रामनगर(एस पी न्यूज़)। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शीतकालीन अवकाश के बाद 3 फरवरी 2025 से सभी स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में शिक्षण कार्य पुनः शुरू हो गया है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एम.सी. पाण्डे ने सभी विद्यार्थियों को अपनी कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित होने की अपील की है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह याद दिलाया कि उच्च शिक्षा निदेशालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति रखने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने का अवसर नहीं मिलेगा। यह नियम विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है, और इसका पालन करना प्रत्येक छात्र की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही, प्राचार्य प्रो. पाण्डे ने यह भी स्पष्ट किया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली जल्द ही लागू की जाएगी, जिसके बाद विद्यार्थियों की उपस्थिति की निगरानी सीधे शासन द्वारा की जाएगी।
महाविद्यालय के शिक्षकों ने शीतकालीन अवकाश के दौरान भी छात्रों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया था, ताकि विद्यार्थियों का शैक्षिक कार्य प्रभावित न हो। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पाण्डे ने इस पहल को छात्रों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं को अवकाश के दौरान भी अपनी पढ़ाई से जुड़े रहने का मौका मिला। यह कदम महाविद्यालय द्वारा छात्रों की शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने के लिए उठाया गया था। शीतकालीन अवकाश के बाद कक्षाओं के पुनः शुरू होने से विद्यार्थियों के मनोबल को भी बढ़ावा मिला है, क्योंकि अब वे नियमित रूप से अपनी कक्षाओं में भाग लेकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं।
प्रो. पाण्डे ने विद्यार्थियों को इस बात के लिए भी सचेत किया कि कक्षा में उपस्थिति महत्वपूर्ण है, और नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित होकर ही वे अपने पाठ्यक्रम को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने यह कहा कि परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता होती है, और यदि विद्यार्थी इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर नहीं मिलेगा। विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है। प्राचार्य ने इस दौरान यह भी बताया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के लागू होने के बाद विद्यार्थियों की उपस्थिति पर पूरी तरह से शासन की नजर रहेगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी छात्र कक्षा से अनुपस्थित न रहे और उसकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
महाविद्यालय के प्राचार्य ने यह भी कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद अब सभी विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित हों और सभी शैक्षिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें। इससे न केवल उनकी शैक्षिक सफलता सुनिश्चित होगी, बल्कि वे भविष्य में अपने करियर के लिए भी तैयार हो सकेंगे। कक्षाओं में उपस्थित रहकर विद्यार्थी अपनी शिक्षाओं को प्रभावी तरीके से प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें अच्छे अंक प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
महाविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों के हित में यह कदम उठाया है, ताकि वे बिना किसी अवरोध के अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें। विद्यार्थियों को यह समझना होगा कि उनकी शिक्षा का भविष्य उनकी कक्षा में उपस्थिति और प्रयासों पर निर्भर करता है। प्राचार्य प्रो. पाण्डे के अनुसार, यह जरूरी है कि सभी विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित हों, ताकि उनका शैक्षिक विकास बिना किसी रुकावट के होता रहे और वे आने वाली परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकें।
महाविद्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को लागू करने से विद्यार्थियों की उपस्थिति की सटीक निगरानी की जा सकेगी, जिससे कोई भी छात्र कक्षा से अनुपस्थित नहीं हो पाएगा। शासन की ओर से निगरानी के बाद विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक अनुशासन और भी मजबूत होगा, और उन्हें अपनी पढ़ाई में पूरी तरह से समर्पित होने का मौका मिलेगा। इस पहल से महाविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों का उद्देश्य छात्रों को एक संरचित और अनुशासित शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है। इसके साथ ही, विद्यार्थियों को भी यह अहसास होगा कि उनकी पढ़ाई के प्रति उनकी जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है।