काशीपुर(एस पी न्यूज़)। गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र में आज एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस प्रशिक्षण का उद्घाटन आयुक्त, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, चन्द्र सिंह धर्मशक्तू महोदय ने किया। उद्घाटन समारोह के दौरान आयुक्त ने नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से आप सभी को गन्ना उत्पादन के विभिन्न पहलुओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, और आपको इस क्षेत्र में अपने योगदान को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा। उनका यह भी कहना था कि अब आप सभी का पद किसानों से सीधे जुड़ा हुआ है और गन्ने की पैदावार बढ़ाने की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह संदेश दिया गया कि आपको प्राप्त शिक्षा का उपयोग गन्ने के विकास और किसानों को प्रेरित करने के लिए करना चाहिए, ताकि कृषि में गन्ने की पैदावार में वृद्धि हो सके।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के समय चन्द्र सिंह धर्मशक्तू महोदय ने यह भी कहा कि गन्ना पर्यवेक्षकों का कार्य केवल गन्ने के उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों से संपर्क बनाने और उनकी समस्याओं को सुनने का भी है। गन्ना उत्पादन में तकनीकी जानकारी के महत्व को समझते हुए उन्होंने प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि वे इस प्रशिक्षण को गंभीरता से लें और इसमें दी गई जानकारी को अपने काम में लागू करें। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और वैज्ञानिकों द्वारा गन्ने की पैदावार बढ़ाने, कीट और रोगों से बचाव, उन्नतशील प्रजातियों की पहचान और अन्य तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। आयुक्त ने यह भी कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से न केवल गन्ना पर्यवेक्षकों की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि इससे गन्ना उत्पादकों को भी कई नए तरीके और तकनीकियों से लाभ होगा। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इस प्रशिक्षण में दी जाने वाली जानकारी किसानों के लिए उपयोगी साबित हो।

इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में गन्ना पर्यवेक्षकों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से परिचित कराया जाएगा, जिससे वे अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को गन्ना सर्वेक्षण, काप कटिंग, पौधशाला रखरखाव, गन्ने की उन्नतशील प्रजातियां, कीट और रोगों के पहचान एवं उनके रोकथाम के उपायों, तथा नवीनतम गन्ना उत्पादन तकनीकियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें गन्ना उत्पादन से संबंधित अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया जाएगा। विशेष रूप से, गन्ने के प्रचार-प्रसार कार्यक्रम का क्रियान्वयन और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के बारे में भी गहन चर्चा होगी। प्रशिक्षकों द्वारा यह जानकारी देने का उद्देश्य गन्ना पर्यवेक्षकों को न केवल तकनीकी दक्षता प्रदान करना है, बल्कि उनके आचार-विचार और जिम्मेदारी के स्तर को भी सुधारना है, ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में गन्ने की पैदावार को बेहतर बना सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के कर्मचारियों के साथ-साथ प्रचार और जनसम्पर्क अधिकारी नीलेश कुमार, तथा जिले के सहायक गन्ना आयुक्त भी उपस्थित रहे। यह सभी अधिकारी कार्यक्रम में नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेंगे, ताकि वे इस प्रशिक्षण से अधिकतम लाभ उठा सकें। नीलेश कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य गन्ना पर्यवेक्षकों को केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि किसानों से संवाद और उनके समस्याओं को समझने की क्षमता भी प्रदान करना है। यह प्रयास गन्ना किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने और गन्ने के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
कार्यक्रम में दिए गए मार्गदर्शन के दौरान यह बात भी सामने आई कि गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के महत्व को समझते हुए इस प्रशिक्षण का उद्देश्य गन्ना किसानों को नई और उन्नत तकनीकियों से अवगत कराना है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम से गन्ना पर्यवेक्षकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, जिससे गन्ना उत्पादन में सुधार आएगा और देशभर के गन्ना किसानों को इसका लाभ मिलेगा। नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को इस प्रशिक्षण के माध्यम से यह अवसर मिल रहा है कि वे अपनी शिक्षा और विशेषज्ञता का उपयोग किसानों की समस्याओं के समाधान में करें और गन्ने की खेती को और अधिक लाभकारी बनाएं।