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दिल्ली में 60.42% मतदान; युवाओं में जोश, फर्जी वोटिंग के आरोपों पर आमने-सामने हुई AAP और बीजेपी

मतदान के दौरान उत्साह और तनाव का मिला-जुला माहौल, फर्जी वोटिंग के आरोपों पर सियासी घमासान तेज

नई दिल्ली(स्वाती गुप्ता)। दिल्ली में चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमाया रहा और सुबह से ही मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया। हर वर्ग के लोग, चाहे वह पहली बार वोट डालने वाले युवा हों, बुजुर्ग नागरिक हों या फिर महिलाएं, सभी अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे। हालांकि, मतदान प्रक्रिया के दौरान कई जगहों से विवादों की खबरें भी सामने आईं। राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर फर्जी वोटिंग के आरोप लगाए, तो वहीं कई मतदाताओं ने शिकायत की कि उनके नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं थे। चुनाव आयोग के अनुसार, सुबह 7 बजे से शुरू हुई यह प्रक्रिया शाम 6 बजे तक चली और रात 11रू30 बजे तक कुल मतदान प्रतिशत 60.42ः दर्ज किया गया।

देश के गणमान्य नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं और आम नागरिकों ने वोट डाले। मतदान के बाद उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र की नींव मतदान पर टिकी होती है और यह हर नागरिक का सबसे बड़ा अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत एक मिसाल है जहां सत्ता परिवर्तन पूरी तरह से मतदान प्रक्रिया के माध्यम से होता है और सभी नागरिकों को इसे अपना कर्तव्य समझना चाहिए।

इस दौरान कई विवाद भी सामने आए। जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई कि वहां कैश बांटा जा रहा है। पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की और पाया कि चार टेबल वहां मौजूद थे, जिनमें से एक निर्दलीय प्रत्याशी और दो अन्य दलों के प्रत्याशियों के भी थे। लेकिन, एक जैसे टेबल कवर होने की वजह से भ्रम की स्थिति बनी कि ये सभी भाजपा के थे। चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वाड टीम (FST) ने जांच कर इस आरोप को खारिज कर दिया। दूसरी ओर, सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुर्का पहनकर फर्जी वोटिंग करने का आरोप लगाया। यह इलाका मुस्लिम बहुल है और यहां मतदान प्रतिशत भी काफी अधिक दर्ज किया गया। भाजपा ने आरोप लगाया कि आप प्रत्याशी ने बाहरी लोगों को बुलाकर मतदान कराया। हालांकि, स्थानीय मतदाताओं ने पुलिस से शिकायत की कि उन्हें मतदान केंद्रों पर जाने नहीं दिया जा रहा था। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा और हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया गया।

दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में जबरदस्त मतदान देखा गया। महिला मतदाताओं ने विकास और शिक्षा के मुद्दे पर खुलकर मतदान किया। पुरानी दिल्ली की निवासी नजमा ने कहा कि शहर में विकास तो हुआ है, लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है। उन्होंने शिक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने, टूटी सड़कों की मरम्मत, महिलाओं की सुरक्षा और अस्पतालों की बेहतरी को मुख्य मुद्दे बताया। एक अन्य मतदाता प्राजंलि ने कहा कि उन्होंने पहले सभी पार्टियों की घोषणाओं का अध्ययन करने के बाद मतदान का निर्णय लिया। उनके अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण और सफाई एक बड़ी समस्या है, जिसे प्राथमिकता से हल किया जाना चाहिए।

दिल्ली पुलिस में कार्यरत कॉन्स्टेबल पंकज ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा। उनका चुनाव चिन्ह ‘जूता’ था, और उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अगर वह जीतते हैं तो विधानसभा में जनता के मुद्दों को उठाएंगे, और हारने पर अपने कर्तव्य स्थल पर वापस लौट जाएंगे। पंकज ने खुद को दिल्ली की जनता की समस्याओं से भली-भांति परिचित बताते हुए कहा कि उनका मकसद इन चुनौतियों का समाधान निकालना है।

फर्स्ट टाइम वोटर्स का भी मतदान में खासा उत्साह देखा गया। हेमा, जो पहली बार वोट डाल रही थीं, ने बताया कि उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और सफाई व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मतदान किया। वहीं, प्रज्ञा सिंह ने कहा कि दिल्ली में जिन योजनाओं को लागू किया गया है, उन्हें जारी रखना चाहिए और गरीब तबके के लिए और अधिक कार्य किए जाने चाहिए। अरुण कुमार नाम के एक अन्य युवा मतदाता ने कहा कि उन्होंने सिर्फ सफाई व्यवस्था को लेकर वोट डाला, क्योंकि यह उनकी प्राथमिकता थी।

दिल्ली में इस बार एक अनोखा मतदान केंद्र भी देखा गया, जिसकी थीम ‘चंद्रयान से चुनाव तक’ रखी गई थी। विकासपुरी के एसडीएम और रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. नितिन शाक्य के अनुसार, मतदान केंद्र में चंद्रयान और पीएसएलवी के मॉडल प्रदर्शित किए गए थे, जिन्हें राजधानी कॉलेज, शिवाजी कॉलेज और भारती कॉलेज के छात्रों ने तैयार किया था। यहां, स्वयंसेवकों को अंतरिक्ष यात्री के रूप में तैयार किया गया और एक बायोस्कोप भी लगाया गया ताकि मतदाताओं को पुराने दौर की याद दिलाई जा सके। इस अनूठी पहल से मतदाता काफी खुश नजर आए।

बुजुर्ग मतदाताओं ने भी बड़ी संख्या में मतदान किया और अपने मुद्दे स्पष्ट किए। 75 वर्षीय बालकृष्ण जोशी ने कहा कि उन्होंने ऐसे प्रत्याशी को चुना जो सफाई, बिजली, पानी और शिक्षा की बेहतरी की दिशा में काम करेगा। वहीं, 67 वर्षीय कमल शर्मा ने कहा कि उन्होंने ऐसे उम्मीदवार को वोट दिया जो बुजुर्गों को सरकारी सुविधाओं में प्राथमिकता देगा और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करेगा।

कुल मिलाकर, दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं में उत्साह साफ दिखा। हालांकि, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और फर्जी वोटिंग को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। कई जगहों पर चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही, तो कुछ स्थानों पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। मतदान के दौरान जनता ने साफ-सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और महिलाओं की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

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