों और ऊर्जा निगम के बीच साठगांठ कर बिजली उपभोक्ताओं पर यह व्यवस्था थोपी जा रही है। ग्रामीणों को बहलाने-फुसलाने से लेकर पुलिस बुलवाने तक की धमकियां दी जा रही हैं। लूटावड़ गांव में जब ठेकेदारों ने जबरन मीटर लगाने की कोशिश की, तो ग्रामीण भड़क उठे और उग्र विरोध शुरू हो गया। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाल लिया, जिसके बाद ठेकेदार और उनके गुर्गों को वहां से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

विरोध यहीं नहीं थमा। कांग्रेस कार्यकर्ता इसके बाद ऊर्जा विभाग के कार्यालय पहुंचे, जहां हालात और भी चौंकाने वाले थे। प्रदर्शनकारियों ने देखा कि अधिशासी अभियंता समेत कोई भी वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं था। इससे यह साफ हो गया कि विभागीय अधिकारी भी इस अवैध प्रक्रिया से भली-भांति परिचित हैं और जानबूझकर जनता के विरोध से बचने के लिए दफ्तर से नदारद थे। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भाजपा सरकार की शह पर ठेकेदारों को खुली छूट दी गई है, जिससे वे मनमाने ढंग से लोगों पर आर्थिक बोझ लाद सकें।
पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा सरकार पहले ही उत्तराखंड की जनता को महंगी बिजली बेचकर लूट रही है, और अब प्रीपेड मीटर लगाकर आम जनता की जेब पर और बड़ा हमला किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस इस जबरदस्ती को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर सरकार ने जबरन मीटर लगाने का फैसला नहीं रोका, तो कांग्रेस कार्यकर्ता खुद उन मीटरों को उखाड़ फेंकने से पीछे नहीं हटेंगे।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष देशबंधु रावत, नगर अध्यक्ष भुवन शर्मा, मालधन ब्लॉक अध्यक्ष ओम प्रकाश, भुवन चंद्र पाण्डेय, गिरधारी लाल, एडवोकेट फेजुल हक़, लीलाधर जोशी, युसूफ सिद्दीकी, आनंद नेगी, बबलू तिवारी, मोईन खान, प्रशांत पाण्डे, जरीफ सैफी, महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट, प्रखर पाण्डे, सुमित तिवारी, गाजी करीम, धीरज उपाध्याय समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि यह आंदोलन सिर्फ एक दिन का नहीं है, बल्कि जब तक सरकार अपनी तानाशाही नीतियों से पीछे नहीं हटती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यह आंदोलन सड़क से लेकर सदन तक चलेगा और जबरन थोपे जा रहे प्रीपेड मीटरों की इस योजना को रोका जाएगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार जनता के गुस्से को देखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करती है या फिर कांग्रेस की इस चुनौती का जवाब किसी और तरीके से देती है।