हरिद्वार(एस पी न्यूज़)। लालढांग क्षेत्र में दहशत का कारण बना गुलदार आखिरकार वन विभाग की मुस्तैदी के चलते काबू में आ गया। पिछले कई दिनों से इस गुलदार की दहशत से क्षेत्र के लोग भयभीत थे। आए दिन यह आबादी वाले इलाकों में पहुंचकर ग्रामीणों को आतंकित कर रहा था। इसके हमले का डर लोगों के दिलों में घर कर गया था, लेकिन वन विभाग की टीम ने इसे पकड़ने के लिए पूरी योजना बनाकर काम किया और आखिरकार सफलता हासिल कर ली। चमरिया गांव के पास चलाए गए अभियान के तहत गुलदार को ट्रैंकुलाइज कर उसे सुरक्षित पकड़ लिया गया। इसे पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम ने उसे चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया, जहां कुछ दिनों तक परीक्षण के बाद उसे जंगल में छोड़ने की योजना बनाई गई है।
इस गुलदार की मौजूदगी से लालढांग क्षेत्र के लोगों में जबरदस्त खौफ बना हुआ था। बीते दिनों कई बार इसे आबादी के नजदीक घूमते हुए देखा गया था। ग्रामीणों का कहना था कि रात के समय इसकी दहाड़ें सुनाई देती थीं, जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी। गुलदार के डर से किसान अपने खेतों में जाने से भी हिचकिचा रहे थे। इसी बीच चमरिया गांव के गन्ने के खेतों में इसे भागते हुए कुछ लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया। वीडियो में साफ दिख रहा था कि गुलदार ग्रामीणों के बीच दौड़ रहा था और लोग दहशत में चीखते-चिल्लाते हुए इधर-उधर भाग रहे थे। लेकिन वन विभाग की टीम पहले से सतर्क थी और इस गुलदार को पकड़ने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी थी। जैसे ही इसकी मौजूदगी की पुष्टि हुई, टीम ने इसे ट्रैंकुलाइज कर दिया और जाल बिछाकर इसे सुरक्षित पकड़ लिया। इसके बाद गुलदार को पिंजरे में डालकर चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया।
इस गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले ही इस गुलदार को पकड़ने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह बचकर भागने में सफल रहा था। इस दौरान एक वन कर्मी भी घायल हो गया था, लेकिन टीम ने हार नहीं मानी और लगातार नजर बनाए रखी। वन अधिकारियों ने क्षेत्र में लगातार निगरानी के आदेश दिए थे और आखिरकार रणनीति बनाकर इसे काबू में कर लिया गया। चिड़ियापुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी हरीश गैरोला ने बताया कि पकड़ा गया गुलदार आठ वर्षीय नर है, जो लंबे समय से क्षेत्र में आतंक फैला रहा था। इसे काबू में करना वन विभाग के लिए एक चुनौती बन गया था, लेकिन पूरी टीम की मेहनत रंग लाई और आज इसे सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया।
गुलदार के पकड़े जाने की खबर फैलते ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। लोगों ने वन विभाग की टीम की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि जब तक यह गुलदार क्षेत्र में था, तब तक लोग भय में जी रहे थे। खासकर शाम होते ही गांवों में सन्नाटा पसर जाता था, क्योंकि हर कोई इसकी मौजूदगी से डरा हुआ था। अब जब इसे सुरक्षित पकड़ लिया गया है, तो लोगों को बड़ी राहत मिली है। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि इसे कुछ दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा और उसके व्यवहार का अध्ययन करने के बाद ही इसे जंगल में छोड़ा जाएगा, ताकि यह दोबारा आबादी वाले इलाकों में न आ सके। ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि क्षेत्र में पहले जैसी शांति लौटेगी और वे बिना डर के अपने रोजमर्रा के काम कर सकेंगे।