रामनगर(एस पी न्यूज़)। वन सुरक्षा बल द्वारा अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है, जिसके तहत तराई पश्चिमी वन प्रभाग के तहत आज दिनांक कुछ वार को विशेष छापामारी अभियान चलाया गया। इस अभियान की निगरानी वनाधिकारी तराई पश्चिमी वन प्रभाग ने की, जबकि उप प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर के नेतृत्व में रामनगर रेंज, बैलपडाव रेंज और बन्ना खेड़ा रेंज की संयुक्त टीम ने नदी क्षेत्र में अवैध खनन की रोकथाम के लिए सघन छानबीन की। इस अभियान में टीम ने मानकी घाट और बाबा घाट क्षेत्रों में अवैध खनन करते हुए दो बैक कराह ट्रैक्टरों को पकड़ा। यह कार्रवाई वन सुरक्षा बल द्वारा की गई, जो अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठा रहे हैं। इन ट्रैक्टरों को तत्काल वन अभिरक्षा में लिया गया, ताकि आगे की विधिक कार्रवाई की जा सके।
मानकी घाट और बाबा घाट क्षेत्र नदी क्षेत्र के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जहां अवैध खनन का कारोबार पिछले कुछ समय से बढ़ रहा था। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा था, बल्कि वन्यजीवों और वनस्पतियों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया था। अवैध खनन करने वालों के खिलाफ प्रशासन का यह कदम निश्चित रूप से एक मजबूत संदेश भेजेगा। वन सुरक्षा बल और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार इस प्रकार की गतिविधियों की निगरानी रखी जा रही है, ताकि अवैध खनन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। इस कार्रवाई में शामिल अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि भविष्य में भी ऐसे अभियानों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सके और पर्यावरण की रक्षा की जा सके।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए ट्रैक्टरों को गुलजारपुर चौकी परिसर में सुरक्षित खड़ा किया गया है। इन ट्रैक्टरों को वन अभिरक्षा में रखने का उद्देश्य यह है कि आगे की कानूनी कार्रवाई के बाद इनका उचित निपटान किया जा सके। इस समय वन सुरक्षा बल और वन विभाग की टीम के सदस्य पूरे जोश और उत्साह से कार्य कर रहे हैं। यह छापामारी अभियान बिना किसी रुकावट के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और अवैध खनन के खिलाफ की गई यह कार्रवाई काफ़ी असरदार साबित हुई। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस प्रकार की कार्रवाईयों को और तेज किया जाएगा, ताकि वन विभाग के कार्यों में कोई भी व्यवधान न आये और अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से काबू पाया जा सके।
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चन्द्र आर्य ने बताया कि अवैध खनन की समस्या केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी गंभीर संकट उत्पन्न कर रही है। इसके चलते जल स्रोतों में कमी, भूमि के कटाव और वन्यजीवों के आवासों में विघटन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होने कहा कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस छापामारी अभियान से यह संदेश गया है कि वन सुरक्षा बल और वन विभाग अवैध खनन के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेंगे। उन्होने स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के बारे में वन विभाग को सूचित करें, ताकि संयुक्त प्रयासों से इन गतिविधियों पर पूरी तरह से काबू पाया जा सके।
इस अभियान के सफल संचालन के बाद, वन विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्रीय लोगों से सहयोग की अपील की है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके। साथ ही, अधिकारियों ने यह भी कहा कि स्थानीय समुदायों को जागरूक करना और अवैध खनन के प्रभावों के बारे में बताना भी महत्वपूर्ण है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि वन्यजीवों और जलस्रोतों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इस प्रकार के अभियान वन विभाग की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हैं और यह दर्शाते हैं कि पर्यावरण और वन संसाधनों की सुरक्षा के लिए प्रशासन किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को सहन नहीं करेगा।