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उद्यमिता विकास कार्यक्रम में छात्रों को लघु एवं सूक्ष्म उद्यम योजना की महत्पूर्ण जानकारी

महाविद्यालय में छात्रों को उद्यमिता की नई दिशा, वित्तीय योजना और ऋण विकल्पों की दी गई जानकारी

रामनगर(एस पी न्यूज़)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में चल रहे बारह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के चौथे दिन छात्रों को लघु एवं सूक्ष्म उद्यम योजना प्रणाली से परिचित कराया गया। इस अवसर पर छात्रों को छोटे व्यवसायों और उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई, जो उन्हें अपने व्यवसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित हो सकती हैं। इस सत्र में नोडल अधिकारी प्रोफे. जगमोहन सिंह नेगी और डॉ. जे.पी. त्यागी ने वित्त प्रबंधन और व्यापार प्रणाली पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने व्यापार के विभिन्न पहलुओं को समझाते हुए छात्रों को सही तरीके से अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने छात्रों को व्यवसाय शुरू करने से पहले के महत्वपूर्ण कदमों और विचारों के बारे में बताया, जिससे उनके उद्यमी सपनों को आकार देने में मदद मिल सके। इन विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को यह समझने का प्रयास किया कि कैसे वे अपनी योजनाओं को सही दिशा में लेकर आगे बढ़ सकते हैं।

इसके बाद, मास्टर ट्रेनर चंदन सिंह बिष्ट, जो कि भारतीय स्टेट बैंक रामनगर के वरिष्ठ सहायक हैं, ने छात्रों को बचत खाते, बीमा योजनाएं, उद्योगों के लिए ऋण योजनाओं, एमएसएमई लोन और अन्य संबंधित प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोन प्राप्त करने के लिए आवश्यक कागजी कार्यवाही क्या होनी चाहिए और इसके लिए छात्रों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही, चंदन सिंह बिष्ट ने विद्यार्थियों को वर्तमान में चल रही धोखाधड़ी की घटनाओं के बारे में भी आगाह किया। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी वाले संदेश, मेल और फोन कॉल्स से कैसे बचा जा सकता है और इसके प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। उनका कहना था कि इस तरह की जानकारी से छात्रों को उनके व्यवसायिक भविष्य को सुरक्षित और सुरक्षित रूप से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इसके बाद, ट्रेनर योगेश रावत ने उद्यमी ऋण की जानकारी दी और बताया कि कैसे कोई व्यक्ति अपने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम उठा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य और देश की सेवा करने के लिए आत्मनिर्भरता एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस सत्र के दौरान छात्रों ने विभिन्न योजनाओं और ऋण के विकल्पों के बारे में गहरी समझ हासिल की और यह समझा कि किस प्रकार वे अपने उद्यम की शुरुआत करने के लिए वित्तीय संस्थानों से मदद प्राप्त कर सकते हैं। इस जानकारी से छात्रों को अपने उद्यमिता विचारों को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक कदम और बढ़ने में मदद मिली।

इस सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे. एम.सी. पाण्डे, डॉ. दीपक खाती, डॉ. सुरेश चंद्रा, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. नवभा जोशी और दीपक सिंह भी उपस्थित रहे। इन प्रमुख व्यक्तित्वों ने छात्रों को अपने अनुभव और मार्गदर्शन से प्रेरित किया और उन्हें अपने भविष्य के व्यवसायिक रास्तों को सही दिशा में तय करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के समापन के बाद, छात्र-छात्राओं ने इन विशेषज्ञों से और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सवाल-जवाब सत्र में भाग लिया, जिससे उनका ज्ञान और समझ और भी विस्तृत हुआ। यह सत्र छात्रों के लिए न केवल जानकारीपूर्ण था, बल्कि उनके भविष्य के लिए एक प्रेरणा भी साबित हुआ।

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