रामनगर(एस पी न्यूज़)। उत्तराखंड में निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं। शहरी विकास विभाग ने इसके लिए एक निश्चित कार्यक्रम जारी कर दिया है, जिसके तहत 7 फरवरी तक सभी नगर निकायों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए जाएंगे। 6 फरवरी से इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी और 7 फरवरी तक यह पूरी कर ली जाएगी। शपथ ग्रहण के साथ ही निकायों का आधिकारिक कार्यकाल भी आरंभ हो जाएगा, जो अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगा।
प्रदेश में कुल 100 नगर निकायों में चुनाव संपन्न हुए, जिनमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतें शामिल हैं। इन निकायों के लिए मतदान 23 जनवरी को हुआ था, जिसके बाद 25 जनवरी से मतगणना की प्रक्रिया आरंभ हुई। मतों की गिनती 26 जनवरी की दोपहर बाद तक चली और इसके बाद विजेताओं की घोषणा की गई। इन चुनावों में भाजपा ने निकाय प्रमुख के 42 पदों पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस ने 27, बसपा ने दो और निर्दलीय प्रत्याशियों ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की। पार्षद, सभासद और सदस्य पदों की बात करें तो कुल 1280 में से 455 सीटों पर भाजपा, 169 पर कांग्रेस, दो पर बसपा, एक पर उक्रांद, दो पर आम आदमी पार्टी और 651 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे।
प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को 7 फरवरी तक शपथ दिलाई जाएगी। इसमें नगर निगमों के मेयर, नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष, नगर पंचायतों के अध्यक्ष और निगमों के पार्षद व सभासद शामिल होंगे। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शपथ ग्रहण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और गरिमामय तरीके से पूरा करने के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। निकाय चुनाव के परिणामों के बाद से ही प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि समारोह में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
निकाय चुनावों के इस बार के नतीजे काफी दिलचस्प रहे। भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिली, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी बड़ी संख्या में जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया। खासकर पार्षद और सभासद के चुनावों में निर्दलीयों का दबदबा देखने को मिला। यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर जनता ने दलगत राजनीति से हटकर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को चुना। आम आदमी पार्टी और बसपा को भी कुछ सीटें मिलीं, लेकिन वे कोई बड़ा प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहीं।
अब जब सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने कार्यकाल की शुरुआत करने जा रहे हैं, तो प्रदेश की जनता को भी उम्मीद है कि उनके क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेजी से अमलीजामा पहनाया जाएगा। निकाय स्तर पर सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति, सड़क निर्माण, स्ट्रीट लाइट व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और अन्य नागरिक सुविधाओं को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी इन नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की होगी। प्रदेश सरकार भी इस बार नगर निकायों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करने पर विचार कर रही है ताकि स्थानीय प्रशासन को मजबूती मिले और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सभी नगर निकायों में तैयारियां की जा रही हैं। जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, शपथ ग्रहण के तुरंत बाद नगर निकायों की पहली बैठक होगी, जिसमें आगामी योजनाओं और कार्यों पर चर्चा की जाएगी। अब देखना होगा कि ये नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं और आने वाले वर्षों में प्रदेश के शहरी विकास को किस दिशा में ले जाते हैं।